Thursday, 13 June 2024

खोखर वंश का इतिहास

खोखर वंश का इतिहास - 

                             खोखर रियासत 


खोखर शब्द फारसी भाषा के शब्द खूंखार का अपभ्रंश है जिसका हिंदी अर्थ है रक्तपिपासु। 
खोखर जाति का उद्गम तात्कालिक सभी उपलब्ध स्रोतों के आधार पर स्पष्ट होता है कि वे पंजाब की मूल पर्वतीय जाति में से एक थे। जिसका मुख्य व्यवसाय कृषि था। स्थानीय राजनैतिक उथल-पुथल की परिस्थितियों ने उन्हें किसान से सैनिक बनने को मजबूर कर दिया । पोथोहर पठार पंजाब क्षेत्र (वर्तमान पाकिस्तान) के उत्तरी भागों में एक पठार और ऐतिहासिक भौगोलिक क्षेत्र है। पंजाबी इस क्षेत्र के मूल निवासी हैं और कई जनजातियों और कबीलों में विभाजित हैं। टिल्ला जोगियान पोथोहर पठार की दूसरी सबसे ऊंची चोटी है। पंजाब में मध्यकाल में उत्तरी पंजाब की अधिकांश जनजातियाँ इस्लाम में परिवर्तित हो गईं और विभिन्न पंजाबी जनजातियों के साथ-साथ विदेशी शक्तियों ने भी इस क्षेत्र पर नियंत्रण के लिए लड़ाई लड़ी।

खोखर वंश की उत्पत्ति के तथ्य - 
तथ्य 01 - 
पोथोहर की जनजाति खोखर - 
पोथोहर पठार पर गखर और खोखर जनजातियों का प्रभुत्व रहा है । 
पोथोहर पठार के ज्ञात शासकों की सूची - 
शासक का नाम         शासन              टिप्पणी
शेखा खोखर        1380 से 1399        - 
जसरत               1405 से 1442   सियालकोट
झंडा खान गखर    लगभग 1493     रावलपिंडी
तातार खान गखर   लगभग 1519    बाबर से गठबंधन
हाथी खान गखर   1519 से 1526 
सारंग खां  गखर   1526 से 1545   रावत में शेरशाह सूरी के खिलाफ लड़ते हुए शहीद।
आदम खां गख़र    1546 से 1555    मुगल साम्राज्य
कमाल खान गखर  1555 – 1566 
सईद खान             1563 से 1597    सैदपुर गांव 
नज़र खान                     -    500 सैनिकों का कमांडर
अल्लाह कुली खान 1681 से 1705 
सुल्तान मुकर्रब खान 1705 से 1769 पोथोहर का अंतिम प्रभावी शासक
पोथोहर क्षेत्र की प्रमुख बिरादरियों राजपूत, जंजुआ, जट्ट, अवान, अरैन, गुज्जर, खोखर, खराल और गखर शामिल हैं।
खोखर राजस्थान, पंजाब, सिंध, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पायी जाने वाली एक मुख्य राजपूत गोत्र है।मुस्लिम खोखर लोगों को हिंदू जाट और राजपूत समुदायों से धर्मान्तरण किया हुआ माना जाता है। मध्यकाल के फ़ारसी इतिहासकार फ़रिश्ता ने तत्कालीन खोखर (खूंखार) लोगों को धर्म और नैतिकता विहीन बर्बर जनजाति कहा है। हिन्दी, उर्दू, पंजाबी, हरियाणवी, खड़ीबोली बोलने वाले खोखर सनातन, इस्लाम, सिक्ख पंथ में पाए जाते हैं।
भारत के विभाजन से पहले खत्री, मोहयाल ब्राह्मण और अरोड़ा सहित अन्य बिरादरी भी इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में मौजूद थीं। यह क्षेत्र औपनिवेशिक युग में पंजाबियों के मार्शल रेस पदनाम के तहत पुरानी औपनिवेशिक ब्रिटिश भारतीय और पाकिस्तान सेना में भर्ती का एक महत्वपूर्ण स्रोत थे और अभी भी है। 
तथ्य 02 - 
राठौड़ वंश से खोखर वंश के संबंध में तथ्य -  
दुहड़ जी के 10 पुत्र हुए - 
01 - राव रायपालजी - रायपालोत राठौड़
02 - राव किरतपालजी/खेतपालजी खेतपालोत राठौड़
03 - राव बेहड़जी/ बेहरजी के बेहरड़ राठौड़
04 - राव पीथड़जी के वंसज पीथड़ राठौड़
05 - राव जुगलजी के वंसज जोगवत राठौड़
06 - राव डालूजी [---------------------]
07 - राव बेगरजी के बेगड़ राठौड़
08 - उनड़जी के उनड़ राठौड़
09 - सिशपलजी के सीरवी राठौड़
10 - चांदपालजी आईजी माता के दीवान के सीरवी राठौड़]
राव रायपालजी - 1309-1313 ई. - 
राव रायपालजी राव दूहड़जी के पुत्र राव अस्थानजी के पोते और राव सीहाजी [शेओजी] के पड़पोते थे। रायपालजी के पंद्रह पुत्र हुए -         
01 - राव कानपालजी -
02 – केलणजी -
03 – थांथीजी - थांथी राठौड़
04 - सुंडाजी - सुंडा राठौड़ 
05– लाखणजी - लखा राठौड़ (जोधपुर के इतिहास में विवरण उपलब्ध नहीं है)
06 - डांगीजी - डांगी या डागिया/डांगी के ढोलि राठौड़
07 - मोहणजी - मुहणोत राठौड़
08 - जांझणजी - जांझणिया राठौड़
09 - जोगोजी - जोगावत राठौड़
10 - महीपालजी/मापाजी - मापावत/महीपाल राठौड़
11 - शिवराजजी - शिवराजोत राठौड़
12 - लूकाजी - लूका राठौड़
13 - हथुड़जी - हथूड़ीया राठौड़ (जोधपुर के इतिहास में विवरण उपलब्ध नहीं)
14 - रांदोंजी/रंधौजी - रांदा राठौड़ (जोधपुर के इतिहास में विवरण उपलब्ध नहीं)
15 - राजोजी/राजगजी - राजग राठौड़ (जोधपुर के इतिहास में विवरण उपलब्ध नहीं)
कानपालजी - 1313 से 1323 ई. राव कानपालजी के तीन पुत्र हुए -   
01 - राव जालणसीजी
02 - राव भीमकरण
03 - राव विजयपाल
राव जालणसीजी -1323 से 1328 ई के तीन पुत्र हुए
01 - राव छाडाजी        
02 - राव भाखरसिंह  
03 - राव डूंगरसिंह  
राव छाडाजी/छाडाजी 1328 से 1344 ई के सात पुत्र हुए
01 - राव तीड़ाजी 
02 - राव खोखरजी 
03 - राव वनरोजी 
04 - राव सिहमलजी  
05 - राव रुद्रपालजी  
06 - राव खीपसजी 
07 - राव कान्हड़जी
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राव त्रिभुवनसिंहजी
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राव उदौजी
राव खोखरजी - राव छाडा जी दो नंबर पर पुत्र राव खोखर जी के वंशज खोखर राठौड़ कहलाये।
राव खोखर जी राव जालणसीजी के पोते और - राव कानपालजी के पड़पोते थे ।
राव खोखरजी ने सांकडा, सनावड़ा आदी गाँवो पर अधिकार किया। और राजस्थान के बाड़मेर के पास खोखर गाँव बसाया।
अलाउद्दीन खिलजी जिसका वास्तविक नाम अली गुरशास्प था, ने 1308 /विक्रम सम्वत 1788 में सिवाना (बाड़मेर) पर अधिकार करने के लिए आक्रमण किया। वहाँ के परमार राजपूत शासक शीतलदेव ने कड़ा संघर्ष किया और रण में काम आया, इनके साथ ही राव खोखरजी सातलदे के पक्ष में वीरता के साथ लड़े और युद्ध मे काम आये । खिलजी ने कमालुद्दीन गुर्ग को वहाँ का गवर्नर नियुक्त किया।

तथ्य - 03 
खिजर खां के वंशज हैं खोखर - 
दिल्ली में तैमूर के गवर्नर और दिल्ली सल्तनत के सैय्यद वंश के संस्थापक खिज्र खान की उत्पत्ति के बारे में विवाद हैं। कुछ विद्वानों के अनुसार, खिज्र खान एक खोखर सरदार था। जिसने समरकंद की यात्रा की और तैमूर समाज के साथ अपने संपर्कों से लाभ उठाया।

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि - 
सन 1204 से 1205 में खोखरों ने अपने नेता के नेतृत्व में विद्रोह किया और मुल्तान और लाहौर जीत कर लूटपाट की और पंजाब व गजनी के बीच के मार्ग रोक दिए। तारीख-ए-अल्फी के अनुसार, खोखरों के इस उत्पात के कारण व्यापारियों को एक लंबा रास्ता तय करना पड़ता। चूंकि कुतुबुद्दीन ऐबक खुद विद्रोह को संभालने में अकक्षम था। 
गौर के मुहम्मद गौरी ने खोखरों के खिलाफ कई अभियान चलाए और झेलम के तट पर लड़ी गई अंतिम लड़ाई में उन्हें हरा कर नरसंहार किया। गजनी वापस लौटते समय, मार्च 1206 में साल्ट रेंज में स्थित धामियाक में इस्माइलियों द्वारा मोहम्मद गौरी की हत्या कर दी। कुछ लेखकाें ने मुहम्मद गौरी की हत्या का श्रेय हिंदू खोखरों को दिया है, परंतु बाद के लेखों की पुष्टि फ़ारसी इतिहासकारों द्वारा नहीं की गई है। फारसी इतिहासकारों के अनुसार मोहम्मद गौरी के हत्यारे शिया मुसलमानों के प्रतिद्वंद्वी इस्माइलिया संप्रदाय से थे। इब्न-ए-असीर के बयान के आधार पर डॉ हबीबुल्लाह का मत है कि यह काम बातिनी और खोखर का संयुक्त मामला था। आगा महदी हुसैन के अनुसार, खोखरों को भी हाल ही में इस्लाम में धर्म परिवर्तन के मद्देनजर मलाहिदा कहा जाता है। मुहम्मद गौरी ने खोखर नागरिकों को बंदी बना लिया जिन्हें बाद में इस्लाम में परिवर्तित कर दिया गया। उसी अभियान के दौरान, उन्होंने गजनी और पंजाब के बीच रहने वाले कई अन्य खोखरों और बौद्धों को भी धर्मांतरित किया । फ़ारसी इतिहासकारों के अनुसार इस अभियान के दौरान पवित्र धागा पहनने वाले लगभग तीन से चार लाख लोगों को मुसलमान बनाया। 
16वीं सदी के इतिहासकार फ़रिश्ता कहते हैं - गजनी और सिंधु के पहाड़ों के बीच रहने वाले अधिकांश लोगों को इस्लाम धर्म में परिवर्तित किया।

                       शेखा खोखर


तथ्य 04 - कुरेश खानदान से हैं खोखर - 
हाल ही में प्रकाशित खोखर वंश का इतिहास लेखक मकबूल खान खोखर प्रकाशक राजस्थान ग्रंथावली जोधपुर में उल्लेख किया गया है कि खोखर पैगंबर मोहम्मद साहब के वंशज हैं। मोहम्मद साहब के दामाद और चचेरे भाई हजरत अली की पत्नी बिण्त खिलवद की संतान में से हैं। इनका मुख्य वंश अल्वी है।
पुस्तक में सजरा भी दिया गया है। शब्बीर खान खोखर जोधपुर के अनुसार बही भाट भी इसी नश्ब से खोखरों को जोड़ते हैं, एवं शोधित और लिखित इतिहास खोखर वंश डॉ० मुहम्मद बुद्धिबाल अवों निवासी जलहरी मोहम्मद साह जिला रावलपिंडी त० गुजरखान के संद्रभानुसार - 
सिजरा में हजरत आदम से कुतुब शाह एक का जिक्र है -  पुस्तक के अनुसार 
अध्याय 1
हजरत अली से कुतुबशाह खोखर का इतिहास
इस्लामी वंशावली
हजरत आदम अलैहिअस्सलाम
हजरत केदार अलैहिअस्सलाम
हजरत आली अलैहिअस्सलाम
हजरत हमला अलैहिअस्सलाम
हजरत अनोस अलैहिअस्सलाम
हजरत सुलेमान अलैहिअस्सलाम
हजरत काब्या अलैहिअस्सलाम
हजरत ईस्हाक अलैहिअस्सलाम
हजरत महीसल्ला अलैहिअस्सलाम
हजरत साबुत अलैहिअस्सलाम
हजरत बरदादी अलैहिअस्सलाम
हजरत नाकुसुन अलैहिअस्सलाम
हजरत आदरीक अलैहिअस्सलाम
हजरत यौरूब अलैहिअस्सलाम
हजरत ईदरीस अलैहिअस्सलाम
 हजरत हुमै अलैहिअस्सलाम
हजरत मातीसल्ला अलैहिअस्सलाम
हजरत आसिया अलैहिअस्सलाम
हजरत लाम अलैहिअस्सलाम
हजरत याहया अलैहिअस्सलाम
हजरत नूहं अलैहिअस्सलाम
हजरत अदनान अलैहिअस्सलाम
हजरत स्वाहले अलैहिअस्सलाम
हजरत आमर अलैहिअस्सलाम
हजरत नातो अलैहिअस्सलाम
हजरत यारकुस अलैहिअस्सलाम
हजरत साबुर अलैहिअस्सलाम
हजरत नाखुर अलैहिअस्सलाम
हजरत मादरीक अलैहिअस्सलाम
हजरत बीनार अलैहिअस्सलाम
हजरत मालिक अलैहिअस्सलाम
हजरत बरदादी अलैहिअस्सलाम
हजरत हक्कालब अलैहिअस्सलाम
हजरत लुबी अलैहिअस्सलाम
हजरत आजर अलैहिस्सलाम
हजरत सुनी अलैहिस्सलाम
हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम
हजरत कावा अलैहिस्सलाम
हजरत ईस्माइल ईस्हाक
हजरत नजर अलैहिस्सलाम
हजरत कलाबा अलैहिस्सलाम 
हजरत कसाना अलैहिस्सलाम
हजरत अब्दुल मुनाफ अलैहिस्सलाम
हजरत हासम अलैहि अस्सलाम
हजरत अबुल मुतलिब अलैहिस्सलाम
अबू जहल
अब्दुल्लाह (बीबी आमना)
अबू तालिब
अमीर हामजा
हजरत मुहम्मद मुस्तफाप अलैहि वसल
अली मुरतजा, हजरत मुहम्मद साहब का जमाई
(हुजुर को बेटे)
देवनानी देव की बेटी
बरदा मलो
अली इलियास
हजरत अली (के रूप में) इब्न अबी तालिब
हजरत गाजी अब्बास इब्न अली
हजरत अबेदुल्लाह इब्न अब्बास
हजरत हसन इब्न अब्बेदुल्लाह
हजरत हमजा इब्न हसन
हजरत जफर इब्न जाफर
हजरत अबू कासिम इब्न अली
हजरत तायार इब्न कासिम
हजरत कासिम इब्न तायार
हजरत हमजा इब्न कासिम
हजरत याला इब्न हमजा
हजरत ओवान (कुबुबशाह) इब्न आला
मुहम्मद इब्न अली इब्न अबी तालिब (मुहम्मद इब्न अल हनफियाह)
15 एच-81 एच (637-700 ईसवी)
हजरत अली इब्न अब तालिब
हजरत गाजी अब्बास
हजरत अबैदुल्लाह
हजरत हसन
हजरत हमजा
हजरत जाफर
हजरत अली द्वितीय
हजरत अबू कासिम
हजरत अली से कुतुबशाह खोखर 
हजरत ताय्यार
हजरत कासिम द्वितीय
हजरत हमजा द्वितीय
हजरत हजरत याला
[ हजरत हजरत ओवान (कुतुबशाह) ↓
जमान अली खोखर
नादेर अली
मुहम्मद शाह मोब
मु० अली चौहान
बहादुर अली
अब्दुल्लाह
फतेह अली
मोजाम्मल अली कलधान
गौहर अली
हजरत कुतुबशाह के बारह पुत्र
1. जामान अली उर्फ खोखर (खुखरौन से) राजपूर रानी के पुत्र
2. मोहम्मद अली उर्फ चौहान
3. फतेह अली (खुखरौन से) राजपूर रानी के पुत्र
4. नजफ अली
5. नादेर अली
6. बाधार अली
7. मोजाम्मल अली कलधान
8. फरमान अली
9. करम अली
10. मुहम्मद शाह मुहम्मद
11. अब्दुल्लाह
12. गोहर अली
मेरे मानने के अनुसार यह सही नहीं है। यदि खोखर मोहम्मद साहब के वंशज हैं तो कुरेशी हुए और व्यापारी समाज के निकटतम। कायमखानी लकाब राजपूत से मुस्लिम बने समूहों को ही मिला है। 
इन तथ्यों के आधार पर भारत और पाकिस्तान में दो प्रकार के खोखर हैं। एक पाथोहर के पंजाबी खोखर दूसरे राजस्थान के राठौड़ खोखर।
जो खोखर कायमखानी लकब धारित हैं वो राजपूत खोखर हैं और इनका निकास खोखर गांव बाड़मेर से है।
खीजर खान से इन राजपूत खोखरो का कोई लेना देना नहीं हैं। खिजर खां खोखरों की तीसरी खांप गुजरात (अहमदाबाद) के खोखरों से संबन्धित है जो मोहम्मद साहब के वंश से थे। खिजर खां शिया मुस्लिम थे। राजस्थान के कायमखानी खोखर सुन्नी मुस्लिम। खिजर खां सैयद वंश का संस्थापक है।

                        मोहम्मद गौरी 
खोखर दिल्ली सल्तनत के अधीन - 
सन 1240 ई. में शम्स-उद-दीन इल्तुतमिश की बेटी रजिया सुल्तान और उसके पति अल्तुनिया ने अपने भाई मुइज़ुद्दीन बहराम शाह से गद्दी वापस लेने का प्रयास किया। बताया जाता है कि रजिया ने पंजाब के खोखर सैनिकों के सहयोग से बनी सेना का नेतृत्व किया। सन 1246 से 1247 तक, बलबन ने खोखरों को खत्म करने के लिए साल्ट रेंज तक एक अभियान चलाया। सन 1251 में लाहौर पर दिल्ली सरकार का नियंत्रण था और लगभग बीस वर्षों तक लाहौर खंडहर बना रहा, मंगोलों और उनके खोखर सहयोगियों द्वारा कई बार हमले हुए। लगभग उसी समय हुलेचू नामक एक मंगोल कमांडर ने लाहौर पर कब्जा कर लिया और मुहम्मद गौरी के पिता के साथी गुल खोखर के साथ गठबंधन किया।
खोखर जो इस्लाम में सबसे पहले धर्मांतरित हुए, बाबा फ़रीद के प्रभाव के कारण आगे भी धर्मांतरित हुए जिन्होंने अपनी बेटियों की शादी दरगाह के मुखिया के परिवारों से कर दी। जवाहर-ए-फ़रीदी के रिकॉर्ड में ऐसी तेईस शादियों में से चौदह खोखर थे, जिनके नाम के आगे मलिक लगा हुआ था (मलिक शब्द का अर्थराजनीतिक सत्ता से जुड़ाव)। पाकपट्टन के दरगाह से जुड़े कबीलों के नामों में बीस कबीले शामिल थे, खोखर, खानख्वानी, बहली, अधखान, झाकरवाली, यक्कन, मेहरखान, सियांस, ख्वाली, संख्वाली, सियाल, बाघोटी, बरती, दुधी, जोयेस, नाहरवानी, टोबी और डोगर।
गाजी मलिक ने खोखर जनजातियों के समर्थन से विद्रोह के द्वारा दिल्ली में तुगलक वंश की स्थापना की, जिन्हें सेना के अग्रिम-रक्षक के रूप में रखा गया था। खोखर गुल खोखर के विद्रोह से पहले तुगलक वंश के पक्षधर रहे। मुल्तान के गवर्नर ऐनुल मुल्क मुल्तानी ने अपने परिवार और अपने आश्रितों की अजोधन (पाकपट्टन) से मुल्तान की यात्रा के बारे में चिंता व्यक्त की, क्योंकि खोखरों के विद्रोह ने सड़क को असुरक्षित बना दिया। खोखरों ने मुहम्मद बिन तुगलक के शासनकाल में 1342 में लाहौर पर विजय प्राप्त की। 
सन 1394 तक सुल्तान महमूद तुगलक के शासनकाल में लाहौर के पूर्व गवर्नर प्रमुख शेख खोखर के नेतृत्व में लाहौर के गवर्नर नुसरत खोखर, सारंग खान, मल्लू इकबाल और मुकर्रब खान के साथ दिल्ली सल्तनत के मुख्य महत्वपूर्ण रईसों में से एक थे जो बाद में धर्मांतरित हो कर मुस्लिम बन गए। दिल्ली सल्तनत के तुगलक वंश द्वारा नियुक्त नागौर, राजस्थान के गवर्नर जलाल खान खोखर थे। जलाल खान खोखर ने मारवाड़ साम्राज्य के शासक राव चूंडा की पत्नी की बहन से विवाह किया।

खोखर स्वतंत्र सरदार
मुस्तफा जसरत/दशरथ खोखर शेख खोखर के बेटे थे जो तामेरलेन के यहां जेल में बंद थे। तामरलेन की मृत्यु के साथ ही पिता की मृत्यु हो गई और जसरत जेल से भाग कर खोखरों के नेता बन गए और पंजाब लौट आए। जसरत ने जल्द ही तैमूर सेना में एक जनरल का पद प्राप्त कर लिया तैमूर के बेटे शाहरुख मिर्जा की बेटी से शादी कर ली। 
उन्होंने सैयद वंश के अली शाह के खिलाफ कश्मीर पर नियंत्रण के लिए युद्ध में शाही खानदान का समर्थन किया और जीतने के बाद पुरस्कृत हुए। जसरत खोखर ने खिज्र खां की मृत्यु के बाद दिल्ली पर विजय प्राप्त करने के प्रयास किए। तलवंडी और जालंधर के अभियान में जीतने के बावजूद उन्हें सफलता नहीं मिली और सरहिंद पर कब्ज़ा करने के प्रयास में तेज बारिश ने बाधा उत्पन्न की । 
खोखर जाटों ने मुहम्मद ग़ोरी के ख़िलाफ़ विद्रोह किया था और 1206 में ग़ोरी ने इस विद्रोह का क्रूरतापूर्वक दमन किया। गौरी के वापस लौटते समय नमक मार्ग क्षेत्र के स्थान धम्यक में एक धावे में खोखरों ने मुहम्मद ग़ोरी की हत्या कर दी। जम्मू-काश्मीर के खोखरों की दो जातीय समूह हैं।
01 क़ुतुब शाही खोखर और 
02 राजपूत खोखर 
क़ुतुब शाह ने एक हिंदू राजा की लड़की से विवाह किया था और उनकी वंश परंपरा के लोग कुतुबशाही खोखर के रूप में जाने जाते हैं। खोखर जाति का उल्लेखनीय राजा जसरथ/ दशरथ) रहा है जिसके नेतृत्व में विद्रोह के कारण सैयद वंश के विनाश हुआ।
                   खोखर गांव राजस्थान

मध्यकालीन और आधुनिक युग में खोखर - 
पंजाब में ब्रिटिश राज की भर्ती नीतियों के संदर्भ में ब्रिटिश भारतीय सेना की तुलना में इतिहारकर टैन ताई योंग टिप्पणी करते हैं - खोखर जाटों के उनके पारंपरिक आसन पर निवास के संदर्भ में, पोथेहर पठार में नमक की रेंज से खोखरों को खदेड़ने के बाद, मुहम्मद गौरी ने अगले दिन साल्ट रेंज में आगे मार्च किया, जहाँ एक प्रतिष्ठित खोखर प्रमुख के बेटे के कब्जे में एक मजबूत गढ़ था और ग़ुरिद क्षेत्रों पर छापा मार रहे थे। गौरी ने एक संक्षिप्त घेराबंदी के बाद इसे ग़ुरिदों को सौंप दिया और मुहम्मद गौरी की अधीनता स्वीकार कर ली। गढ़ हारने के बाद, कई खोखर सैनिक जिन्होंने एक दिन पहले भीषण युद्ध मे हार के बाद जंगल में भाग गए जिन्हें मुहम्मद गौरी और उनकी सेना ने बेरहमी से जला दिया। बड़े नरसंहार के बाद मुहम्मद गोरी ने खोखरों को बहुत बर्बरता से वश में किया कई को बंदी बना लिया गया जिन्हें बाद में इस्लाम में परिवर्तित कर दिया गया। इतिहासकार जुजानी के अनुसार - मुहम्मद गौरी ने युद्ध में अपने वीर प्रदर्शन के लिए इल्तुतमिश को सम्मान की पोशाक प्रदान की। बंदियों को दास बना लिया गया। खोखारों के सरदार कुतुबुद्दीन ऐबक को मुक्त नहीं किया गया। खोखरों के विरुद्ध अभियान में मुहम्मद गौरी को भारी मात्रा में दास और लूट का माल प्राप्त हुआ।
लाहौर में खोखर विद्रोह को कुचलने और कुतुबुद्दीन ऐबक को दिल्ली जाने की अनुमति देने के बाद मुहम्मद गौरी ने ग़ज़नी की ओर वापसी शुरू की। साल्ट रेंज से वापस आते समय शाम की नमाज़ पढ़ रहे  मुहम्मद गौरी की धामियाक (वर्तमान पाकिस्तान में) में हत्या कर दी गई। 17वीं शताब्दी के इतिहासकार फरिश्ता के अनुसार मुहम्मद की हत्या हिंदू खोखरों ने की थी, जिन्होंने हाल ही में समाप्त हुई लड़ाई में अपने रिश्तेदारों की हत्या का बदला लिया था, हालांकि यह जुजानी और अन्य मुस्लिम इतिहासकारों के पहले के खातों से प्रमाणित नहीं होता है, जिन्होंने मुहम्मद की हत्या के लिए इस्माइलियों को जिम्मेदार ठहराया। कुछ विद्वानों ने इब्न अल-असीर के लेखन के आधार पर अनुमान लगाया कि मुहम्मद गौरी की हत्या खोखरों और इस्माइलियों के समझौते द्वारा संयुक्त रूप से की गई थी।

औपनिवेशिक युग
औपनिवेशिक भारत के पंजाब प्रांत में ब्रिटिश राज में
मुसलमान,राजपूत और सिख जातियों का चयन केवल शारीरिक उपयुक्तता के आधार पर नहीं बल्कि स्थानीय प्रभुत्व, उच्च सामाजिक प्रतिष्ठा, प्रभावशाली अभिजात वर्ग, और जमीदारों के प्रति पूर्वाग्रह के अंतर्गत किया गया। अतः खोखर, गक्खर, जंजुआ और अवान जैसी सामाजिक रूप से प्रमुख मुस्लिम, राजपूत और सिक्ख वर्ग को प्राथमिकता दी गई।
                  खोखर सैनिक ब्रिटिश काल

खोखर वंश और कायमखानी - 
जिस प्रकार से जिईया,चायल, मोयल और जाटू वंश के स्थानीय जागीरदारों और राजाओं ने वली कायम खा की बेअत की उसी प्रकार से खोखर वंश के दसरत खोखर ने (शेख फरीद की कयादत) कायम खां को वली माना और लकब कायमखानी इख्तियार किया।

Saturday, 8 June 2024

वक्फ जमीन चूरू

वक्फ संपत्ति चूरू
लिटल फ्लावर के पास

जमा मस्जिद काजियान उस्मानबाद, चूरू।




Thursday, 6 June 2024

RTI नगर परिषद चूरू


                  मूल RTI 06.05.2024
प्रेषित डाक रसीद 
जयपुर सूचना आयुक्त को प्रेषित लिफाफा

सेकंड अपील जयपुर 16/07/2024

प्रथम अपील 353/07.06.2024 प्रथम अपीलीय अधिकारी श्रीमती पायल सैनी चेयरमैन




प्रथम अपील
सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 
(सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 6(1 )के अंतर्गत आवेदन -पत्र का प्रारूप
प्रेषित सभापति महोदय,
नगर परिषद चूरू
 पिन नंबर 331001
1.अपीलार्थी का नाम व पता:- शमशेर खान पुत्र श्री भालू खान ग्राम पोस्ट सजूसर तहसील चूरू जिला चूरू पिन नम्बर 331001
2. राज्य लोक सूचना अधिकारी का नाम व पता :- आयुक्त नगरपरिषद चूरू पिन नंबर 331001
3. जिस आदेश के विरुद्ध अपील की गई उसकी क्रम संख्या व दिनांक:- RTI आवेदन पत्र दिनांक :-06.05.2024

4. अपील किये जाने के संक्षिप तथ्य:-
01. चूरु नगर परिषद के अंतर्गत बसी अवैध/वैध कॉलोनी का नक्शे की प्रमाणित प्रतिलिपि।
2. चूरु नगर परिषद के अंतर्गत बसी सभी कॉलोनी वैध/अवैध का प्लान।
3. चूरू नगर परिषद के अंतर्गत बसी सभी कॉलोनी की जमाबंदी की प्रमाणित प्रतिलिपि मय राजस्व नक्शा।
4. आज दिनांक तक चूरू नगर परिषद को प्राप्त भू रूपांतरण, 90 A, 90 B के प्रस्तावों और प्रार्थना पत्रों की प्रमाणित प्रतिलिपि।
5. 01.01.2019 से आज दिनांक तक अवैध कॉलोनी बसाने वालों के विरुद्ध की गई कार्यवाही की पत्रावली की प्रमाणित प्रतिलिपि।
6. निषेध की गई कृषि भूमि का विवरण एवं वर्तमान अवस्थिति की प्रमाणित प्रतिलिपि।
7. दिनांक 01.01.2019 से आज दिनांक तक नगर परिषद के क्षेत्राधिकार में निर्मित सभी व्यवसायिक मॉल/गोदाम निर्माण स्वीकृति की प्रमाणित प्रतिलिपि।
8. दिनांक 01.01.2019 से आज दिनांक तक नगर परिषद के क्षेत्राधिकार में निर्मित सभी व्यवसायिक मॉल/गोदाम निर्माण स्वीकृति हेतु आपके कार्यालय को स्वीकृति हेतु प्राप्त प्रार्थना पत्रों की प्रमाणित प्रतिलिपि।
9. दिनांक 01.01.2019 से आज दिनांक तक नगर परिषद के क्षेत्राधिकार में निर्मित सभी व्यवसायिक मॉल/गोदाम निर्माण हेतु जारी स्वीकृति पत्र की प्रमाणित प्रतिलिपि।
10. दिनांक 01.01.2019 से आज दिनांक तक नगर परिषद के क्षेत्राधिकार में किए गए अतिक्रमण की जांच हेतु की गई कार्यवाही की प्रमाणित प्रतिलिपि।
11. दिनांक 01.01.2019 से आज दिनांक तक नगर परिषद चूरु द्वारा हटाए गए अवैध निर्माण व अतिक्रमण की प्रमाणित प्रतिलिपि ।
12. भवन निर्माण हेतु दिनांक 01.01.2019 से आज दिनांक तक प्राप्त समस्त प्रार्थना पत्रों की प्रमाणित प्रतिलिपि।
13. भवन निर्माण हेतु दिनांक 01.01.2019 से आज दिनांक तक आपके कार्यालय द्वारा जारी निर्माण अनापत्ति/स्वीकृति आदेश पत्रावली की प्रमाणित प्रतिलिपि।
14. 01.01.2024 से आज दिनांक तक आयुक्त नगर परिषद द्वारा किए गए नगर परिषद क्षेत्र के भ्रमण की लोग बुक,आदेश पंजिका,मुवमेंट रजिस्टर की प्रमाणित प्रतिलिपि।
15. दिनांक 01.01.2024 से आज दिनांक तक आयुक्त नगर परिषद द्वारा किए गए मूवमेंट के प्रतिवेदन, कार्यवाही की प्रमाणित प्रतिलिपि।
16. 01.01.2024 से आज दिनांक तक आयुक्त नगर परिषद चूरू द्वारा उच्च अधिकारियों के आदेश/खंड प्रशासन/जिला प्रशासन द्वारा अतिक्रमण/अवैध कॉलोनी काटने के विरुद्ध दिए गए आदेशों की प्रमाणित प्रतिलिपि।
16. 01.01.2024 से आज दिनांक तक आयुक्त नगर परिषद चूरू द्वारा उच्च अधिकारियों के आदेश/खंड प्रशासन/जिला प्रशासन द्वारा अतिक्रमण/अवैध कॉलोनी काटने के विरुद्ध दिए गए आदेशों की पालना रिपोर्ट की प्रमाणित प्रतिलिपि देवे।
5. अन्य का विवरण:- आयक्त नगरपरिषद चूरू द्वारा मुझे सूचना आज दिनांक तक मेरे द्वारा चाही गई सूचना मुझे उपलब्ध नहीं करवाई है। कृपया अपील स्वीकार करने का कष्ट करें
6. अपीलार्थी का सत्यापन - शमशेर खान पुत्र भालू खान सत्यापित करता हूं की अपील के अनुच्छेद 1 ता. 6 में वर्णित तथ्य मेरी जानकारी में पूर्णतया सत्य एवं सही-सही अंकित है और मैंने इसमें कुछ नहीं छुपाया है, तथा इसी विषय में मैंने पूर्व में अपील नहीं की है।
स्थान: चूरू
दिनांक ............. अपीलार्थी के हस्ताक्षर
  List of Enclosures:
1.Copy of RTI Application
2.Self attested copy or reply if any received from SPIO
3.Any other papers relied upon in appeal.

Sunday, 2 June 2024

चूरु लोकसभा चुनाव 2024

     राहुल कसवां inc v/s देवेन्द्र झाझडिया bjp

 

        चूरू का लोकसभा चुनाव 2024 
राजेंद्र राठौड़V/S राम सिंह कसवां लड़ा गया।

हार या जीत सिर्फ राजेंद्र राठौड़ को समर्पित होगी।
इस चुनाव में काका और भतीजे की लड़ाई महत्वपूर्ण रही।

राहुल कसवां पर तारानगर विधानसभा चुनाव 2023 में भाजपा से गद्दारी का आरोप लगा कर हरलाल सहारण विधायक चूरू, प्राक्रम सिंह राठौड़ (पुत्र) ओर स्वयं राजेंद्र राठौड़ द्वार लगातार 06 दिन तक फील्डिंग कर राहुल कसवां की टिकट कटवाई गई।
इस हेतु चूरू जिले के सभी विधायक प्रत्यासियों से लिखवा कर लिया गया कि राहुल कसवां ने भाजपा उम्मीदवारों को वसुंधरा राजे सिंधिया के इशारे के अनुसार हराया।

35 वर्षों से दीपाचंद जी कसवां के उत्तराधिकारी राम सिंह कसवां परिवार का आधिपत्य।

27.03.2024 ,चूरू लोकसभा हेतु नामांकन के अंतिम दिन बुधवार तक 15 अभ्यर्थियों ने दाखिल किए 17 नामांकन पत्र। गुरूवार को हुई निर्देशन-पत्रों की संवीक्षा,  30 मार्च को नाम निर्देशन- पत्र वापस लेने की प्रक्रिया में दौलत राम पेंसिया द्वारा भाजपा का समर्थन करते हुए नामांकन वापस ले लिया।
गुरुवार, 28 मार्च को प्रातः 11 बजे जिला कलक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट, चूरू के न्यायालय कक्ष, कमरा नंबर 1ए, प्रथम तल, सिविल लाइन्स, चूरू में नाम निर्देशन पत्र संवीक्षा की गई।। अभ्यर्थी या उनके प्रस्थापक या निर्वाचन अभिकर्ता द्वारा रिटर्निंग अधिकारी (जिला कलक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट) या सहायक रिटर्निंग अधिकारी (अतिरिक्त जिला कलक्टर एवं अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट) को उनके कार्यालय में 30 मार्च को दोपहर 3 बजे से पहले अभ्यर्थना देने वालों के नाम वापस।  
दौलत राम पेंसिया ने भाजपा का समर्थन का किया। 
अब कुल नोटा सहित 15 उम्मीदवार मैदान में रहे।


रिटर्निंग अधिकारी पुष्पा सत्यानी के अनुसार प्रत्यासी - 
01 निर्दलीय बिसन सिंह
02 कांग्रेस से राहुल कस्वां।
03 निर्दलीय दिनेश कुमार
04 भारत रक्षक पार्टी (डेमोक्रेटिक) से गोमती
05 निर्दलीय रमेश कुमार
06 बहुजन समाज पार्टी से देईराम
07 निर्दलीय असलम लिलगर
08 निर्दलीय सुखदेव, 
09 निर्दलीय रणवीर सिंह, 
10 भीम ट्राइबल कांग्रेस से शिशपाल सिंह राणा, 
11 निर्दलीय निरंजन सिंह राठौड़, 
12 निर्दलीय युसुफ अली खां
13 निर्दलीय बंशीलाल एवं 
14 भाजपा से देवेंद्र झाझडिया।
15 निर्दलीय रहीसा बानो ने नामांकन दाखिल किए।   


संभावित परिणाम
चूरु लोकसभा 
वि क्षेत्र      अंतर       दल 
नोहर -         25000  कांग्रेस +
भादरा -       05000  बीजेपी +
राजगढ़ -      30000  कांग्रेस +
तारानगर -    10000 बीजेपी +
सरदारशहर - 05000 बीजेपी +
सुजानगढ़ -   30000 कांग्रेस +
रतनगढ़ -     15000 बीजेपी +
चूरु -            20000 कांग्रेस +
कुल -  70000 (सत्तर हजार वोट + कांग्रेस (राहुल कसवां)

राजेंद्र सिंह राठौड़ द्वारा अथक प्रयास कर 05 लाख की हार को एक लाख से नीचे पहुंचाया गया।
अंतिम रूप से कांग्रेस के राहुल कसवां 75349 मतों से जीते।

चुनाव मैदान में उम्मीदवार - 

राहुल कसवां को वोट डालने के बाद का फोटो मतदाता द्वारा प्रेषित।
                 धर्म का अपमान या सम्मान 

स्याही कौनसी अंगुली पर लगवाई पता नहीं। मतदान के बाद अंगुली की स्याही दिखाते राजेन्द्र राठौड़। शायद पूर्व मंत्री जी की दूसरी अंगुली पर स्याही लगाने का नियम हो।

शहरी क्षेत्र चूरू विधानसभा 

           ग्रामीण क्षेत्र चूरू विधानसभा 

राजस्थान लोक सभा - 
लोक सभा चुनाव 2024 
बाजार भाव 
राजस्थान की 25 लोक सभा सीटों पर फलौदी सट्टा बाज़ार के आज भाव :-

01 जोधपुर -
01 भाजपा - गजेंद्र सिंह 20- 25 पैसे
00 कांग्रेस - करण सिंह 4 रुपए 

02 बाड़मेर -
00 भाजपा - कैलाश चौधरी 3 रुपए 
01 कांग्रेस - उमेदाराम 80-90 पैसे 
00 निर्दलीय - रविंद्र सिंह 1.25 रुपए

03 पाली-
02 भाजपा - पीपी चौधरी 35-40 पैसे
00 कांग्रेस - संगीता बेनीवाल 3 रुपए

04 जालोर -
03 भाजपा - लुंबाराम चौधरी 30-35 पैसे 
00 कांग्रेस - वैभव गहलोत 2.50 रुपए 

05 राजसमंद-
04 भाजपा - महिमा कुमारी 70-80 पैसे 
00 कांग्रेस - दामोदर प्रसाद गुर्जर 1.20 रुपए

06 अजमेर-
05 भाजपा -भागीरथ चौधरी 70-75 पैसे
00 कांग्रेस - रामचंद्र चौधरी 1.50 रुपए

07 भीलवाड़ा-
06 भाजपा -दामोदर अग्रवाल 80-90 पैसे 
00 कांग्रेस -सीपी जोशी 1.10 रुपए

08 चित्तौड़गढ़-
07 भाजपा- सी पी जोशी 40-50 पैसे 
00 कांग्रेस - उदयलाल आंजना 1.50 रुपए

09 उदयपुर-
08 भाजपा - मन्नालाल रावत 60-70 पैसे
00 कांग्रेस - ताराचंद मीना 1.75 पैसे 

10 बांसवाड़ा-
09 भाजपा - महेंद्रजीत सिंह मालवीया 80-90 पैसे
00 कांग्रेस - राजकुमार रोत 1.15 रुपए 

11 टोंक-सवाई माधोपुर-
02 कांग्रेस -हरीश मीणा 1 रुपए
00 भाजपा -सुखबीर जौनपुरि 1 रुपए

12 कोटा-
10 भाजपा -ओम बिरला 40-45 पैसे 
00 कांग्रेस - प्रहलाद गुंजन 1.60 रुपए 

13 झालावाड़-बारां -
11 भाजपा - दुष्यन्त सिंह 5-10 पैसे 
00 कांग्रेस - उर्मिला जैन भाया 10 रुपए

14 गंगानगर :-
12 भाजपा - प्रियंका बालन 80-90 पैसे
00 कांग्रेस - कुलदीप इंदौरा 1.24 रुपए

15 बीकानेर:-
13 भाजपा - अर्जुन राम मेघवाल 10 -15 पैसे 
00 कांग्रेस - गोविंद राम मेघवाल 8 रुपए

16 चूरू :-
00 भाजपा - देवेन्द्र झाझरिया 1.25 रुपये
03 कांग्रेस - राहुल कस्वां 60-70 पैसे

17 झुझूनूं:-
00 भाजपा - शुभकरण चौधरी 1.30 रुपये
04 कांग्रेस - बृजेंद्र ओला 50-60 पैसे

18 सीकर:- 
00 भाजपा - स्वामी सुमेधानंद सरस्वती 1.50 रुपये
05 कांग्रेस - अमराराम (CPI) 40-50 पैसे 

19 जयपुर ग्रामीण:-
14 भाजपा - राव राजेंद्र सिंह 70-80 पैसे 
00 कांग्रेस - अनिल चोपड़ा 1.25 रुपये

20 जयपुर:-
15 भाजपा - मंजू शर्मा 30-35 पैसे
00 कांग्रेस - प्रताप सिंह खचारियावास 3 रुपए

21 अलवर:-
16 भाजपा - भूपेंद्र यादव 70-75 पैसे 
00 कांग्रेस - ललित यादव 1.40 रुपये 

22 भरतपुर:-
17 भाजपा - रामस्वरूप कोली 40-50 पैसे 
00 कांग्रेस - संजना जाटव 1.50 रुपये 

23 करौली-धौलपुर:-
00 भाजपा - इंदु देवी जाटव 1.50 रुपये
06 कांग्रेस - भजनलाल जाटव 40-50 पैसे

24 दौसा:-
00 भाजपा - कन्हैया लाल मीणा 1.30 रुपये
07 कांग्रेस - मुरारी लाल मीणा 60-70 पैसे

25 नागौर:-
00 भाजपा - ज्योति मिर्धा 1.25 रुपये
08 कांग्रेस - हनुमान बेनीवाल 60-70 पैसे

कांग्रेस 
01 चूरु राहुल कसवां/देवेंद्र झाझडिया
02 सीकर अमराराम /स्वामी सुमेधानंद सरस्वती
03 झुंझुनूं बृजेंद्र ओला/ शुभकरण चौधरी
04 जैसलमेर बाड़मेर उमेदाराम बेनीवाल/रविंदर सिंह 
     भाटी/कैलाश चौधरी
05 टोंक सवाई माधोपुर हरीश मीणा/सुखवीर सिंह 
      jonpuriyahota

06 दौसा मुरारीलाल मीणा/कन्हैयालाल मीणा 
07 धौलपुर करौली भजनलाल जाटव/इंदु देवी जाटव
08 जयपुर ग्रामीण अनिल चोपड़ा/राव राजेंद्र सिंह 
09 डूंगरपुर बांसवाड़ा राजकुमार रोत/महेंदरजीत सिंह
10 नागौर हनुमान बेनीवाल आरएलपी/ज्योति मिर्धा

भाजपा
11 हनुमानगढ़ गंगानगर प्रियंका बालान/कुलदीप इंदौरा 
12 भीलवाड़ा दामोदर अग्रवाल/सीपी जोशी
13 जालौर सिरोही लुंबाराम /वैभव गहलोत
14 पाली पीपी चौधरी/संजना बेनीवाल
15 राजसमंद महिमा कुमारी/दामोदर गुर्जर
16 उदयपुर मन्ना लाल रावत /ताराचंद मीणा 
17 झालावाड़ बारां दुष्यंत सिंह/उर्मिला जैन भाया
18 कोटा बूंदी ओम प्रकाश बिरला/परहलद गुंजल
19 जयपुर मंजू शर्मा /प्रताप सिंह खाचरियावास
20 चित्तौड़गढ़ प्रतापगढ़ सीपी जोशी/उदय लाल अनजाना में क्या फायदा 

शंकित
21 जोधपुर गजेंद्र सिंह खींवसर/करण सिंह उचियारड़ा
22 भरतपुर संजना जाटव/रामस्वरूप कोली
23 अलवर ललित यादव/भूपेंद्र यादव 
24 अजमेर भागीरथ चौधरी/रामचंद्र चौधरी
25 बीकानेर अर्जुनराम मेघवाल/गोविंदराम मेघवाल

                    
               कांग्रेस बीजेपी कुल

जाट - 07 07 14
ब्राह्मण - 03 01 04
राजपूत - 05 02 07
बनिया - 01 02 03
एसटी - 02 01 03
एससी - 07 03 10
ओबीसी 01 01 02

कुल सट्टा बाजार के अनुसार
भाजपा 17
कांग्रेस 08 

मेरे अनुसार 
भाजपा 10
कांग्रेस 10
संसय 05

10 वें राउंड तक रुझान - 
चूरु लोकसभा चुनाव 2024 में चूरू विधानसभा का रिजल्ट
 

राहुल कसवां चूरु लोकसभा की 
रतनगढ़ सीट से 1500
भादरा सीट से 4000 वोट पीछे रहे।
चूरु से 16500
सादुलपुर से 25000
नोहर से 17000
सुजानगढ़ से 2500
सरदारशहर से लगभग 12000 वोट आगे रहे।
राहुल कसवां 73000 वोटों से विजाय।

सीकर लोकसभा
कॉमरेड अमराराम 28566 वोटो से आगे
अमराराम 236476 
सुमेधानंद सरस्वती 207910 

बाड़मेर...उमेदाराम बेनीवाल 44040 वोट से आगे...
 उम्मेदाराम बेनीवाल..174772
 रविंद्र सिंह भाटी...130702

चूरू.... राहुल कस्वां 23651 वोट से आगे....
 राहुल कस्वां...220224
देवेंद्र.......196573

अजमेर लोकसभा 
भागीरथ चौधरी..171172 वोट से आगे..
भगीरथ चौधरी...392844
रामचंद्र चौधरी...221672

अलवर लोकसभा 
भूपेंद्र यादव 44689 वोट से आगे..
भूपेंद्र यादव....164537
 ललित यादव..121753

बांसवाड़ा लोकसभा 
 राजकुमार रोत 64594 वोट से आगे...
राजकुमार रोत...136599
 महेंद्रजीत मालवीय..72005

भरतपुर लोकसभा 
संजना जाटव ( कांग्रेस ) 23890 वोट से आगे...
संजना जाटव..222407
 रामस्वरूप कोली..198517 

भीलवाड़ा लोकसभा 
 दामोदर अग्रवाल (भाजपा) 123124 वोट से आगे..
दामोदर अग्रवाल..273696
सीपी जोशी...150572

बीकानेर लोकसभा 
अर्जुन राम मेघवाल (भाजपा)..15191 वोट से आगे..
अर्जुन राम मेघवाल.. 185712
गोविंद राम मेघवाल.. 170521 

चित्तौड़गढ़ लोकसभा 
 सीपी जोशी (भाजपा). 85706 वोट से आगे..
 सीपी जोशी...182388 
 उदयलाल आंजना.. 96682 

दोसा लोकसभा 
 मुरारी लाल मीना(कांग्रेस ) 87483 वोट से आगे..
 मुरारी लाल मीणा.. 244261 
 कन्हैया लाल मीणा.. 156778 

गंगानगर लोकसभा 
कुलदीप इंदौरा( कांग्रेस ) 36994 वोट से आगे..
 कुलदीप इंदौरा.. 237006
 प्रियंका बालान मेघवाल.. 200042

जयपुर लोकसभा 
 मंजू शर्मा (भाजपा) जयपुर शहर 157643 वोट से आगे..
 मंजू शर्मा... 473553 
प्रताप सिंह खाचरियावास.. 316110 

जयपुर ग्रामीण लोकसभा 
अनिल चोपड़ा (कांग्रेस) जयपुर ग्रामीण 17650 वोट से आगे...
 अनिल चोपड़ा.. 290090 
राव राजेंद्र सिंह.. 272440

जालौर लोकसभा 
लुंबाराम भारतीय जनता पार्टी 63704 वोट से आगे....
 लुंबाराम... 255337 
 वैभव गहलोत... 191633 

झालावाड़ बांरा लोकसभा 
 दुष्यंत सिंह (भाजपा ) 109979 वोट से आगे...
 दुष्यंत सिंह...300307
 उर्मिला जैन... 190328 

झुंझुनू लोकसभा  
 शुभकरण चौधरी (भाजपा ) 2862 वोट से आगे...
 शुभकरण चौधरी.. 217081
विजेंद्र सिंह ओला..214219

जोधपुर लोकसभा 
गजेंद्र सिंह शेखावत (भाजपा) 11513 वोट से आगे...
 गजेंद्र सिंह शेखावत..156581
 करण सिंह ऊंचारिया..145068

करौली धौलपुर लोकसभा 
 भजनलाल जाटव (कांग्रेस) 66699 वोट से आगे..
 भजनलाल जाटव..285286 
इंदु देवी.... 218587 

कोटा लोकसभा 
ओम बिरला (भाजपा.) 10104 वोट से आगे...
ओम बिरला... 11875 
प्रहलाद गुंजन... 171771 

नागौर लोकसभा 
 हनुमान बेनीवाल (आरएलपी) 15305 वोट से आगे...
 हनुमान बेनीवाल... 235243 
 ज्योति मिर्धा....219938 

पाली लोकसभा 
 पी पी चौधरी (भाजपा) 81237 वोट से आगे...
 पी पी चौधरी... 229029
 संगीता बेनीवाल...147792 

राजसमंद लोकसभा 
 महिमा कुमारी मेवाड़ (भाजपा) 179573 वोट से आगे...
 महिमा कुमारी मेवाड़... 347859 
डॉक्टर दामोदर गुर्जर 168336 

टोंक सवाई माधोपुर लोकसभा
 हरिश्चंद्र मीणा (कांग्रेस) 21379 वोट से आगे...
 हरिश्चंद्र मीना... 178952
 सुखबीर सिंह जौनपुरिया... 157563 

उदयपुर लोक सभा 
 मन्नालाल रावत (भाजपा) 90475 बोर्ड से आगे..
 मन्नालाल रावत.. 247524 
ताराचंद मीना.. 157049

*राजस्थान के परिणाम*

भाजपा- 14
इंडिया गठबंधन-11

जयपुर शहर - मंजु शर्मा BJP
अजमेर - भागीरथ चौधरी BJP
राजसमंद - महिमा कुमारी BJP
दौसा - मुरारीलाल मीणा INC
बीकानेर - अर्जुनराम मेघवाल BJP
झालावाड़ - दुष्यंत सिंह BJP
धौलपुर - भजनलाल जाटव INC
पाली - पीपी चौधरी BJP
भरतपुर - संजना जाटव INC
उदयपुर - मन्नालाल रावत BJP
चित्तौड़गढ़ - सीपी जोशी BJP
जालोर - लुंबाराम चौधरी BJP
श्रीगंगानगर - कुलदीप इंदौरा INC
जयपुर ग्रामीण - राव राजेन्द्र सिंह BJP
नागौर - हनुमान बेनीवाल RLP
भीलवाड़ा - दामोदर अग्रवाल BJP
चूरु - राहुल कस्वां INC
बाँसवाड़ा - राजकुमार रोत BAP
सीकर - अमराराम CPI(M)
झुँझुनू - बृजेंद्र ओला INC
जोधपुर - गजेन्द्र सिंह शेखावत BJP
अलवर - भूपेन्द्र यादव BJP
कोटा - ओम बिरला BJP
बाड़मेर - उम्मेदाराम बेनीवाल INC
टोंक - हरीशचंद्र मीना INC

चुनाव आयोग की वेबसाइट पर नवीनतम अपडेट के अनुसार, लोकसभा चुनावों में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पार्टियों द्वारा जीती गई सीटों की संख्या इस प्रकार है-
बीजेपी - 240
कांग्रेस - 99
समाजवादी पार्टी - 37
तृणमूल कांग्रेस - 29
डीएमके - 22
तेलुगु देशम पार्टी - 16
जेडी(यू) - 12
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) - 9
एनसीपी (शरद पवार) - 8
शिवसेना - 7
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) - 5
वाईएसआरसीपी - 4
आरजेडी - 4
सीपीआई(एम) - 4
इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग - 3
आप - 3
झारखंड मुक्ति मोर्चा - 3
जनसेना पार्टी - 2
सीपीआई (एमएल) (लिबरेशन) - 2
जेडी(एस) - 2
विदुथलाई चिरुथैगल काची - 2
सीपीआई - 2
राष्ट्रीय लोक दल - 2
नेशनल कॉन्फ्रेंस - 2
यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी, लिबरल - 1
असम गण परिषद - 1
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) - 1
केरल कांग्रेस - 1
रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी - 1
एनसीपी - 1
वॉयस ऑफ द पीपल पार्टी - 1
जोराम पीपुल्स मूवमेंट - 1
शिरोमणि अकाली दल - 1
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी - 1
भारत आदिवासी पार्टी - 1
सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा - 1
मरूमलार्ची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम - 1
आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) - 1
अपना दल (सोनेलाल) - 1
आजसू पार्टी - 1
एआईएमआईएम - 1
निर्दलीय - 7

शमशेर भालू खान 
चूरू 
9587243963