Friday, 11 September 2015

. indian education system

भारतीय शिक्षा वयव्स्था में कुछ आमूलचूल परिवर्तन की महत्ती आवशयकता है 1
सब से पहले सरकारी स्कूलों का ढांचा सुधारने की ज़रूरत है जिस में प्रशासनिक व अकादमिक दोनों ही स्तर में सुधार के लिये कुछ उपाय करने चाहिये
अकादमिक सुधार के   लिये शिक्षा विभाग की  द्विस्तरीय वयव्स्था को समाप्त कर एकीकृत कर देना चाहिए 1
माधयमिक व प्रारम्भिक शिक्षा विभाग को एकीकृत कर निदेशक अकादमिक व निदेशक  प्रशाशनिक , उप निदेशक प्रशासनिक व उप निदेशक अकादमिक व जिला शिक्षा अधिकारी प्रशासनिक व जिला शिक्षा  अधिकारी अकादमिक बी इ इ ओ  के स्थान पे बी इ ओ प्रशाशनिक व बी इ ओ अकादमिक पद हो जिस में प्रशानिक  पद पे आई  ए एस / आर ए एस  स्तर के और अकादमिक में शिक्षा विभाग के प्रिंसिपल स्तर के अधिकारी हों 1 प्रशाशनिक अधिकारी विभागीय दायित्वों और अकादमिक अधिकारी शिक्षा एवं शिक्षण कार्यों के  प्रति ज़िम्मेदार हों 1  प्रत्येक  स्कूल का  अधिकतम 10 दिन के बाद गहन निरीक्षण पर्यवेक्षण व संबलन हो 1 कार्यालयों व स्कूलों में पेरा स्टाफ हो विद्यालय आधुनिक सुविधाओं जैसे कंप्यूटर पुस्तकालय फर्नीचर सुलभ आवागमन टॉयलेट्स बिजली पानी इलेक्ट्रानिक अटेंडेंस कैंटीन खेल मैदान खेल सामग्री भाषा /विज्ञानं/ से संबंधित लेबोरेटरी इंटरनेट बुक फ्री इ बुक सिस्टम वेल ट्रेण्ड टीचिंग स्टाफ जीपीएस से जुडी स्कूल हेड मास्टर/प्रिंसिपल की लोकेशन को २४ घंटे ट्रेस कर स्कूल सिस्टम व एजुकेशन सिस्टम को सुधरा जा सकता ह
इसके साथ ही धार्मिक शिक्षा चाहे किसी भी धरम की हो से संबधित शिक्षण संस्था में कट्टरवाद /फासीवादी शिक्षा पर  रोक लगा कर उन में आज के समय की शिक्षा प्रदान करना नितांत अनिवार्य कर उन की गहनता से जाँच करते रहना चाहिए

                                                               शमशेरभालू खान
                                                                  9587243963 

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