Monday, 10 February 2025

कांग्रेस पार्टी के पुनर्गठन हेतु सुझाव

      -कांग्रेस पार्टी के पुनर्गठन हेतु सुझाव-

                   सन 1984 के बाद कांग्रेस ने अपना वास्तविक जनाधार खोना प्रारंभ किया।
1991 सहानुभूति व 2004 में एंटी इनकम्बेंसी, 2009 में शानदार योजनाओं के बल पर सत्ता मिली।
बिहार, उत्तरप्रदेश ,मध्यप्रदेश महाराष्ट्र, गुजरात, जम्मूकश्मीर,उत्तराखंड, बंगाल, उड़ीसा,तमिलनाडु,राजस्थान जैसे बड़े राज्यों में कोर मतदाता कांग्रेस से दूर होते चले गये।
इसकी मुख्य वजह संगठनात्मक कमजोरी व निष्क्रियता के कारण मतदाता तक सुगम पहुँच नही होना भी रहा है।

कांग्रेस को मजबूत करने के लिये मुख्य रूप से 7 काम करने होंगे।

1.कोर वोटर को पुनः विश्वास में लेना।
2. सहयोगी संगठनो को सक्रिय करना
3. समय पर कड़े निर्णय लेना।
4. किसी हाल में गठबंधन नहीं कर स्वतंत्र 100%सीटों पर चुनाव लड़ना।
5. बूथ लेवल से राष्ट्रीय स्तर तक डेलीगेट्स व्यवस्था ढाँचा
6. मीडिया से सन्तुलन बैठा कर भागीदारी निश्चित करना।
7. पाँच सिद्धान्त


1. कांग्रेस के कोर वोटर को विश्वास में लेना:-

1.1.ब्राह्मण 6%
1.2.अल्पसंख्यक 14%
1.3. SC 12%
1.4. ST  12%
1.5. जाट 8%
1.6. मूल ओबीसी  43%
यह वोटर यदि पुनः जुड़ जावें तो निश्चित ही स्थिति में सुधार होगा।

2. सहयोगी संगठनों की सक्रियता को बढ़ाना :-
कांग्रेस के सहयोगी संगठन :-
2.1. NSUI
2.2. किसान कांग्रेस
2.3. इंटक
2.4. सेवादल
2.5. युवा कांग्रेस
2.6. महिला कांग्रेस
2.7. विभिन्न प्रकोष्ठ जैसे SC/ST प्रकोष्ठ, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ, OBC प्रकोष्ठ, न्याय प्रकोष्ठ आदि।
2.8 शिक्षक कांग्रेस
                    विभिन्न स्तर पर इन संगठनों को सक्रिय कर कैलेंडर जारी कर वास्तविक रूप से नियमित संवाद करने की ज़रूरत है जिस से मतदाता तक आसान पहुँच बनाई जा सके।

3. समय पर कड़े निर्णय लेना :-
                         इन 20 वर्षों में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का 65% दूसरी पार्टियों में दल बदल कर पार्टी से गद्दारी कर के चला गया और हम अवाक मुंह ताकते रह गये।
पार्टी के लोगों को विश्वास में लेकर कुछ कठोर निर्णय लेने की परंपरा (इंदिरा जी की तरह) डालनी होगी।
बगावत कहीं भी हो रही है या होने की संभावना है तो एक गुप्त समिति जो शीर्ष नेतृत्व के निर्देशन में कार्य करे से रिपोर्ट ले कर तुरंत निर्णय लिया जाना चाहिये।
पार्टी विरोधी गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिये प्रत्येक स्तर पर कड़ी निगरानी व कठोर कार्यवाही की आवश्यकता है।

4. गठबंधन नहीं करना :-
            कांग्रेस पार्टी ने समय समय पर विभिन्न छोटे-बड़े दलों से गठबंधन कर मतदाताओं को भ्रमित किया है और मतदाता अनायास ही दूसरे दल से जुड़ जाता है।
हाल ही में up में हारे ज़रूर हैं पर किसी से गठबंधन नहीं करने का निर्णय एकदम सही है जिस के दूरगामी परिणाम सकारात्मक होंगे।
पूर्ण बहुमत न मिलने की स्थिति में सरकार में शामिल हो कर भागीदारी के साथ सरकार बनाने में कोई हर्ज नहीं है।

5. बूथ लेवल से राष्ट्रीय स्तर तक कैडर निर्माण :-
5.1. कांग्रेस बूथ वर्किंग कमेटी CBWC
   यह सब से महत्वपूर्ण समिति हो जिस मे उस बूथ के 100 मतदाताओं पर एक सदस्य का चयन किया जावे।
                   उस बूथ का मतदाता चाहे वो किसी भी राज्य/राष्ट्रीय स्तर पर हो (प्रधानमंत्री से वार्ड पंच तक) CBWC का सदस्य होगा।
                   संचालक मंडल में 3 वयोवृद्ध कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संरक्षक मंडल में स्थान दिया जावे।
                     33 % महिला, व अन्य सामाजिक संगठनों,जातियों विशेषकर कोर ग्रुप जातियों को विशेष स्थान दिया जावे।
                    स्थाई कार्यालय हो जो व्यक्तिगत न हो सार्वजनिक या किराये के स्थान पर हो सकता है।
                    वर्ष में 6 बार CBWC की बैठक अनिवार्य हो।
                  CBWC के संचालन हेतु कुछ पुनर्भरण राशि की व्यवस्था भी आवश्यक है।
                  कोई भी कार्यक्रम CBWC की प्रतिभागिता के बिना न हो व वर्ष में एक बार उच्च स्तर का एक कार्यक्रम एक बूथ पर अवश्य हो।
                   प्रत्यासी के चयन हेतु ऊपर से थोपने/पैराशूट प्रत्यासी के स्थान पर CBWC की राय से ही हो। व चुनाव संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका भी दी जावे।
                   विधायक/ सांसद किसी तरह की कोई रिकमण्ड बिना CBWC की सहमति के नहीं कर सकेगा न ही स्वयं के विवेक से पार्टी स्तर का निर्णय ले  सकेंगे। 
                    प्रत्येक कार्यक्रम में इनकी सहभागिता अनिवार्य होगी।

5.2. CVWC/ CNWC कांग्रेस ग्राम/ नगर वर्किंग समिति :-
                 कांग्रेस CBWC के सदस्य इस के सदस्य होंगे जो CVWC/CNWC के अध्यक्ष का चुनाव करेंगे व             
               शेष कार्य CBWC की तर्ज़ पर होंगे।

5.3.CLWC कांग्रेस विधानसभा वर्किंग कमेटी :-
              यह विधानसभा क्षेत्र  स्तर का संगठन होगा जिस के अध्यक्ष का चयन CVWC/CNWC के सदस्य करेंगे। विधायक या प्रत्यासी इस का सदस्य होगा।
           शेष व्यवस्था CBWC की तर्ज़ पर होंगी।

5.4. CPWC कांग्रेस लोकसभा वर्किंग कमेटी :-
         सदस्य CLWC के द्वारा अध्यक्ष का चयन 
                     राज्यसभा,लोकसभा सदस्य या प्रत्यासी अनिवार्य सदस्य होंगे।
          शेष व्यवस्था CBWC की तर्ज़ पर   

5.5. CZWC कांग्रेस संभाग स्तरीय वर्किंग समिति :-
        कांग्रेस पार्लियामेंट वर्किग समिति के सदस्य इस के अध्यक्ष का चयन किया जावेगा।
         शेष व्यवस्था CBWC की तर्ज़ पर।

5.6 CSWC कांग्रेस राज्य कार्य समिति :-
            CLWC,CPWC व CZWC के सदस्य कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष का चयन करेंगे।
शेष व्यवस्था CBWC की तर्ज़ पर 

5.7 CMSWC  कांग्रेस मल्टी स्टेट वर्किंग समिति :-
           CZWC व CSWC के सदस्य मिलकर तीन राज्यों की एक यूनिट CMSWC का निर्माण करेंगे व अध्यक्ष चुनेंगे।
मल्टी स्टेट यूनिट (MSWC)
क्षेत्र व भौगोलिक एकता की स्थिति वाले राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की एक यूनिट जिस के सदस्य ज़ोन व स्टेट वर्किंग कमेटी द्वारा चुने जावेंगे सदस्य होंगे जो राष्ट्रीय कार्यकारिणी का गठन करेंगे।
8 भौगोलिक क्षेत्र यूनिट-
(अ) कश्मीर (2),जम्मू(2),लद्दाख(2) व हिमाचल प्रदेश(2) - उत्तर भारत हिमालय क्षेत्र NIHUWC कुल - 8 सदस्य
(ब)राजस्थान(5),पंजाब(3),हरियाणा(3),दिल्ली(2) व चंडीगढ़(2) - पश्चिम भारत वर्किंग कमेटी WIUWC कुल 15- सदस्य
(स) उत्तरप्रदेश(6),बिहार(5) व उत्तराखंड(3) गंगा नदी क्षेत्र वर्किंग कमेटी GRUWC कुल -14 सदस्य
(द) पश्चिम बंगाल (5),उड़ीसा(3),झारखंड(3),आसाम(3) ब्रह्मपुत्र नदी क्षेत्र वर्किंग कमेटी BRUWC कुल  -14 सदस्य
(य) गुजरात(3),महाराष्ट्र(5),गोआ(2),दादरा-नगर हवेली(2) व दमन दीव(2) अरब सागर,लक्षयदीप(2) क्षेत्र AOUWC कुल  -16 सदस्य
(र) कर्नाटक(5),मध्यप्रदेश(5) व आंध्रप्रदेश(3) व तेलंगाना(3)  मध्य भारत क्षेत्र वर्किंग कमेटी MIUWC कुल - 16 सदस्य
(ल) केरल(3),तमिलनाडु(5),पांडिचेरी(2),अंडमान निकोबार द्वीप समूह(2) दक्षिण भारत क्षेत्र वर्किंग कमेटी SIWC कुल - 12 सदस्य
(ल) मेघालय(2),मणिपुर(2),अरुणाचल प्रदेश(2),सिक्किम(2),त्रिपुरा(2)नागालैंड(2),मिजोरम(2)पूर्वी भारत क्षेत्र वर्किंग कमेटी EIWC कुल 14 सदस्य 
समस्त 8 यूनिट के 109 चयनित सदस्य होंगे
इसके साथ ही सभी मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष,सांसद इसके सदस्य होंगे।
शेष व्यवस्था CBWC की तर्ज़ पर

5.8. CWC कांग्रेस वर्किंग कमेटी :-
                   CMSWC व CSWC के सदस्य मिलकर राष्ट्रीय अध्यक्ष का चयन करेंगे व राष्ट्रीय स्तर पर कार्य संचालन करेंगे।

6. मीडिया से सकारात्मक सहयोग :-
              मीडिया आज की तारीख में कांग्रेस विरोधी है यह मानने में किसी को एतराज नहीं होना चाहिये।
              मीडिया को एनकेन प्रकारेण साथ लाना ही होगा जिस से वो किसी तरह की नकारात्मक भावना प्रकट न करे। इस को अंकुश के स्थान पर बुद्धिमत्ता व लालच/अनुदान से साथ लिया जा सकता है।
                साथ ही कांग्रेस मानसिकता के पत्रकारों को आगे बढ़ने के लिये सहयोग कर बराबर की मीडिया कवरेज कर विपक्ष समर्थक मीडिया को प्रोपगंडा करने से रोका जा सकता है।

7. पाँच सिद्धांत
1 एक व्यक्ति एक पद
2 लाख जाये पर साख न जाये
3 चयन योग्यता के अनुसार
4 दागी-बागी से परहेज
5 परिवार बाद से दूरी

कांग्रेस समर्थक
शमशेर भालुखान
269 सदफ़ आशियाना
कायमखानी बस्ती
सहजूसर
जिला व तहसील चूरू
राजस्थान
मोबाईल - 9587व43963
Mail -sambhalu36@gmail.com

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