Friday, 21 February 2025

उर्दू

उर्दू का पहला अखबार "जाम जहांनुमा" था जो 1822 ने कलकत्ता में पब्लिश हुआ था, इसे हरिहर दत्ता जी ने शुरू किया था, मुंशी सदासुख मिर्ज़ापुरी इसके पहले संपादक थे,
उर्दू को लेकर बहुत सी गलतफहमियां हैं और सबसे बड़ी ये है कि ये सिर्फ "मुसलमानों" की ज़ुबान रही है, लेकिन फ़िराक़ गोरखपुरी ( रघुपति सहाय),मुंशी प्रेमचंद(धनपत राय) नरेश कुमार शाद,भूपेंद्र कोशिक जैसे और भी कई बड़े शायर और लेखक उर्दू ज़ुबान में लिखने का काम करते रहे हैं, 
इसके अलावा कई बड़े नाम मौजूदा वक्त में भी मौजूद हैं जिसमें अज़ीम शख्सियत गोपीचंद नारंग जैसी हैं जो उर्दू में लिखने का काम बरसो से करते रहे हैं वहीं "गुलज़ार" एक बड़े उर्दू ज़ुबान के खिदमतगार हैं।

No comments:

Post a Comment