Thursday, 21 July 2022
Tuesday, 19 July 2022
उर्दू हेतु जाहिदा खान को पत्र
सेवामें,
मोहतरमा जाहिदा खान साहिबा
माननीया शिक्षा राज्य मंत्री, राजस्थान सरकार, जयपुर। विषय :- राजस्थान सरकार द्वारा उर्दू विषय के संबंध में दिनांक 21 .11 .2020 व दिनांक 31 दिसंबर 2021 को किए गए समझौते के क्रम में
संदर्भ :- दांडी समझौता 2020 व शहीद स्मारक समझौता 2021
महोदया :-
उपरोक्त सन्दर्भ व विषयांतर्गत सादर निवेदन है कि राजस्थान सरकार द्वारा उर्दू विषय की घोर उपेक्षा से आहत होकर दिनांक 1 नवंबर 2020 से चूरू से दांडी यात्रा शुरू की गई जिसे राजस्थान सरकार के प्रतिनिधि श्रीमान खानु खान बुधवाली चेयरमैन राजस्थान वक़्फ़ बोर्ड, तत्कालीन शिक्षा मंत्री श्रीमान गोविंद सिंह डोटासरा, जिला कलेक्टर उदयपुर, श्रीमान निदेशक प्रारंभिक व माध्यमिक शिक्षा बीकानेर के मध्य 9 बिंदुओं पर समझौता हुआ जिसके पश्चात यात्रा 21.11.2020 को स्थगित कर दी गई। समझौते की शर्तें पूर्ण होने पर 2 अक्टूबर 2021 से यात्रा उदयपुर से दांडी पुनः शुरू की गई जिसे जिला कलेक्टर डूंगरपुर द्वारा रोक कर समझौते हेतु जयपुर भिजवा दिया गया।
जयपुर में चलें लंबे अनशन व धरने के बाद दिनांक 31 दिसंबर 2021 को श्रीमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी व आंदोलनकारियों के मध्य हुए समझौते में सभी समस्याओं के निस्तारण हेतु आश्वासन दिया गया।
खेद का विषय है इन समस्याओं का आज दिनांक तक समाधान नहीं हो पाया। समझोते के बिंदु इस प्रकार हैं :-
01 - राजस्थान के राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में अध्ययनरत बालकों हेतु उर्दू विषय प्रारंभ करने के लिये समझौता हुआ इस बाबत राजस्थान सरकार ने 26 जुलाई 2021 को आदेश भी जारी कर दिये परंतु अधिकारियों ने इस आदेश पर किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की।
आदेश ज्यों का त्यों आज दिनांक तक उपेक्षित पड़े हैं। राजस्थान सरकार के आदेश व बजट घोषणा के अनुसार जिस राज्य के प्राथमिक विद्यालय में 20 या इस से अधिक बच्चे उर्दू पढ़ने वाले होंगे वहां पर उर्दू विषय का पद सृजित किया किया जावेगा, पर अफसोस की बात यह आदेश आज दिनांक तक लागू नहीं हो पाया।
02 - राजकीय महात्मा गांधी विद्यालयों में संस्कृत विषय स्वतः स्वीकृत होता है परंतु उर्दू विषय के लिए लड़ाई लड़नी पड़ती है जबकि संस्कृत उर्दू पंजाबी गुजराती सिंधी कक्षा 09 से 10 तक तृतीय भाषा है व कक्षा 01 से 08 तक उर्दू पंजाबी गुजराती सिंधी अल्प भाषाएं हैं, जिनका सुरक्षा भारत सरकार में राजस्थान सरकार द्वारा किए जाने का आदेश 13.12. 2004 लागू होना चाहिये अफसोस की बात है के इन विद्यालयों में उर्दू का पद जहां सृजित था वह भी समाप्त कर दिया गया और वहां बच्चों को बलात संस्कृत पढ़ने हेतु मजबूर किया जा रहा है।
निवेदन है कि महात्मा गांधी विद्यालयों में जहां पूर्व में उर्दू विषय था उसे यथावत रखते हुए राजस्थान सरकार के 21 जनवरी 2020, 29 अक्टूबर 2021 के आदेश के अनुसार किसी भी विद्यालय में उर्दू पढ़ने के इच्छुक 10 बच्चे होने पर संस्कृत की तरह स्वतः उर्दू विषय का पद सृजित होना चाहिये।
03 - जिन महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालयो में उर्दू विषय स्वीकृत हो चुका है वहाँ तुरन्त इंटरव्यू आमंत्रित कर अध्यापक लगवाये जावें।
04 - राजस्थान में 11728 स्कूलों में उर्दू पढ़ने वाले 500000 से अधिक बच्चे अध्ययनरत हैं परंतु वहां पर या तो विषय स्वीकृत नहीं है या विषय स्वीकृत है तो उर्दू शिक्षक नहीं हैं, और इन 11728 (सूची संलग्न है) में से मात्र 1016 विद्यलयों में ही उर्दू विषय के पद ही स्वीकृत किए गए हैं निवेदन है कि शाला दर्पण पर संस्कृत के साथ ही शुरू किया जावे।
05 - राजकीय स्वामी विवेकानंद मॉडल विद्यलयों में सिर्फ शिव बाड़मेर में उर्दू विषय का एक पद स्वीकृत है, स्वामी विवेकानंद मॉडल विद्यालय प्रधानाध्यापक से सम्पर्क करने पर उनके द्वारा उर्दू बिषय की मैपिंग हेतु व उर्दू ऑप्शन हेतु साफ मना कर दिया गया।
अतः जिस स्वामी विवेकानंद मॉडल स्कूल में 10 या इस से अधिक उर्दू पढ़ने के इच्छुक छात्र हैं वहां उर्दू विषय के पद स्वीकृत कर उर्दू संचालन की व्यवस्था करवाई जावे।
06 राजकीय कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय जिन में से 90 विद्यालय अल्पसंख्यक समुदाय की बालिकाओं हेतु खोले गये, परन्तुं मात्र 14 विद्यलयों में ही उर्दू विषय के पद सृजित हैं। निवेदन है कि सभी कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यलयों में उर्दू पद स्वीकृत किये जा कर शिक्षण की व्यवस्था करवाई जावे।
07 राजकीय विद्यालयों के प्रधानाध्यापक/प्रधानाचार्य द्वारा जानबूझकर उर्दू विषय की उपेक्षा की जा रही है इसका उदाहरण झोटवाड़ा के एक शहीद के नाम से उच्च माध्यमिक विद्यालय और जयपुर सहित बहुत सारे ऐसे विद्यालय हैं जहां उर्दू विषय पढ़ने वाले बच्चे हैं बच्चे उर्दू पढ़ना चाहते हैं लेकिन प्रधानाध्यापक जबरन उनको संस्कृत विषय पढ़ा रहे हैं। यह राजस्थान सरकार के प्रति अधिकारियों की घोर उपेक्षा है अतः निवेदन है कि ऐसा आदेश फरमाए कि प्रत्येक प्रधानाध्यापक उर्दू विषय या अन्य विषय के इच्छुक विद्यार्थियों को उनका विषय पढ़ने हेतु स्वतंत्रता पूर्वक विषय चयन का अधिकार दें।
08 - निवेदन है कि दिनांक 31 दिसंबर 2021 को माननीय मुख्यमंत्री महोदय ने हमारे द्वारा दिए गए पत्र पर तुरंत अपने हस्ताक्षर करते हुए कहा कि राजस्थान के अल्पसंख्यक क्षेत्रों में जहां-जहां विद्यालयों की आवश्यकता है वहां-वहां नवीन प्राथमिक विद्यालय खोले जाएंगे पर अफसोस की बात है वर्तमान में खोले गए विद्यालयों में अल्पसंख्यक क्षेत्रों के विद्यालय न्यूनतम हैं। भरतपुर, अलवर, बाड़मेर, जैसलमेर,जोधपुर, बीकानेर, व चूरू में ऐसे बहुत सारे क्षेत्र हैं जो राजकीय विद्यालयों से वंचित हैं।
इस हेतू आपको कई बार पत्र लिखे गये और माननीय मुख्यमंत्री महोदय ने भी तुरंत कार्यवाही करने हेतु आदेश दिए पर अफसोस की बात है कि राजस्थान सरकार के मुखिया माननीय अशोक गहलोत जी के द्वारा दिए गए निर्देशों की घोर अवहेलना अधिकारियों द्वारा की जा रही है।
निवेदन है कि जिन क्षेत्रों में नवीन विद्यालयों की आवश्यकता है वहां राजकीय प्राथमिक विद्यालय खुलवाएं। चूरू से 7 विद्यालयों के प्रस्ताव ब्लाक व जिला स्तर द्वारा माननीय निदेशक महोदय को प्रेषित किए जा चुके हैं परंतु कोई कार्यवाही अमल में नहीं लाई गई। अतः निवेदन है कि आपको प्रेषित सूची के अनुसार व आवश्कता वाले सभी क्षेत्रों में नवीन राजकीय प्राथमिक विद्यालय खुलवाने का श्रम करावे।
09 - इसी प्रकार बहुत सारे ऐसे विद्यालय हैं जो कई वर्षों से राजकीय प्राथमिक विद्यालय के रूप में स्थापित हैं परंतु उनको क्रमोन्नत नहीं किया गया ऐसे विद्यालय जो आबादी क्षेत्र में है और क्रमोन्नत होने के लायक हैं उन्हें क्रमोन्नत करवा कर अनुग्रहित करें।
हमें आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि आप इस महत्वपूर्ण मांग पत्र को मंत्रालय वह निदेशालय स्तर पर भिजवाते हुए 101% कार्यवाही करवाने का कार्य करेंगी। हम आपके आभारी रहेंगे।
धन्यवाद।
भवदीय,
शमशेर भालू खान गांधी
ग्राम पोस्ट सहजूसर
जिला व तहसील चूरू राजस्थान
पिन कोड 331001
मोबाइल नंबर 9587 2439 63
मेल - sambhalu36@gmail.com
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