Monday, 20 June 2022

भारत सरकार का आदेश अग्निवीर दिनांक 19.06.2022

भरत सरकार का तीनों सेनाध्यक्ष के नाम पत्र दिनांक 19 जून 2022

हिंदी में :-

19/2022/1
एफ.सं. 9(1)/2022/एफ (आरंभिक जुड़ाव/सेवाएं)
भारत सरकार रक्षा मंत्रालय
नई दिल्ली, 17 जून, 2022

प्रति
थल सेनाध्यक्ष, वायुसेनाध्यक्ष, नौसेनाध्यक्ष,

विषय : -हाल ही में नामांकित जवानों/एयरमैन/नाविकों के लिए सेवा की संशोधित शर्तें और कार्यकाल।

श्रीमान,

मुझे इस मंत्रालय के पत्र सं. एफ.सं. 9(1)/2022/F दिनांक 17 जून, 2022, ऊपर दिए गए विषय पर और यह कहने के लिए कि 01 जनवरी, 2019 के बाद अनुप्रमाणित ओआरएस और 01 जुलाई, 2022 को नाइक या समकक्ष के मूल पद पर पदोन्नत नहीं किया गया है नई अग्निपथ योजना के तहत रखा जाएगा।

2. उपर्युक्त ओआरएस को पांच के पूरा होने के बाद नए सिरे से चयन प्रक्रिया से गुजरना होगा
सेवा के वर्ष। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि ओआरएस का केवल 25% ही इसे अगले चरण में बना पाएगा और
इसे नए पायलट प्रोग्राम ट्रेडों के लिए फिर से जमा किया जाएगा, बाकी ओआरएस के अनुसार छुट्टी दे दी जाएगी
'सेवा निधि' के बजाय मौजूदा निर्वहन नीतियां।

3 उपर्युक्त ओआरएस जिन्हें वीरता पुरस्कार/प्रशंसा/समकक्ष से सम्मानित किया जाता है, उन्हें चयन प्रक्रिया में अतिरिक्त महत्व दिया जाना है।

4. डिस्चार्ज होने के लिए चुने जाने वाले ओआरएस को मौद्रिक लाभ प्रदान किया जाना है
भविष्य निधि और प्रोत्साहन, छुट्टी नकदीकरण और समूह बीमा योजना एकमुश्त राशि सहित।

भवदीय डी रमन्ना) अपर सचिव, गोओआई

अंग्रेजी में :-

19/2022/1
F.No. 9(1)/2022/F (Initial Engagement/Services)
Government of India Ministry of Defense
New Delhi, the 17th June, 2022

To
The Chief of the Army Staff The Chief of the Air Staff The Chief of the Naval Staff

Subject : Revised terms and tenure of service for recently enrolled Jawans/Airmen/Sailors.

Sir,

1. I am directed to refer to this Ministry's letter no. F.No. 9(1)/2022/F dated 17 June, 2022, on the subject sited above and to say that the ORs attested after 01" January, 2019 and not promoted to the substantive rank of Naik or equivalent on 01 July, 2022 are to be kept under the new Agnipath Scheme.

2. The above mentioned ORs are to undergo fresh selection process after their completion of five
years of service. It is to be noted that only 25% of the ORS will be making it to the next stage and the
same will be remustered to new pilot programme trades, Rest of the ORs to be discharged as per
existing discharge policies instead of 'Seva Nidhi'.

3 The above mentioned ORS who are awarded with gallantry awards/commendations/equivalent are to be given extra weightage in the selection process.

4. ORS that will be shortlisted to get discharged are to be provided with monetary benefits

including Provident Fund and Incentives, Leave Encashment and Group Insurance Scheme Lump sum.

Yours faithfully D Ramanna) Additional Secretary to Gol

Tuesday, 14 June 2022

पूर्व विधायक स्वर्गीय श्री भालू ख़ाँ


चूरू के विधायक जनाब भालू खां साहब जून 1980 से 1985

       कलम 
श्री राधेश्याम चौटिया 
दादा कायम खान के 602 वे शहादत दिवस पर चूरू के प्रथम अल्पसंख्यक विधायक दादा कायम खान के वंशज 36 कोम से पारिवारिक रूप से जुड़े हुए मरहूम श्री भालू खान जी को नमन करते हुए कहना चाहूंगा।
अल्पसंख्यक विधायकों में एकमात्र यही ऐसे शख्स  रहे जो ग्रास रूट से सामान्य से सामान्य व्यक्ति और कांग्रेसी जनों से जुड़े हुए थे जिसमें 36 कोम के सभी वर्गों के लोग उनकी टीम में शामिल थे।
एक भी कार्यकर्ता यदि उन्हें कुछ समय नहीं दिखता तो वह चिंतित हो जाते थे और तुरंत उस कार्यकर्ता के पास पहुंच जाते थे और अधिकार स्वरूप अपने ठेठ देहाती भाषा में  भला बुरा कह कर अपने साथ बिठा के ले आते थे मेरे ख्याल से 1980 के बाद ही ग्रामीण क्षेत्र के कांग्रेस जनों ने शहर की आबोहवा देखनी प्रारंभ की थी, मुझे याद है पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस की मेहंदी के पौधों पर ग्रामीण क्षेत्र के कार्यकर्ताओं के धोती कुर्ते सूखते रहते थे।
भालू खान जी के वक्त में पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस कांग्रेस की राजनीति का सेंटर बन गया था देश में जब शिक्षित बेरोजगार योजना लांच की गई उस वक्त के जिला उद्योग अधिकारी ने 300 लोगों की सूची स्वीकृत की किंतु जानबूझकर कांग्रेस के लोगों को उस सूची से बाहर रखा गया तब रियाजत अली खान, सुबोध मासूम, ताराचंद  बांठिया, इलियास अहमद खा,न  जीएन अंसारी, सुशील जी ओझा, इदरीश खत्री व फजले हक चौहान जैसे दर्जनों कांग्रेस कार्यकर्ता जिला उद्योग केंद्र के आगे धरने पर बैठ गये।
धरने के 2 दिन बाद मरहूम भालू खान जी उस वक्त के कांग्रेश के बहुत बड़े ताकतवर नेता मरहूम आरिफ मोहम्मद साहब को लेकर चूरु पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस आए हमेशा कार्यकर्ताओं से घिरे रहने वाले भालू खान जी ने जब देखा के युवा कार्यकर्ता नहीं है तो उन्होंने पूछा कि आज मेरे लड़के दिखाई नहीं दे रहे हैं तो किसी ने उन्हें बताया कि वह तो डी आई सी के आगे धरने पर बैठे हैं।
आप आश्चर्य करेंगे भालू खान जी ने आरिफ साहब को पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस बैठाया और स्वयं भूमि विकास बैंक की  जीप लेकर धरना स्थल पर पहुंच गए और हमें डांटने लगे मेरे कार्यकर्ताओं को मेरे बच्चों को धरने पर बैठने की क्या नौबत आ गई अभी तो भालू खान जिंदा है। उन्होंने हम सबको उठाया पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस लेकर आए और 2 दिन बाद ही 35 से 40 कांग्रेस जनों के नाम सूची में जोड़ दिये।
गए उस दौर में हम नो सीखिए कार्यकर्ता थे, 1982 में भारतीय युवा समाज के अध्यक्ष श्री सुबोध मासूम ने सांसद के रूप में वर्तमान मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत को चूरु आने का  निमंत्रण दिया।
संयोग से गहलोत साहब उस दौरान  इंदिरा जी  के मंत्रिमंडल में  मंत्री बन गए और बीकानेर होते हुए आगे बढ़ो दहेज हटाओ कार्यक्रम में भाग लेने चूरु पधारे हमारे ग्रुप के नेता भाई रियाज खान, सुबोध मासूम मैं स्वयं, मरहूम GN अंसारी, इदरीश खत्री, हरि शर्मा ,फजले हक चौहान व स्वर्गीय  समुद्र सिंह राठौड़ आदि ने बिना भालू खान जी  से चर्चा किये अशोक गहलोत जी का कार्यक्रम रख दिया।
कार्ड छपवा दिये जिसमें अध्यक्षता चूरू विधायक भालू खान जी अंकित थी उसी दिन सुराणा स्मृति भवन में लंबा चौड़ा टेंट लगा था हम तो नव सीखिए थे हमने सोचा गहलोत साहब वहां भी कार्यक्रम में जाएंगे हमने कार्यक्रम मनोरंजन क्लब चूरू में रखा ।
कार्यक्रम से 2 दिन पहले कार्ड लेकर हम भालू खान जी के पास गए उन्हें आमंत्रण दिया उन्होंने उसे सहर्ष स्वीकार किया और पूछा क्या समस्या है हमने कहा कार्यक्रम तो हमने रख लिया है लेकिन टेंट माइक आदि के लिए हमारे पास पैसे नहीं हैं, आप आश्चर्य करेंगे उस जमाने में भालू खान जी ने जो सरपंच साहब उनके पास बैठे थे सभी को निर्देश दिया की बच्चों की मदद करो और 10 मिनट में उस वक्त ₹500 से भी अधिक हम को दिए और कहा कार्यक्रम ठाठ से करो। उसी जमाने में यूथ कोऑर्डिनेटर श्री प्रकाश अग्रवाल ग्वालियर  वालों को पार्टी ने चूरु कोऑर्डिनेटर लगाया मुझे याद है प्रकाश जी अग्रवाल केसर पर कांग्रेसका भूत इस कदर हावी था के नाथद्वारा चूरू में उन्होंने यूथ मोटीवेटर्स का प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया और उसके खाने पीने की व्यवस्था के लिए  अपनी सोने की अंगूठी बेचकर खाद्य सामग्री की व्यवस्था की जब भालू खान जी को यह पता चला तो उन्होंने प्रकाश जी अग्रवाल और हमको कड़ी डांट लगाई अंगूठी वापस दिलवाई और सात दिवसीय कैंप की ऐसी व्यवस्था की जो इस विधानसभा क्षेत्र में हमने तो आज तक कांग्रेस के आयोजन में नहीं देगी अनपढ़ होने के बावजूद   हृदय ज्ञान के आधार पर कार्यकर्ता और जनता की भावनाओं को समझने में उन्हें देर नहीं लगती थी मुझे याद है जब उन्होंने मेरे को एनएसयूआई का जिलाध्यक्ष बनाया तब उनके समाज के या यूं कहूं उनके रिश्तेदार भी अध्यक्ष बनना चाहते थे किंतु भालू खान जी ने 500 आदमियों की भीड़ में सार्वजनिक रूप से मेरा चयन किया और अनुशंसा की ऐसे जमीनी स्तर पर जुड़े हुए  कायमखानी समाज के व्यक्तित्व को दादा कायम खा के 602 वे बलिदान दिवस पर कोटि कोटि नमन इस उम्मीद के साथ कि 1 दिन फिर से कॉन्ग्रेस को हवाई नेताओं से निजात मिलेगी तथा जनता और कार्यकर्ताओं के दिलों पर राज करने वाला कोई नेता तो मिलेगा।

राधेश्याम चोटिया