Sunday, 23 July 2023

इंदिरा गांधी (प्रियदर्शिनी)

            इंदिरा प्रियदर्शिनी
                  इंदिरा गांधी (प्रियदर्शिनी)
          इंदिरा गांधी फिरोज गांधी की शादी 
         इंदिरा फिरोज स्वतंत्रता आंदोलन के समय

इंदिरा गांधी पिता जवाहर लाल नेहरू,पुत्र राजीव 
                और संजय गांधी के साथ।
   फिल्म जगत के कलाकारों के साथ
         इंदिरा जी मारुति सुजुकी में सवार 

    एक पत्र राजस्थान के मुख्यमंत्री मोहन लाल सुखाडिया जी के नाम।

पोते पोतियों के साथ इंदिरा गांधी 
सरदार पटेल, नेहरू और इंदिरा जी

19 मई 1975 में सिक्किम का भारत में विलय हुआ था और देश का 22वाँ राज्य बना था . यह दिन उन अल्प अक्ल के लोगों को जनन्ना जरुरी है जो एक लंगूर की उछल कूद और बक्लोली को देश के लिए बड़ा योगदान समझते हैं, हम स्कूल में पढते थे और उस समय काजी लेंदुप दोरजी का नाम सभी की जुबान पर था .
सिक्किम का इतिहास भी रोचक है . बौद्ध भिक्षु गुरु रिन्पोचे 8वीं सदी में सिक्किम दौरे पर आए थे। मान्यता के अनुसार 14वीं सदी में ख्ये बुम्सा, पूर्वी तिब्बत में खाम के मिन्यक महल के एक राजकुमार को एक रात दैवीय दृष्टि के अनुसार दक्षिण की ओर जाने का आदेश मिला। इनके ही वंशजों ने सिक्किम में राजतन्त्र की स्थापना की।1642इस्वी में ख्ये के पांचवें वंशज फुन्त्सोंग नामग्याल को तीन बौद्ध भिक्षु, जो उत्तर, पूर्व तथा दक्षिण से आये थे, द्वारा युक्सोम में सिक्किम का प्रथम चोग्याल (राजा) घोषित किया गया। इस प्रकार सिक्किम में राजतन्त्र का आरम्भ हुआ।
सिक्किम की समस्या तब बढ़ने लगी, जब वहां के महाराज ने एक अमेरिकी महिला से शादी कर ली। इसके बाद वहां सीआईए का दखल होने लगा, जो भारत के लिए अच्छा नहीं था।जब भारत ऐशिया की प्रमुख शक्तियों में शुमार हो रहा था। तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी सन 1971 के युद्ध में अमेरिका के पाकिस्तान के साथ खड़े होने से बेहत सतर्क थीं, उन्होंने रॉ के पहले निदेशक रामेश्वरनाथ काव को सिक्किम के लिए विशेष ऑपरेशन के लिए नियुक्त किया और श्री काव ने सिक्किम के भारत में विलय को साकार कर दिया .सिक्किम नामग्याल राजतन्त्र द्वारा शासित एक स्वतन्त्र राज्य था। 1975 में हुए जनमत संग्रह के बाद यह भारत में विलीन हो गया। इस जनमत संग्रह के बाद राजशाही का अन्त और भारतीय संविधान की नियम-प्रणाली के अंतर्गत यहाँ प्रजातन्त्र का उदय हुआ। सिक्किम नामग्याल राजतन्त्र द्वारा शासित एक स्वतन्त्र राज्य था, परन्तु प्रशासनिक समस्यायों के चलते यहां के लोग खुशी-खुशी भारत में शामिल हुए थे।
चीन की नाक के नीचे यह सब करना मुश्किल था। चीन की सेना सीमा पर थीं, लेकिन काव के कुशल नेतृत्व और शानदार रणनीति की वजह से बगैर खून बहाए, 3000 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र का भारत में विलय कराया और सिक्किम भारत का 22वां राज्य बना।
आज सिक्किम पर्यटन की दृष्टि से दुनिया का पसंदीदा स्थान है , पूर्वोत्तर का एकमात्र ऐसा राज्य है जहां पर्याप्त उद्योग हैं, बहुत कम पलायन है और किसी भी तरह की अलगाववादी गतिविधि नहीं हैं 
सिक्किम के साथ इंदिरा गांधी के कुशल नेतृत्व और श्री काव की शानदार नीति को याद करना जरुरी है . सिक्किम स्वीटज़रलेंड से भी सुन्दर है।
सिक्किम के भारत में विलय का एक दुर्लभ फोटो तथा ऑपरेशन सिक्किम की सफलता के बाद एक अकबर रोड पर इंदिरा गाँधी के साथ मानिक राम, आर एन काव, गैरी सक्सेना, जी बी एस सिद्धू

Friday, 21 July 2023

शक संपत्ति,विवाद और परिवार की समाप्ति

    शक,संपत्ति विवाद, और परिवार की समाप्ति

                  पूनाराम का जला हुआ घर 
जोधपुर जिले के मेहराराम (मानसिक विमंद जो पूनाराम के साथ रहता था ) भैराराम (हत्यारे पप्पू राम का पिता) और पूनाराम बेरड़ तीन भाई थे।
           बड़ा भाई मेहरराम मानसिक विक्षिप्त
                   मझला भाई भैराराम 

                      छोटा भाई पूनाराम
जो ओसियां कस्बे के चोराई (रामनगर) गांव के निकट गंगानियों की ढाणी में निवास करते थे। दोनो की ढाणी 200 मीटर के अंतराल पर थी।
दोनों भाइयों में जमीन से संबंधित विवाद काफी समय से चल रहा था। इस विवाद को सुलझाने का गांव वालों ने प्रयास किया पर भैराराम नहीं माना। इस अड़ियलपन के कारण गांव ने उनका बहिष्कार कर रखा था।
परन्तु पूनाराम ने अपनी दो पुत्रियों और एक पुत्र की शादी में समझौता कर शामिल किया।
कुछ महीने पहले पप्पू राम उम्र 20 साल (पूना राम के बड़े भाई का लड़का) के भाई राजाराम ने प्रेम प्रसंग के चलते एक पेड़ से लटक कर सूरत (गुजरात) में आत्महत्या कर ली। भैराराम और उसका परिवार मानता था कि उसके भाई की हत्या पूनाराम ने करवाई है और बदले की फिराक में था। इस मामले में दोनों घरों में आपस में कई बार झगड़ा हो चुका है।
19 जुलाई 2023  की रात को चार बजे पचपन वर्षीय पूनाराम,पचास साल की उस की पत्नी,चोबीस वर्षीय बहु धापू (पूनाराम के पुत्र रेनवतराम की पत्नी) और छः माह की पोती मनीषा बाहर सो रहे थे की पप्पू राम परिवार के सदस्य ने चाचा, चाची,भाभी और भतीजे को कुल्हाड़ी से काट कर मार डाला।
                       मृतक परिवार
        पूनाराम के घर के सदस्यों के जले शव 

पूना राम के दोनों बेटे हरजीराम और रेवतराम घर पर नहीं थे।
मारने के बाद चारों को घसीट कर झोंपड़े में डाल दिया गया।
चंवरे नुमा झोंपड़े में पहले सब पर केरोसिन डाला और आग लगा दी गई और सब जल कर खाक हो गये।
विभत्सनाक बात यह है कि शिशु को चूल्हे से निकाला गया।
            हत्यारा पपपुराम बेरड़ उम्र 20 साल

समाज में व्याप्त वैमनस्य की यह कहानी इंसान के मन को उद्वेलित कर देती है। धन जीवन के लिये आवश्यक है पर धन संपदा के लिये अपने ही खून को बहाना रक्त पपासुओं का काम ही हो सकता है।
आज शिक्षा से ज्यादा संस्कार की आवश्यकता है जिस से व्यक्ति संयमित और संतोषी जीवन के लिये तैयार हो सके।
हमारी हार्दिक संवेदनाएं समाज की स्माजियत के मरने पर और संस्कार विहीन संतान के जन्म पर।

ऐसी ही एक घटना मेरे गांव में दो साल पहले कायमखानी (मुस्लिम) समाज में बुधे खान के परिवार के साथ घटित हो चुकी है जिसमें सगे भाई उम्मेद खान के पुत्र शाहरुख खान ने ताया की पत्नी रहीसा बानो और भाभी आसमीन बानो को छुरी से गला रेत कर मार डाला।

शमशेर भालू ख़ान
चूरू

Sunday, 16 July 2023

उर्दू,पंजाबी,गुजराती,सिंधी,और पंजाबी हेतु और राजीव गांधी पैरा टीचर्स,शिक्षा कर्मी पंचायत सहायक हेतु वार्ता के बिंदु 17.07.2023

बीकानेर शिक्षा निदेशक से वार्ता


1 राजीव गांधी पैरा टीचर्स शिक्षा कर्मी और पंचायत सहायक के लिए वार्ता के बिंदु 
2 उर्दू,पंजाबी,गुजराती और सिंधी हेतु वार्ता के बिंदु

1 राजीव गांधी पैरा टीचर्स शिक्षा कर्मी और पंचायत सहायक के लिए वार्ता के बिंदु 
सेवामें
श्रीमान निदेशक महोदय,
प्रारंभिक एवं माध्यमिक शिक्षा बीकानेर बीकानेर
विषय - राजीव गांधी पैरा टीचर, शिक्षा कर्मी व पंचायत शिक्षक से संबंधित समस्याओं के समाधान बाबत।
संदर्भ - माननीय शिक्षा मंत्री महोदय श्रीमान बुलाकीदास कल्ला जी से उनके निवास पर बीकानेर में दिनांक 16.07.2023 को हुई वार्ता अनुसार उनके द्वारा निर्देशित आप महोदय से वार्ता बाबत।

महोदय जी,
उपर्युक्त विषयांतर्गत सादर निवेदन है कि राजस्थान सरकार द्वारा संविदा पर काम कर रहे शिक्षा विभाग के समस्त कार्मिकों को एडॉप्ट करते हुये विभिन्न सुविधाएं प्रदान करने के आदेश जारी किये है।
कार्मिक एवं वित्त विभाग द्वारा जारी आदेश जो माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा अनुमोदित हैं,परंतु निदेशालय/शिक्षा विभाग स्तर पर अपेक्षित कार्यवाही लंबित हैं।
हमारे द्वारा समय - समय पर आपको ज्ञापन/पत्र के माध्यम से इन समस्याओं के समाधान हेतु निवेदन किया जाता रहा है।
परन्तु आदिनांक तक अपेक्षित कार्यवाही नहीं की गई है।
महोदय जी, उपरोक्तानुसार समस्याऐं निम्नानुसार है -
1 प्रशिक्षित राजीव गांधी पैरा टीचर्स,शिक्षा कर्मी और पंचायत सहायक का पदनाम दिनांक 02/03/2023 को परिवर्तित कर 
क - राजीव गांधी पैरा टीचर्स का पदनाम कनिष्ठ शिक्षक
ख - शिक्षा कर्मी का नाम - सहायक शिक्षक 
ग - पंचायत सहायक का नाम पंचायत शिक्षक कर दिया गया है।
परन्तु शाला दर्पण पोर्टल पर अभी तक पुराना नाम ही दर्शाया जा रहा है।
अतः कृपया इन संविदा कर्मियों के परिवर्तित नाम शाला दर्पण पोर्टल पर सही अंकित करवाने का श्रम करावें।

2 - कई संविदा कर्मियों की शाला दर्पण पोर्टल पर प्रपत्र 10 में दर्ज सूचनाएं अधूरी/त्रुटिपूर्ण हैं।
अतः कृपया सही जानकारी संधारित करवाने हेतु एक बार शाला दर्पण पोर्टल के प्रपत्र 10 को अनलॉक करवा कर पुनः सही एवं पूर्ण देता संधारित करवाने हेतु पीईईओ को पाबंद किया जावे।
3 - पंचायत सहायक/शिक्षक से संबंधित जानकारी शाला दर्पण पोर्टल के प्रपत्र 10 में संधारित नहीं है।
अतः समस्त 23749 पंचायत सहायक/शिक्षकों के डेटा प्रपत्र 10 में संधारित करवाने का श्रम करावे।
4 - संबंधित पीईईओ द्वारा अधिकांश संविदा कर्मियों की निजी पत्रावली (पीएफ) सेवा पुस्तिका का संधारण नहीं किया गया है।
पीईईओ द्वारा इन कार्मिकों का पृथक से दैनिक उपस्थिति रजिस्टर संधारित किया जा रहा है। 
अतः स्टाफ दैनिक उपस्थिति रजिस्टर में ही संविदा कर्मियों के हस्ताक्षर करवाने,पीएफ व सेवा पंजिका संधारित करवाने हेतु पीईईओ को निर्देशित करवाने का श्रम करावे।
5 - संविदा कर्मियों द्वारा प्रपत्र 10 भरवाया जा कर डेटा को प्राण नंबर हेतु एनपीएस पोर्टल से लिंक कर दिया जावे जिस से प्राण नंबर जारी होने में समस्या अथवा त्रुटि न रहे।
दिसंबर माह में एडॉप्शन की प्रक्रिया पूर्ण होने के बावजूद अभी तक 
(क) - प्राण नंबर जारी नहीं हुये।
(ख) - इंपलोई id जारी नहीं हुई।
(ग) - मेडिक्लेम पॉलिसी जारी नहीं हुई।
अतः कृपया उक्तानुसार प्राण नंबर,इंप्लोई id और मेडिक्लेम पॉलिसी जारी करने हेतु आवश्यक कार्यवाही करवाने का श्रम करावें।
6 - संविदा कार्मिकों को समय पर मानदेय का भुगतान नहीं किया जा रहा है जिससे उनको घरेलू जिम्मेदारियां निभाने में बहुत समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
अतः कृपया सभी संविदा कार्मिकों का समय पर मानदेय भुगतान करवाने की कार्रवाई कर अनुग्रहित करें।
आपसे निवेदन है कि बिंदु संख्या एक से 6 तक के समाधान हेतु आवश्यक कार्यवाही कर अनुग्रहित करें।
 धन्यवाद।
                                  भवदीय
                         शमशेर भालू ख़ान
                          संयोजक संघर्ष समिति

2 उर्दू,पंजाबी,गुजराती और सिंधी हेतु वार्ता के बिंदु

सेवामें,
श्रीमान निदेशक महोदय,
माध्यमिक एवं प्रारंभिक शिक्षा बीकानेर,(बीकानेर)।
विषय :- उर्दू विषय से संबंधित समस्याओं के समाधान बाबत।
संदर्भ :- माननीय शिक्षा मंत्री महोदय श्रीमान बुलाकिदास कल्ला जी से उनके निवास पर बीकानेर में हुई वार्ता में उनके निर्देशानुसार आप महोदय जी से वार्ता बाबत।

महोदय जी,
उपर्युक्त विषयांतर्गत सादर निवेदन है कि
(1) दिनांक 21.11.2020 को माननीय खानू खां बुधवाली की माधस्थता में निदेशालय द्वारा तत्कालीन शिक्षा निदेशक श्रीमान सौरव स्वामी जी द्वारा तैयार 09 सूत्रीय समझौते के अनुसार दांडी यात्रा का स्थगन किया गया।
(2) दिनांक 02 दिसंबर 2020 को तत्कालीन शिक्षा मंत्री श्रीमान गोविंद सिंह डोटासरा जी के निर्देशानुसार तत्कालीन शासन सचिव पंचायत राज श्रीमती अपर्णा अरोड़ा जी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में इस समझौते को लागू करने हेतु सहमति बनी।
(3) दिनांक 21.01.2021 को माननीय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत साहब द्वारा उक्त समझौते को लागू करने बाबत एक विद्यालय में 10 छात्र संख्या होने पर तृतीय भाषा के पद सृजित करने हेतु आदेश मुझे सौंपे गये।
(4) दिनांक 29.09.2021 को तत्कालीन शिक्षा मंत्री महोदय श्रीमान गोविंद सिंह डोटासरा जी द्वारा माध्यमिक शिक्षा में कक्षा एक से 10 तक तृतीय भाषा के  10 छात्रों पर एक अध्यापक की व्यवस्था हेतु आदेश मुझे सौंपे गये थे।
इतना सब होने के बावजूद शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा तृतीय भाषाओं विशेषकर उर्दू व सिंधी भाषा के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है जो खेद जनक होने के साथ - साथ हमें आत्मग्लानि का बोध करवाता है।

महोदय जी,
1 (क) 8 नवंबर 2020 से शाला दर्पण पोर्टल पर छात्रों से प्राप्त तृतीय भाषा चयन हेतु ऑप्शन फॉर्म भरवाए जाने बाबत समस्त प्रधानाध्यापको को निर्देशित किया गया था, खेद व्यक्त करते हुये आपको बताना पड़ रहा है कि अधिकांश संस्था प्रधान महोदयो द्वारा बिना ऑप्शन फॉर्म लिये ही सभी छात्रों की एक ही तृतीय भाषा का चयन कर लिया गया (अधिकांश संस्कृत भाषा का)।
(ख) कुछ विद्यालयों में अभिभावक और छात्र के ऑप्शन फॉर्म ले कर संस्था प्रधान महोदय से सही तृतीय भाषा का इंद्राज करने हेतु विनय किया गया परंतु सुनवाई नहीं की गई।
(ग) कुछ विद्यालयों में अभिभावकों,जनप्रतिनिधियों और छात्रों के विनय पर कुछ समय के लिये एक बार तो अन्य भाषा का चयन किया गया परंतु थोड़े ही दिन बाद उसे एडिट कर पुनः संस्कृत भाषा का चयन कर दिया गया।
(घ) कुछ संस्था प्रधान महोदय ने अभिभावकों और छात्रों को चयनित तृतीय भाषा का अध्यापक उपलब्ध नहीं होने, उक्त समय पर पद सृजित नही होने की बात कह कर इच्छित तृतीय भाषा के स्थान पर अन्य भाषा का चयन करवा लिया गया।

इन सब समस्याओं के समाधान हेतु 
1 शाला दर्पण पोर्टल पर स्कूल प्रोफाइल में तृतीय भाषा मेपिंग पुनः करवाई जावे। विभाग एवं निदेशालय के पास अल्पसंख्यक छात्रों के कक्षा वार डेटा उपलब्ध हैं, विभाग उक्त कोलम को तृतीय भाषा मेपिंग ऑप्शन से लिंक कर स्वतः भाषा चयन से संबंधित कार्यवाही की जावे जिस से उर्दू और सिंधी भाषा के साथ अन्याय नहीं हो सके।

2 शाला दर्पण पोर्टल के छात्र प्रोफाइल में तृतीय भाषा चयन के ऑप्शन को पुनः अनलॉक कर संस्था प्रधान को सख्ती से पाबंद किया जावे कि छात्र द्वारा चाही गई तृतीय भाषा का ही चयन किया जावे एवं ऑप्शन फॉर्म अवश्य प्राप्त किया जावे।

3 जिन संस्था प्रधानों ने जानबूझकर  तृतीय भाषा मेपिंग में गड़बड़ी की है उनके विरुद्ध कार्यवाही अमल में लाई जावे।

4 महत्मा गांधी विद्यालयों में पूर्व में सृजित उर्दू के पद आज भी समाप्त किये जा रहे है और उर्दू के छात्रों को मजबूरी में अन्य तृतीय भाषा (संस्कृत) पढ़नी पड़ती है।

(5) कई विद्यालयों में आंदोलन के समय उर्दू का पद प्रदर्शित किए गए थे परंतु वर्तमान में पद प्रदर्शित नही हो रहे हैं।
(6) कई विद्यालयों में अधिकांश उर्दू पढ़ने वाले छात्र होने के बावजूद उर्दू विषय स्वीकृत नहीं किया गया है।
(7) उर्दू विषय की पुस्तकें अभी तक विद्यालयों में नहीं पहुंची हैं।
(8) वर्ष 2014 के बाद उर्दू विषय की डीपीसी नहीं की गई है।
अतः आप से निवेदन है कृपया क्रम संख्या 01 से 08 तक वर्णित समस्याओं का शीघ्र समाधान कर राहत प्रदान करवाने का श्रम करावे।
धन्यवाद

संलग्न - उक्तानुसार व्वक्तय के समर्थन में कुछ तथ्य।
                                   
                               भवदीय
                         शमशेर भालू ख़ान
                          संयोजक संघर्ष समिति

उर्दू हेतु वार्ता 17.07.2023

सेवामें,
श्रीमान निदेशक महोदय,
माध्यमिक एवं प्रारंभिक शिक्षा बीकानेर,(बीकानेर)।
विषय :- उर्दू विषय से संबंधित समस्याओं के समाधान बाबत।
संदर्भ :- माननीय शिक्षा मंत्री महोदय श्रीमान बुलाकिदास कल्ला जी से उनके निवास पर बीकानेर में हुई वार्ता में उनके निर्देशानुसार आप महोदय जी से वार्ता बाबत।

महोदय जी,
उपर्युक्त विषयांतर्गत सादर निवेदन है कि
(1) दिनांक 21.11.2020 को माननीय खानू खां बुधवाली की माधस्थता में निदेशालय द्वारा तत्कालीन शिक्षा निदेशक श्रीमान सौरव स्वामी जी द्वारा तैयार 09 सूत्रीय समझौते के अनुसार दांडी यात्रा का स्थगन किया गया।
(2) दिनांक 02 दिसंबर 2020 को तत्कालीन शिक्षा मंत्री श्रीमान गोविंद सिंह डोटासरा जी के निर्देशानुसार तत्कालीन शासन सचिव पंचायत राज श्रीमती अपर्णा अरोड़ा जी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में इस समझौते को लागू करने हेतु सहमति बनी।
(3) दिनांक 21.01.2021 को माननीय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत साहब द्वारा उक्त समझौते को लागू करने बाबत एक विद्यालय में 10 छात्र संख्या होने पर तृतीय भाषा के पद सृजित करने हेतु आदेश मुझे सौंपे गये।
(4) दिनांक 29.09.2021 को तत्कालीन शिक्षा मंत्री महोदय श्रीमान गोविंद सिंह डोटासरा जी द्वारा माध्यमिक शिक्षा में कक्षा एक से 10 तक तृतीय भाषा के  10 छात्रों पर एक अध्यापक की व्यवस्था हेतु आदेश मुझे सौंपे गये थे।
इतना सब होने के बावजूद शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा तृतीय भाषाओं विशेषकर उर्दू व सिंधी भाषा के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है जो खेद जनक होने के साथ - साथ हमें आत्मग्लानि का बोध करवाता है।

महोदय जी,
1 (क) 8 नवंबर 2020 से शाला दर्पण पोर्टल पर छात्रों से प्राप्त तृतीय भाषा चयन हेतु ऑप्शन फॉर्म भरवाए जाने बाबत समस्त प्रधानाध्यापको को निर्देशित किया गया था, खेद व्यक्त करते हुये आपको बताना पड़ रहा है कि अधिकांश संस्था प्रधान महोदयो द्वारा बिना ऑप्शन फॉर्म लिये ही सभी छात्रों की एक ही तृतीय भाषा का चयन कर लिया गया (अधिकांश संस्कृत भाषा का)।
(ख) कुछ विद्यालयों में अभिभावक और छात्र के ऑप्शन फॉर्म ले कर संस्था प्रधान महोदय से सही तृतीय भाषा का इंद्राज करने हेतु विनय किया गया परंतु सुनवाई नहीं की गई।
(ग) कुछ विद्यालयों में अभिभावकों,जनप्रतिनिधियों और छात्रों के विनय पर कुछ समय के लिये एक बार तो अन्य भाषा का चयन किया गया परंतु थोड़े ही दिन बाद उसे एडिट कर पुनः संस्कृत भाषा का चयन कर दिया गया।
(घ) कुछ संस्था प्रधान महोदय ने अभिभावकों और छात्रों को चयनित तृतीय भाषा का अध्यापक उपलब्ध नहीं होने, उक्त समय पर पद सृजित नही होने की बात कह कर इच्छित तृतीय भाषा के स्थान पर अन्य भाषा का चयन करवा लिया गया।

इन सब समस्याओं के समाधान हेतु 
1 शाला दर्पण पोर्टल पर स्कूल प्रोफाइल में तृतीय भाषा मेपिंग पुनः करवाई जावे। विभाग एवं निदेशालय के पास अल्पसंख्यक छात्रों के कक्षा वार डेटा उपलब्ध हैं, विभाग उक्त कोलम को तृतीय भाषा मेपिंग ऑप्शन से लिंक कर स्वतः भाषा चयन से संबंधित कार्यवाही की जावे जिस से उर्दू और सिंधी भाषा के साथ अन्याय नहीं हो सके।

2 शाला दर्पण पोर्टल के छात्र प्रोफाइल में तृतीय भाषा चयन के ऑप्शन को पुनः अनलॉक कर संस्था प्रधान को सख्ती से पाबंद किया जावे कि छात्र द्वारा चाही गई तृतीय भाषा का ही चयन किया जावे एवं ऑप्शन फॉर्म अवश्य प्राप्त किया जावे।

3 जिन संस्था प्रधानों ने जानबूझकर  तृतीय भाषा मेपिंग में गड़बड़ी की है उनके विरुद्ध कार्यवाही अमल में लाई जावे।

4 महत्मा गांधी विद्यालयों में पूर्व में सृजित उर्दू के पद आज भी समाप्त किये जा रहे है और उर्दू के छात्रों को मजबूरी में अन्य तृतीय भाषा (संस्कृत) पढ़नी पड़ती है।

(5) कई विद्यालयों में आंदोलन के समय उर्दू का पद प्रदर्शित किए गए थे परंतु वर्तमान में पद प्रदर्शित नही हो रहे हैं।
(6) कई विद्यालयों में अधिकांश उर्दू पढ़ने वाले छात्र होने के बावजूद उर्दू विषय स्वीकृत नहीं किया गया है।
(7) उर्दू विषय की पुस्तकें अभी तक विद्यालयों में नहीं पहुंची हैं।
(8) वर्ष 2014 के बाद उर्दू विषय की डीपीसी नहीं की गई है।
अतः आप से निवेदन है कृपया क्रम संख्या 01 से 08 तक वर्णित समस्याओं का शीघ्र समाधान कर राहत प्रदान करवाने का श्रम करावे।
धन्यवाद

संलग्न - उक्तानुसार व्वक्तय के समर्थन में कुछ तथ्य।


जिला झुंझुनूं की स्थिति जैसे बुरे हाल लगभग संपूर्ण राजस्थान में हैं।

निम्नलिखित राउप्रावि में अध्यापक लेवल-2(उर्दू) का पद स्वीकृत था।
उच्च माध्यमिक स्तर तक क्रमोन्नत करने पर पद समाप्त कर दिया गया है।
इसलिए इन विद्यालयों में वरिष्ठ अध्यापक (उर्दू) का पद स्वीकृत करवाना है। 70% से 95% तक अल्पसंख्यक समुदाय के स्टूडेंट्स हैं दोनों विद्यालयों में..
1.बंशीधर पौद्दार राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय,बिसाऊ, ब्लॉक-अलसीसर, विधानसभा क्षेत्र-मंडावा
2.राउमावि गोविंदपुरा, ब्लॉक-अलसीसर

अध्यापक लेवल-2 (उर्दू) के निम्नलिखित विद्यालयों में स्वीकृत हुए पदों पर पदस्थापन हो गया है या यह पद समाप्त हो गए
शालादर्पण पर तो रिक्त दिखाई दे नहीं रहे हैं.
1.राउमावि हमीरी कलां ,
2.राउमावि कुहाङू, 
3.राबाउमावि चूङी अजीतगढ़, 4.राउमावि नयासर,
[16/07, 20:22] ठाकुर शमशेर भालू खान गांधी: यह पद समाप्त हो गए हैं


जिला जोधपुर की स्थिति

राउमावि दूदेलियो की ढाणी ग्रामपंचायत सिंधीपुरा पीपाड़ शहर जोधपुर 
11th to 12th - 42
9th to   10th - 66
1  to      8th   - 158
यहां 1st, 2nd ग्रेड की पोस्ट  नही है ।
3rd ग्रेड की पोस्ट है लेकिन टीचर नही है।

महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय 
पिपलाई बामनवास सवाई माधोपुर राज

शमशेर भालू ख़ान
जिगर चुरुवी

Friday, 14 July 2023

मारवाड़ जैसलमेर,बाड़मेर,जोधपुर का दौरा 8 से 10 जुलाई 2023

        पंचायत समिति सभागार जैसलमेर 

मंत्री सालेह मोहम्मद साहब के भाई इलियास फकीर की शादी में भागू का गांव जैसलमेर

जैसलमेर के साथी देरावर सिंह भाटी का सुबह -सुबह कॉल आया कि भाई साहब, जी सा (पिताजी) बात करना चाहते हैं।
भाटी साहब 80 के करीब उम्र के हो गए कम सुनता है पर आवाज धाकड़ ।
फोन पर आदेश हुआ कि आपको हमारी ढाणी आना है और मैने हां कह दी।
इसी बीच जैसलमेर के पीर पगारा के खलीफा फकीर परिवार के सदस्य मंत्री सालेह मोहम्मद जी छोटे भाई इलियास फकीर की शादी का पैगाम आ गया।
पिछली बार हमने राजस्थान का भ्रमण किया था परंतु बाड़मेर के बायतु तक ही जा पाये, जैसलमेर और बाड़मेर बाकी रहे इसलिए शादी और देरावर सिंह के यहां जाने के साथ ही मारवाड़ का दौरा भी साथियों से बात कर निश्चित हो गया।
8 जुलाई को जैसलमेर शहर में मीटिंग,
9 को बाड़मेर और भागू का गांव 
10 को जोधपुर का दौरा तय हुआ।
हमारे साथी राजीव गांधी पैरा टीचर रहीम खान ने चूरू बीकानेर  और बीकानेर से जैसलमेर का टिकट बना कर भेज दिया।
बीकानेर के लिये शाम 4:30 बजे ट्रेन चलती है जो शाम को 9:40 पर बीकानेर छोड़ देती है।
मेरा सफर का सब अच्छा काम यह है कि ट्रेन हो या बस जल्द नींद आ जाती है।
बीकानेर उतरने पर पुल पार करते वक्त कुछ साथियों ने पहचान लिया कि आप तो शमशेर भालू ख़ान जी हो। वो चाय पिलाने के लिये रेल्वे स्टेशन से बाहर ले कर जा ही रहे थे के पीछे से एक पुलिस के साथी ने कंधे पर हाथ रखते हुए पूछा " शमशेर भालू ख़ान?"
मेने कहा जी मैं ही हूं।
सब इंस्पेक्टर रेंक पुलिस के साथी के सीने पर लगी नेमप्लेट पर लिखा था असलम खान।
मैने जेसे ही उनका परिचय पूछना चाहा इस से पहले उन्होंने कहा "मैं असलम खान दायमखानी गांव जसरासर,चूरू।
अरे वाह यह तो रिश्तेदार निकले। बाहर बारिश हो रही थी।
असलम खान साहब ने वेटिंग रूम में बैठा दिया और खाने के लिए फोन कर दिया।
खुद प्रधानमंत्री जी की के बीकानेर के दौरे के कारण बिजी थे।
11:35 पर जैसलमेर के लिये ट्रेन मालानी एक्सप्रेस प्लेटफार्म 06 पर खड़ी थी जिस की बर्थ s5 के 01 पर बैठा ही था कि कब आंख लग गई और जैसलमेर रेल्वे स्टेशन आ गया।
सुबह के 5 से कुछ ऊपर ही समय हुआ था।
जैसलमेर रेल्वे स्टेशन पूर्णतया अविकसित स्थान है यह सुना था आज देख भी लिया।
हालांकि नया स्टेशन भवन बन रहा है जिसे पूरा होने में करीब 2 साल कम से कम लगेंगे।
रेल्वे स्टेशन के पास ही एक चाय की थड़ी पर चाय पी इतने में रहीम खान आ गया और अपनी मोटर साइकिल पर बैठा कर होटल में बुक कमरे की तरफ चलने लगा।
में ने उनसे पूछा कि आपका घर कितनी दूर है तो बताया कि 14 किलोमीटर हमारी ढाणी है।
हम ढाणी चलेंगे मेरे शब्द सुनते ही वो बहुत खुश हुए और हम 20 मिनिट के सफर से गुल्लू खान की ढाणी पहुंच गये।
जैसलमेर की सब से खास बात यहां पर पर्यटकों का आना और पिला पत्थर है। रहीम के घर में उनके पिताजी बैठे थे।
।    रहीम खान की ढाणी गुल्लू खान की ढाणी में
आपसी बात चीत से पता चला कि वो पहले रेवड़ चराने का काम करते थे। आजादी के बाद अमीन (भूमि का नाप करने वाले) उनके जानकर थे और 100 बीघा भूमि उनके नाम कर गये। खेत में ट्यूब वेल बने हैं जहां सभी फसलें होती हैं खास तौर पर जीरा और ईसबगोल।
जीरे का भाव 2 माह पहले 29000 रूपये/क्विंटल था जो आज 56000 हो गया।
ईसबगोल भी 26000 रूपये क्विंटल बिका ।
आप पड़ोस के लोगो से मिलना हुआ।

इसके बाद हम जैसलमेर पंचायत समिति सभागार में रखी बैठक में पहुंचे और सभी साथियों से मिलकर बैठक शुरू की।
बैठक में राजीव गांधी पैराटीचर,शिक्षा कर्मी और मदरसा पैरा टीचर्स उपस्थित हुए।
          भुर सिंह भाटी जिलाध्यक्ष जैसलमेर के घर

कुछ समय बाकी रहा तो गढ़ीसर तलाब और वार मेमोरियल देखने गये।
वार मेमोरियल में 1947 से 1999 तक के युद्ध और उनसे जुड़ी जानकारियां,तत्कालीन नेताओं की सूझ बूझ और समस्याओं पर पार पाने की कशिश आत्म विभोर कर देती हैं।

   कमाल चनिया के घर भागू के गांव जैसलमेर
यहां से भाई कमाल चानिया की ढाणी में पहुंचे, चंवरा काबिल ए तारीफ बनाया गया है।
जैसलमेर के लोग देखने में अनपढ़ और अविकसित लगते हैं पर यहां की महमन्नवाजी शानदार है, सभी घरों में चाहे अमीर हो या गरीब।
यहां की एक खासियत और है ओढावनी। आपके घर कोई आया है तो ओढावानी जरूर करेंगे। शॉल, पट्टू, साफा या चादर से।
हर जगह ओढ़वानी जरूर होती है। हर घर में आपको ड्राई फ्रूट्स परोसे जायेंगे,और बोतल बंद पानी के साथ महंगे जूस का चलन भी ज्यादा है। यह बहुत महंगा पड़ता है। घड़े का पानी यहां मुझे नसीब नही हुआ सिर्फ बोतल बंद पानी ही पीने को मिला।
कमाल भाई के यहां से चेलक गांव पहुंचे जो जैसलमेर जिलाध्यक्ष ज्ञान सिंह भाटी का गांव है।
राजपूती संस्कृति से ओतप्रोत स्वागत किया गया। लोग काफी संख्या में मिले जिन में पंचायत सहायक भी थे।
यहां से जोगीदास का गांव पहुंचे जो जैसलमेर से 125 किलोमीटर दूर है। 
।     ज्ञान सिंह भाटी जिलाध्यक्ष संयुक्त संघर्ष 
        समिति के गांव चेलक जैसलमेर में

भाई देरावर सिंह ने पूरे गांव का खाना हमारे साथ बना रखा था। पहले सभा हुई आदर सत्कार हुआ बाद में सब बैठ कर आगामी कार्यों की रणनीति में व्यस्त हो गये। रात को वहीं सब सब के सोने की व्यवस्था थी।
सुबह जल्दी 7 बजे चलकर हम जोगिदास का से भूर सिंह भाटी जिला अध्यक्ष पंचायत सहायक संघ के गांव पहुंचे।
अब शिव होते हुये बाड़मेर लगभग 11 बजे पहुंच गये। 
महावीर पार्क में सब से मिलना जुलना हुआ और बाड़मेर पंचायत समिति सभागार में हमारी बैठक शुरू हुई।
सभी का एक ही सवाल था कब तक? सब साथियों को वास्तविकता से रूबरू करवाया गया। पंचायत  सहायक साथियों को संबोधित करते हुये साफ बता दिया कि अभी फाइल 1/3 ही निकल रही है। संभव है इसमें परिवर्तन हो पर विद्यार्थी मित्र का अनुभव जुड़े बगैर आपको निराशा हाथ लग सकती है।
साथियों से मिलकर हम भागू का गांव के लिये चल पड़े और लगभग 200 किलोमीटर का सफर कर शादी समारोह में पहुंचे।

पोकरण विधायक और अल्पसंख्यक मामलात मंत्री सालेह मोहम्मद साहब का रसूख देखने लायक था।
लगभग एक लाख से अधिक लोग शादी में आये जिनके लिये अलग अलग टेंट में अलग अलग खाना परोसा जा रहा था।
हर एक मेहमान को फकीर परिवार द्वारा ओढावनी की जा रही थी।
शादी का मंजर देखने लायक था, सभी टेंट में ac लगी हुई थी और शानदार सजावट।
यहां से फ्री हो कर चाणिया परिवार भागू के गांव पहुंचे और लोगों से मुलाकात की। इस गांव में चानिया परिवार और कलर परिवार की राजनीतिक अनबन है  जो स्पष्ट झलकती है।

स्वर्ण नगरी जैसलमेर की खासियत
दही जमा देनें वाला
हाबूर पत्थर -
दही जमाने के लिए लोग अक्सर जामन ढूंढ़ते नजर आते हैं... वहीं राजस्थान के जैसलमेर जिले में स्थित इस गांव में जामन की जरूरत नहीं पड़ती है...यहां ऐसा पत्थर है जिसके संपर्क में आते ही दूध जम जाता है... इस पत्थर पर विदेशों में भी कई बार रिसर्च हो चुकी है...फॉरेनर यहां से ले जाते हैं इस पत्थर के बने बर्तन....।
स्वर्णनगरी जैसलमेर का पीला पत्थर विदेशों में अपनी पहचान बना चुका है... इसके साथ ही जिला मुख्यालय से 40 किमी दूर स्थित हाबूर गांव का पत्थर अपने आप में विशिष्ट खूबियां समेटे हुए है..इसके चलते इसकी डिमांड निरंतर बनी हुई है...हाबूर का पत्थर दिखने में तो खूबसूरत है ही, साथ ही उसमें दही जमाने की भी खूबी है... इस पत्थर का उपयोग आज भी जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में दूध को जमाने के लिए किया जाता है... इसी खूबी के चलते यह विदेशों में भी काफी लोकप्रिय है..इस पत्थर से बने बर्तनों की भी डिमांड बढ़ गई है..।
कहा जाता है कि जैसलमेर पहले अथाह समुद्र हुआ करता था और कई समुद्री जीव समुद्र सूखने के बाद यहां जीवाश्म बन गए व पहाड़ों का निर्माण हुआ.. हाबूर गांव में इन पहाड़ों से निकलने वाले इस पत्थर में कई खनिज व अन्य जीवाश्मों की भरमार है.
जिसकी वजह से इस पत्थर से बनने वाले बर्तनों की भारी डिमांड है। साथ ही वैज्ञानिकों के लिए भी ये पत्थर शोध का विषय बन गया है... इस पत्थर से सजे दुकानों पर बर्तन व अन्य सामान पर्यटकों की खास पसंद होते हैं और जैसलमेर आने वाले वाले लाखों देसी विदेशी सैलानी इसको बड़े चाव से खरीद कर अपने साथ ले जाते हैं।
इस पत्थर में दही जमाने वाले सारे कैमिकल मौजूद है... विदेशों में हुए रिसर्च में ये पाया गया है कि इस पत्थर में एमिनो एसिड, फिनायल एलिनिया, रिफ्टाफेन टायरोसिन हैं... ये कैमिकल दूध से दही जमाने में सहायक होते हैं... इसलिए इस पत्थर से बने कटोरे में दूध डालकर छोड़ देने पर दही जम जाता है…. इन बर्तनों में जमा दही और उससे बनने वाली लस्सी के पयर्टक दीवाने हैं... अक्सर सैलानी हाबूर स्टोन के बने बर्तन खरीदने आते हैं... इन बर्तनों में बस दूध रखकर छोड़ दीजिए, सुबह तक शानदार दही तैयार हो जाता है, जो स्वाद में मीठा और सौंधी खुशबू वाला होता है... इस गांव में मिलने वाले इस स्टोन से बर्तन, मूर्ति और खिलौने बनाए जाते हैं... ये हल्का सुनहरा और चमकीला होता है.. इससे बनी मूर्तियां लोगों को खूब अट्रैक्ट करती हैं।

 बाड़मेर रिफाइनरी और तेल का भंडार भंडार 
यहां से लगभग 250 किलोमीटर बालोतरा के पाटोदी पंचायत समिति के गांव भाकरसर पहुंचे।
भाकरसर से पहले एक गांव आता है परेउ जहां रोड पर ही एक शिक्षा कर्मी की मेडिकल की दुकान है सरस्वती मेडिकल के नाम से। यहां हमारे साथ चलने के लिये बुधराम भील बैठे थे। हमने गाड़ी वहां रोकी लेकिन अफसोस इस बात का है कि इस शिक्षा कर्मी ने हम से यह तक नहीं पूछा कि भाई साहब पानी पी लीजिए।
हकीकत में बहुत बूरा लगा, केसे कैसे लोग इस संसार में बसते हैं, कोई जान देने को तैयार और कोई पानी तक की नहीं पूछ रहा।
हालांकि बारिश हो रही थी और रुकने का कोई इरादा भी नहीं था, पर औपचारिकता के नाते उनका फर्ज बनता था कि कम से कम चाय पानी के लिये पूछें।
खैर ऐसे बहुत सारे लोग हैं।
रात को काफी लोग आये पर मैं अपने तय कार्यक्रम के अनुसार 10 बजे से पहले सो गया और सुबह जल्दी उठकर तैयार।
8 बजे के करीब पाटोदी, कल्याणपुरा और आस पास के लोग आ गये जिनसे मिलकर जोधपुर के लिये बस में बैठ निकल पड़े।
11 बजे के करीब जोधपुर पहुंचे और आजम खां पठान प्रदेशाध्यक्ष मदरसा पैरा टीचर्स के  नई सड़क स्थित मदरसे में मीटिंग की। मान सम्मान के बाद सभी साथियों से आपसी चर्चा की ओर आ गया संगरिया कॉलोनी स्थित दुर्गा वैष्णव के घर।
यहां से भांजे राशिद खान के पास बीजेएस कॉलोनी आ गया और शाम के खाने के बाद आजम के घर।
आजम ने ट्रेन का टिकिट करवा कर रुखसत किया और मारवाड़ का दौरा संपन्न हुआ।

शमशेर भालू ख़ान
जिगर चुरुवी 


Sunday, 2 July 2023

पूर्व मंत्री राजेंद्र राठौड़ नेता प्रतिपक्ष झूठ का पुलिंदा

 नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ झूठ का पुलिंदा 
मकनीय नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ के द्वारा जोधपुर दौरे के समय आज पूर्णतया सफेद झूठ बोला गया है कि भाजपा के द्वारा अपने घोषणा पत्र में संविदा कर्मियों को नियमित करने का वादा नहीं किया गया था।
64 पेज के घोषणा पत्र सुराज संकल्प पत्र 2013 के पेज संख्या 39 के बिंदु संख्या 12 कर्मचारी कल्याण के उप बिंदु 05 के अनुसार 
भाजपा के वर्ष 2013 के चुनावी घोषणा पत्र के बिंदु संख्या 12 के उप बिंदु 05 में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि
 "जनता जल कार्मिक,प्रेरक,विद्यार्थी मित्र,वन मित्र,कृषि मित्र,पैरा टीचर्स,मदरसा पैरा टीचर्स,शिक्षा कर्मी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, साहियिका, साथिन,आशा सहयोगिनी,कंप्यूटर ऑपरेटर, सीसीडीयू,शिक्षक आदि को नियमित करने हेतु नीति बनाई जायेगी।"
सरकार बनने के बाद राजेंद्र सिंह राठौड़ की अध्यक्षता में समिति बनाई गई जिसकी 108 बैठकें हुई।जिनकी उपलब्धि शून्य रही।

वर्ष 2018 के घोषणा पत्र के पेज संख्या 30/31 में घोषणा पत्र की प्रति

वर्ष 2018 के घोषणा पत्र में भाजपा ने घोषणा पत्र जारी कर बिंदु संख्या 07 कर्मचारियों के लिए के बिंदु संख्या 09 वह अट्ठारह के अनुसार कहा गया कि "राज्य सरकार कर्मचारियों के कल्याण हेतु अस्थाई कर्मचारियों के वेतन भत्तों एवं उनकी नियमित करने हेतु कार्यवाही करेगी वह बिंदु संख्या अट्ठारह में कहा गया है कि संविदा कर्मियों को सीधी भर्ती में बोनस अंक दिए जाकर नियमित किया जाएगा"

नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र सिंह राठौड़ के जोधपुर दौरे के बयान पर संविदा कर्मियों का तीखा प्रहार कहा भाजपा ने 2013 में किया था नियमितिकरण का वादा।
राजेंद्र राठौड़ का बयान जोधपुर 02.07.2023
सरकार बनने पर राजेंद्र राठौड़ ही थे नियमितिकरण समिति के अध्यक्ष। 
108 बैठके की जिस का नतीजा शून्य निकला।
संविदा संघर्ष समिति के शमशेर भालू ख़ान ने बताया कि वर्तमान कांग्रेस सरकार ने बनाया संविदा सेवा नियम और बजट घोषणा में पुराना अनुभव जोड़ने की की है घोषणा।
शमशेर भालू ख़ान
चूरू
9587243963