Monday, 5 September 2022

साल्तनत काल

गुलाम वंश
1=1193 मुहम्मद  गौरी
2=1206 कुतुबुद्दीन ऐबक 
3=1210 आराम शाह
4=1211 इल्तुतमिश
5=1236 रुकनुद्दीन फिरोज शाह
6=1236 रज़िया सुल्तान
7=1240 मुईज़ुद्दीन बहराम शाह
8=1242 अल्लाउदीन मसूद शाह
9=1246 नासिरुद्दीन महमूद  
10=1266 गियासुदीन बल्बन
11=1286 कै खुशरो
12=1287 मुइज़ुदिन कैकुबाद
13=1290 शमुद्दीन कैमुर्स
1290 गुलाम वंश समाप्त्
(शासन काल-97 वर्ष लगभग )

खिलजी वंश
1=1290 जलालुदद्दीन फ़िरोज़ खिलजी 
2=1296 
अल्लाउदीन खिलजी 
4=1316 सहाबुद्दीन उमर शाह
5=1316 कुतुबुद्दीन मुबारक शाह
6=1320 नासिरुदीन खुसरो  शाह
7=1320 खिलजी वंश स्माप्त
(शासन काल-30 वर्ष लगभग )

तुगलक  वंश
1=1320 गयासुद्दीन तुगलक  प्रथम 
2=1325 मुहम्मद बिन तुगलक दूसरा   
3=1351 फ़िरोज़ शाह तुगलक 
4=1388 गयासुद्दीन तुगलक  दूसरा
5=1389 अबु बकर शाह
6=1389 मुहम्मद  तुगलक  तीसरा
7=1394 सिकंदर शाह पहला
8=1394 नासिरुदीन शाह दुसरा
9=1395 नसरत शाह
10=1399 नासिरुदीन महमद शाह दूसरा दुबारा सता पर
11=1413 दोलतशाह
1414 तुगलक  वंश समाप्त
(शासन काल-94वर्ष लगभग )

सैय्यद  वंश
1=1414 खिज्र खान
2=1421 मुइज़ुदिन मुबारक शाह दूसरा
3=1434 मुहमद शाह चौथा
4=1445 अल्लाउदीन आलम शाह
1451 सईद वंश समाप्त
(शासन काल-37वर्ष लगभग )

लोदी वंश
1=1451 बहलोल लोदी
2=1489 सिकंदर लोदी दूसरा
3=1517 इब्राहिम लोदी
1526 लोदी वंश समाप्त
(शासन काल-75 वर्ष लगभग )

मुगल वंश
1=1526 ज़ाहिरुदीन बाबर
2=1530 हुमायूं 
1539 मुगल वंश मध्यांतर

सूरी वंश
1=1539 शेर शाह सूरी
2=1545 इस्लाम शाह सूरी
3=1552 महमूद  शाह सूरी
4=1553 इब्राहिम सूरी
5=1554 फिरहुज़् शाह सूरी
6=1554 मुबारक खान सूरी
7=1555 सिकंदर सूरी
सूरी वंश समाप्त,(शासन काल-16 वर्ष लगभग )

मुगल वंश पुनःप्रारंभ
1=1555 हुमायू दुबारा गाद्दी पर
2=1556 जलालुदीन अकबर
3=1605 जहांगीर सलीम
4=1628 शाहजहाँ
5=1659 औरंगज़ेब
6=1707 शाह आलम पहला
7=1712 जहादर शाह
8=1713 फारूखशियर
9=1719 रईफुदु राजत
10=1719 रईफुद दौला
11=1719 नेकुशीयार
12=1719 महमूद शाह
13=1748 अहमद शाह
14=1754 आलमगीर
15=1759 शाह आलम
16=1806 अकबर शाह
17=1837 बहादुर शाह जफर
1857 मुगल वंश समाप्त
(शासन काल-315 वर्ष लगभग )

ब्रिटिश राज (वाइसरॉय)
1=1858 लोर्ड केनिंग
2=1862 लोर्ड जेम्स ब्रूस एल्गिन
3=1864 लोर्ड जहॉन लोरेन्श
4=1869 लोर्ड रिचार्ड मेयो
5=1872 लोर्ड नोर्थबुक
6=1876 लोर्ड एडवर्ड लुटेन
7=1880 लोर्ड ज्योर्ज रिपन
8=1884 लोर्ड डफरिन
9=1888 लोर्ड हन्नी लैंसडोन
10=1894 लोर्ड विक्टर ब्रूस एल्गिन
11=1899 लोर्ड ज्योर्ज कर्झन
12=1905 लोर्ड गिल्बर्ट मिन्टो
13=1910 लोर्ड चार्ल्स हार्डिंज
14=1916 लोर्ड फ्रेडरिक सेल्मसफोर्ड
15=1921 लोर्ड रुक्स आईजेक रिडींग
16=1926 लोर्ड एडवर्ड इरविन
17=1931 लोर्ड फ्रिमेन वेलिंग्दन
18=1936 लोर्ड एलेक्जंद लिन्लिथगो
19=1943 लोर्ड आर्किबाल्ड वेवेल
20=1947 लोर्ड माउन्टबेटन
ब्रिटिस राज समाप्त

आजाद भारत,प्राइम मिनिस्टर
1=1947 जवाहरलाल नेहरू
2=1964 गुलजारीलाल नंदा
3=1964 लालबहादुर शास्त्री
4=1966 गुलजारीलाल नंदा
5=1966 इन्दिरा गांधी
6=1977 मोरारजी देसाई
7=1979 चरणसिंह
8=1980 इन्दिरा गांधी
9=1984 राजीव गांधी
10=1989 विश्वनाथ प्रतापसिंह
11=1990 चंद्रशेखर
12=1991 पी.वी.नरसिंह राव
13=अटल बिहारी वाजपेयी
14=1996 ऐच.डी.देवगौड़ा
15=1997 आई.के.गुजराल
16=1998 अटल बिहारी वाजपेयी
17=2004 डॉ.मनमोहनसिंह
18=2014 से  नरेन्द्र मोदी

764 सालों तक मुस्लिम राज होने पर भी हिन्दू महफूज़ (बाक़ी) हैं। और,,,,,,,,,इन बीजेपी वालों को अभी 10 साल भी नहीं हुए और ये हिन्दु खतरे में है कि बात करतें हैं  मुस्लमान अपनी मेहनत के दम पर कमाने खाने वाले लोग हैं. साईकिल पंचर लगाने से लेकर भारत के राष्ट्रपति तक के पद को सुशोभित किया है. फल बेचने से लेकर सुप्रीम कोर्ट के जज तक रहे. 

बिरयानी बनाने का काम करने से लेकर IB प्रमुख तक, कवाब बनाने से लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त तक; एक तो अभी सेना प्रमुख बनने तक रह गए

किसानी से लेकर सेना में भर्ती होकर परमवीर चक्र लिया. पदमश्री से लेकर भारत रत्न तक प्राप्त किया मुसलमानों ने. मोटर वर्कशॉप का काम करने से लेकर अग्नि मिसाईल तक बनाई. 

हर क्षेत्र में डंका बजाया है फ़िल्म, कला, साहित्य, संगीत, आप भारत के होने की कल्पना ही नहीं कर सकते बिना मुसलमानों के...
आज देखा जाता है कि  "जिहाद " के नाम से लोगों में डर ओर भय का वातावरण तैयार किया जा रहा है,, 
"जिहाद" एक अरबी का शब्द है जिसका मतलब है "बुराई"  और "नाइंसाफी" के खिलाफ आवाज़ उठाना उसके खिलाफ खड़े होना या इंसाफ के लिए लड़ाई लड़ना,,,,
 जिहाद का मतलब मासूमो व बेगुनाहो की जान लेना या क़त्ल करना हरगिज़ नहीं है।

फ़र्क़ सिर्फ इतना है के हम बुराई के खिलाफ खड़े है , बुराई के साथ नहीं।
ये दोहरे चेहरे ज़रूर  उजागर होने चाहिए।।

Saturday, 3 September 2022

राजस्थान उर्दू बचाओ आंदोलन संघर्ष समिति पुनर्गठन

राजस्थान उर्दू बचाओ संघर्ष समिति
मुख्य संयोजक - 
शमशेर भालू खान 'गांधी '
9587243963

संयोजक -
1खुर्शीद अनवर खान तहरीक ए उर्दू टोंक 
9214920912
 2 अब्दुल रहमान खान व्याख्याता उर्दू,नागौर
9588060858
3 यूनुस अली खान वअ उर्दू,चुरू
9460192572
4 शौकत अली अंसारी झालावाड़
9413007867
5 अख्तर खान जोधपुर
9982003945
6 मूसा खान बीकानेर
9667863999
7 सीमा भाटी बीकानेर
9414020707

संरक्षक - 
1 चौधरी अकबर कासमी साहित्यकार व सामाजिक कार्यकर्ता 
8813082299

2 मुंसिफ खान अजमेर,सामाजिक कार्यकर्ता
7665379000
3 महमूद खान उदयपुर, सामाजिक कार्यकर्ता 
9667379786
4 हिदायतुल्लाह खान उदयपुर सामाजिक कार्यकर्ता 
9887997388
6 मोहम्मद खान चित्तौड़गढ़ 
9929841786
7 मुफ्ती आदिल आदिल टोंक
9571014717
8 शेर मोहम्मद मेव,
 मेव बोर्डिंग,अलवर
9014017081
9 भंवरू खां सेवानिवृत जिला शिक्षा अधिकारी, चूरू
9413268556
10 रमजान खान सामाजिक कार्यकर्ता,बीकानेर
9252595001
11 यासीन खान जालूपुरा सामाजिक कार्यकर्ता,जयपुर
9316606081
12 सैयद विलायत हुसैन चिश्ती खादिम दारगाह शरीफ, अजमेर
9828049492
13 पीर गुलाम नसीर नज़्मी फारूकी गद्दीनाशीन फतेहपुर,सीकर
9829078617
14 मुफ्ती हबीबुल्लाह फलोदी जोधपुर
9079294872

सभा अध्यक्ष - 
बशीर अहमद कुरैशी सीकर व. अ. उर्दू 
9887135055

अध्यक्ष - 
अता हुसैन कादरी ,बीकानेर
9414140469

उपाध्यक्ष -
1 मोहसीन भाटी चुरू
9950821964
2 नबाब खान जोधपुर
7597693779
3 मंसूर अली बीकानेर
9414428786
4 साहुन काटपुरी भरतपुर
9413166511
5 अल्ताफ खान चाकसू जयपुर
9413410306
6 चांद खान पाली 
8107089524
7 गनी खान मावली उदयपुर
8058050876
8 अहमद रजा खान कोटा
9828767070
9 हकीम खान काठात अजमेर
8824204478

महासचिव -
जावेद बैग धोलपुर
9875154433

सह सचिव -
1 मुज्जफ्फर अली खान बारां 
8239803770
2 हयात खान मेहर बाड़मेर
6378406880
3 कमाल खान शेरा जैसलमेर
9351090317
4 लियाकत खान घड़साना गंगानगर
9672874586
5 सलीम खान ललावली हनुमानगढ़ 
6375869334
6 अयाज अहमद खान नुआ झुंझुनूं
9460632294
7 संजय खान बूंदी
9772347990
8 हक्कू खान मेव अलवर
9783380928
9 मोहम्मद शाबीर रंगरेज भीलवाड़ा
9982256086

कार्यकारी सचिव -
1 नबीशेर खान सवाई माधोपुर 
9928464942
2 यूनुस खान टोडाभीम करौली
9982624264
3 मैनुद्दीन खान उस्ता चित्तौड़गढ़
9982624264
4 इशहाक खान मावा प्रतापगढ़
9983965283
5 तहसीम रजा खान चितोदगढ़
7665416109
6 इकराम अली खान बांसवाड़ा
9950692277
7 इमरान खान जोरहट पाली
7737747508
8 मिश्री खान जुनेजा जालोर
9799458706
9 रमजान खान रोहट सिरोही
9950322501

महिला मंत्री -
1 अनिशा खान कोटा
9784023004
2 शकीला खान भीलवाड़ा
7239809504
3  सलमा खान जालोर
7073954405

मीडिया प्रभारी - 
1 अमजद खान चुरू
96101802639
2 अकरम अली बीकानेर
8559987786
3 सोराब खान सहाता  बाड़मेर (सिंधी) प्रतिनिधि)
9664499123
4 जहांगीर खान सीकर
9414864814
5 निसार अहमद जाटू सीकर
9414403548
6 रफीक खान भीमसर झुंझुनूं
9928334957
7 शाहीन अफरोज टोंक
9001761469


कानूनी सलाहकार परिषद
1 एडवोकेट हैदर मोलानी बीकानेर
8949788589
2 एडवोकेट कुंअर यूसुफ खान जोधपुर 
9829040163
3 एडवोकेट रहमत अली खान जयपुर
9414805003
4 एडवोकेट अख्तर खान अकेला कोटा
9929086339
5 एडवोकेट आरिफ खान सीकर
9530271786
6 एडवोकेट हसन खान चुरू
9414776801
7 एडवोकेट जावेद खान चुरू
9929830845
8 एडवोकेट सकीना खान बीकानेर
9413190220

संयोजक 
शमशेर भालू खान

डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन


डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन
जब राधाकृष्णन एक शिक्षक थे, तब भी वे नियमों के दायरों में नहीं बँधे थे। कक्षा में यह 20 मिनट देरी से आते थे और दस मिनट पूर्व ही चले जाते थे। इनका कहना था कि कक्षा में इन्हें जो व्याख्यान देना होता था, वह 20 मिनट के पर्याप्त समय में सम्पन्न हो जाता था।

आजाद भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति के तौर पर डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का नाम भारत के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों से लिखा गया है।
राधाकृष्णंन दर्शनशास्त्र का ज्ञान रखते थे जिन्होंने भारतीय दर्शनशास्त्र में पश्चिमी सोच की शुरुआत की।राधाकृष्णन नामी शिक्षक थे।
राधाकृष्णन ने सनातन धर्म को भारत और पश्चिम दोनों में फ़ैलाने का प्रयास किया। वे दोनों सभ्यताओं को मिलाना चाहते थे।

विचार -

उनका मानना था कि शिक्षकों का दिमाग देश में सबसे अच्छा होना चाहिये, क्यों कि देश को बनाने में उन्हीं का सबसे बड़ा योगदान होता है।

डॉ॰ सर्वपल्ली राधाकृष्णन संक्षिप्त जीवन परिचय
नाम - सर्वपल्ली डॉक्टर राधाकृष्णन 
(सर्वपल्ली गांव से 18वीं सदी में तिरुट्टनी आए)
जन्म - 5 सितम्बर 1888
जन्म स्थान - तिरुट्टनी, जिला चित्तूर तमिल नाडु, भारत (तत्कालीन मद्रास प्रेसीडेंसी) (वर्तमान में तिरुवुल्लुर जिला)
जाति - तमिल ब्राह्मण 
धर्म - सनातन
भाषा - तेलुगु
मृत्यु - 17 अप्रैल 1975)
शांत स्थान - चेन्नई, तमिल नाडु, भारत
आयु - 73 वर्ष
पिता का नाम - सर्वपल्ली वीरास्वामी
(पिता का व्यवसाय राजस्व विभाग में नौकरी)
माता का नाम - सीताम्मा (गृहणी)
भाई -बहन - पाँच भाई एक बहन
पत्नी का नाम - शिवकामु 
विवाह - राधाकृष्ण की आयु 14 वर्ष पत्नी  की आयु 10 वर्ष ( 8 म‌ई 1903) (राधाकृष्णन की दूर की चचेरी बहन)

संतान -
5 पुत्रियाँ-
1 सुमि‌‌त्रा, (1908)
2 शकुंतला, 
3 रुक्मिणी 
4 कस्तूरी 
5 एक अन्य 
1 पुत्र सर्वपल्ली गोपाल

व्यवसाय :- राजनीतिज्ञ, दार्शनिक, शिक्षाविद, विचारक

राजनैतिक पार्टी - स्वतन्त्र
स्वभाव - सदाशयता, दृढ़ता और विनोदी एवम नियमो से हटकर चलने वाला स्वभाव।

राधाकृष्ण्न के आदर्श - स्वामी विवेकानन्द 

शिक्षा - 
प्रारंभिक शिक्षा - क्रिश्चियन मिशनरी संस्था लुथर्न मिशन स्कूल, तिरूपति (1896-1900)
मेट्रिक परीक्षा पास 1902
वेल्लूर (1900 से 1904) 
बी ए 1907 इतिहास,गणित व मनोविज्ञान
उच्च शिक्षा - मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज, मद्रास 
एम ए दर्शनशास्त्र 1909
मद्रास से शिक्षक प्रशिक्षण 1910

शैक्षिक विशेष कार्य शिक्षक के रूप में लगभग 40 वर्ष कार्य किया  :- 
1 मैसुर महाविद्यालय में दर्शनशास्त्र के सहायक प्राध्यापक 1909
2 1916 में मद्रास प्रेसीडेंसी कॉलेज के दर्शनशास्त्र के सहायक आचार्य बने।यूरोप व अमेरिका में व्याख्यान
3 1918 मैसूर यूनिवर्सिटी के द्वारा उन्हें दर्शनशास्त्र के प्रोफेसर के रूप में चुना गया| ,मैनचेस्टर व लंदन में व्याख्यान माला 1929
4 सन् 1931 से 36 तक आन्ध्र विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर रहे।
5 ऑक्सफ़र्ड विश्वविद्यालय में 1936 से 1952 तक प्राध्यापक रहे।
6  बनारस विश्वविद्यालय में उपकुलपति ।
7 कलकत्ता विश्वविद्यालय के अन्तर्गत आने वाले जॉर्ज पंचम कॉलेज के प्रोफेसर के रूप में 1937 से 1941 तक कार्य किया।
8 सन् 1939 से 48 तक काशी हिन्दू विश्‍वविद्यालय के चांसलर रहे।
9 1953 से 1962 तक दिल्ली विश्‍वविद्यालय के चांसलर रहे।
10 1946 में युनेस्को में भारतीय प्रतिनिधि के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

पद - 
1 संविधान निर्माण समिति के सदस्य 1947 से 1949
2 कई विश्वविद्यालयों के चेयरमैन।
2 भारत के प्रथम उप-राष्ट्रपति 13 मई 1952 से 12 मई 1962
3 द्वितीय राष्ट्रपति  प्रथम राष्ट्रपति डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद शर्मा के बाद 13 मई 1962 से 13 मई 1967

विशेष
1 भारतीय संस्कृति के संवाहक,
2 प्रख्यात शिक्षाविद, 
3 महान दार्शनिक और एक 
4 आस्थावान हिन्दू विचारक 
5 लेखक 
6 विद्यार्थी काल में ट्यूटर
7 सनातन साहित्य का गहन अध्ययन
सम्मान - 
1 सन् 1954 में भारत सरकार ने सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से अलंकृत किया।
2 डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।

राधाकृष्ण एवम् उनका दर्शन :- 
सम्पूर्ण विश्व एक विद्यालय अतः इसे एक इकाई मानकर शिक्षा प्रबन्धन करेंं। मानव को एक होना चाहिए। 

लेखन 
(1) 1912 में मनोविज्ञान के आवश्यक तत्व लघु पुस्तक (व्याख्यान संग्रह)
(2) डॉ. राधाकृष्णन ने भारतीय दर्शन शास्त्र एवं धर्म  पर अनेक किताबे लिखी गौतम बुद्धा,जीवन और दर्शन , धर्म और समाज, भारत और विश्व 
उनका लेखन अक्सर अंग्रेज़ी भाषा में ही है।

जीवन घटना क्रम 
कलकत्ता में आयोजित कांग्रेस के वार्षिक अधिवेशन में भाग लेने आए जवाहर लाल नेहरू से राधाकृष्णन की प्रथम मुलाक़ात हुई वर्ष था 1928 मौसम शीत ऋतु का। जहां राधाकृष्णन ने राजकीय सेवा में रहते किसी पार्टी की बैठक में उपस्थित रहना अनियमितता की श्रेणी में माना जाता था के बावजूद उन्होंने वहा व्याख्यान दिया। और वहीं से दोनो की दोस्ती हुई। इसी मित्रतांके कारण जवाहरलाल नेहरू चाहते थे कि राधाकृष्णन के संभाषण एवं वक्तृत्व प्रतिभा का उपयोग 14 - 15 अगस्त 1947 की रात्रि को उस समय किया जाये जब संविधान सभा का ऐतिहासिक सत्र आयोजित हो। राधाकृष्णन को यह निर्देश दिया गया कि वे अपना सम्बोधन रात्रि के ठीक 12 बजे समाप्त करें जिस की जानकारी सिर्फ इन दोनो को ही थी। क्योंकि उसके पश्चात ही नेहरू जी के नेतृत्व में संवैधानिक संसद द्वारा शपथ ली जानी थी। उन्होंने ऐसा ही किया।
आज़ादी के बाद नेहरू ने राधाकृष्ण को  राजदूत के रूप में सोवियत संघ भेजा। जहां उन्होंने अपने व्यक्तित्व एवम् कृत्त्व से अमित छाप छोड़ी।
राधाकृष्ण गैर राजनयिक व्यक्ति थे। जो मन्त्रणाएँ देर रात्रि होती थीं, वे उनमें रात्रि 10 बजे तक ही भाग लेते थे, क्योंकि उसके बाद उनके शयन का समय हो जाता था। 

उपराष्ट्रपति के रूप में चुनाव :-
सोवियत संघ से लौटने के बाद डॉक्टर राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति निर्वाचित करने के लिए संविधान के अनुसार नया पद सृजित कर उन्हे भारत गणतंत्र का प्रथन उप राष्ट्रपति नेहरू जी चुना l उन्हें राज्यसभा अध्यक्ष का पदभार दिया गया।
डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद शर्मा के बाद वे भारत के द्वितीय राष्ट्रपती चुने गए।

राष्ट्रपति के रूप में चुनौतियां :- 
1 भारत पाकिस्तान युद्ध
2 भारत चीन युद्ध
3 जवाहार लाल नेहरू एवम् लाल बहादुर शास्त्री का देहांत।

सम्मान :- 
ब्रिटिश राज द्वारा 1931 में सर ब ऑर्डर ऑफ स्पेरिट का सम्मान दिया गया।
जब वे उपराष्ट्रपति बन गये तो स्वतन्त्र भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ॰ राजेंद्र प्रसाद द्वारा 1954 में उन्हें महान दार्शनिक व शैक्षिक उपलब्धियों के लिये देश का सर्वोच्च अलंकरण भारत रत्न प्रदान किया गया।
राधाकृष्णन को मरणोपरांत 1975 में अमेंरिकी सरकार द्वारा टेम्पलटन पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जो कि धर्म के क्षेत्र में उत्थान के लिए प्रदान किया जाता है. इस पुरस्कार को ग्रहण करने वाले यह प्रथम गैर-ईसाई सम्प्रदाय के व्यक्ति थे.

विशेष :- 
भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी वीवी लक्ष्मण इनके परिवार से ही हैं।

जिगर चुरुवी
9587243963