1 राजीव गांधी पैरा टीचर्स शिक्षा कर्मी और पंचायत सहायक के लिए वार्ता के बिंदु
2 उर्दू,पंजाबी,गुजराती और सिंधी हेतु वार्ता के बिंदु
1 राजीव गांधी पैरा टीचर्स शिक्षा कर्मी और पंचायत सहायक के लिए वार्ता के बिंदु
सेवामें
श्रीमान निदेशक महोदय,
प्रारंभिक एवं माध्यमिक शिक्षा बीकानेर बीकानेर
विषय - राजीव गांधी पैरा टीचर, शिक्षा कर्मी व पंचायत शिक्षक से संबंधित समस्याओं के समाधान बाबत।
संदर्भ - माननीय शिक्षा मंत्री महोदय श्रीमान बुलाकीदास कल्ला जी से उनके निवास पर बीकानेर में दिनांक 16.07.2023 को हुई वार्ता अनुसार उनके द्वारा निर्देशित आप महोदय से वार्ता बाबत।
महोदय जी,
उपर्युक्त विषयांतर्गत सादर निवेदन है कि राजस्थान सरकार द्वारा संविदा पर काम कर रहे शिक्षा विभाग के समस्त कार्मिकों को एडॉप्ट करते हुये विभिन्न सुविधाएं प्रदान करने के आदेश जारी किये है।
कार्मिक एवं वित्त विभाग द्वारा जारी आदेश जो माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा अनुमोदित हैं,परंतु निदेशालय/शिक्षा विभाग स्तर पर अपेक्षित कार्यवाही लंबित हैं।
हमारे द्वारा समय - समय पर आपको ज्ञापन/पत्र के माध्यम से इन समस्याओं के समाधान हेतु निवेदन किया जाता रहा है।
परन्तु आदिनांक तक अपेक्षित कार्यवाही नहीं की गई है।
महोदय जी, उपरोक्तानुसार समस्याऐं निम्नानुसार है -
1 प्रशिक्षित राजीव गांधी पैरा टीचर्स,शिक्षा कर्मी और पंचायत सहायक का पदनाम दिनांक 02/03/2023 को परिवर्तित कर
क - राजीव गांधी पैरा टीचर्स का पदनाम कनिष्ठ शिक्षक
ख - शिक्षा कर्मी का नाम - सहायक शिक्षक
ग - पंचायत सहायक का नाम पंचायत शिक्षक कर दिया गया है।
परन्तु शाला दर्पण पोर्टल पर अभी तक पुराना नाम ही दर्शाया जा रहा है।
अतः कृपया इन संविदा कर्मियों के परिवर्तित नाम शाला दर्पण पोर्टल पर सही अंकित करवाने का श्रम करावें।
2 - कई संविदा कर्मियों की शाला दर्पण पोर्टल पर प्रपत्र 10 में दर्ज सूचनाएं अधूरी/त्रुटिपूर्ण हैं।
अतः कृपया सही जानकारी संधारित करवाने हेतु एक बार शाला दर्पण पोर्टल के प्रपत्र 10 को अनलॉक करवा कर पुनः सही एवं पूर्ण देता संधारित करवाने हेतु पीईईओ को पाबंद किया जावे।
3 - पंचायत सहायक/शिक्षक से संबंधित जानकारी शाला दर्पण पोर्टल के प्रपत्र 10 में संधारित नहीं है।
अतः समस्त 23749 पंचायत सहायक/शिक्षकों के डेटा प्रपत्र 10 में संधारित करवाने का श्रम करावे।
4 - संबंधित पीईईओ द्वारा अधिकांश संविदा कर्मियों की निजी पत्रावली (पीएफ) सेवा पुस्तिका का संधारण नहीं किया गया है।
पीईईओ द्वारा इन कार्मिकों का पृथक से दैनिक उपस्थिति रजिस्टर संधारित किया जा रहा है।
अतः स्टाफ दैनिक उपस्थिति रजिस्टर में ही संविदा कर्मियों के हस्ताक्षर करवाने,पीएफ व सेवा पंजिका संधारित करवाने हेतु पीईईओ को निर्देशित करवाने का श्रम करावे।
5 - संविदा कर्मियों द्वारा प्रपत्र 10 भरवाया जा कर डेटा को प्राण नंबर हेतु एनपीएस पोर्टल से लिंक कर दिया जावे जिस से प्राण नंबर जारी होने में समस्या अथवा त्रुटि न रहे।
दिसंबर माह में एडॉप्शन की प्रक्रिया पूर्ण होने के बावजूद अभी तक
(क) - प्राण नंबर जारी नहीं हुये।
(ख) - इंपलोई id जारी नहीं हुई।
(ग) - मेडिक्लेम पॉलिसी जारी नहीं हुई।
अतः कृपया उक्तानुसार प्राण नंबर,इंप्लोई id और मेडिक्लेम पॉलिसी जारी करने हेतु आवश्यक कार्यवाही करवाने का श्रम करावें।
6 - संविदा कार्मिकों को समय पर मानदेय का भुगतान नहीं किया जा रहा है जिससे उनको घरेलू जिम्मेदारियां निभाने में बहुत समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
अतः कृपया सभी संविदा कार्मिकों का समय पर मानदेय भुगतान करवाने की कार्रवाई कर अनुग्रहित करें।
आपसे निवेदन है कि बिंदु संख्या एक से 6 तक के समाधान हेतु आवश्यक कार्यवाही कर अनुग्रहित करें।
धन्यवाद।
भवदीय
शमशेर भालू ख़ान
संयोजक संघर्ष समिति
2 उर्दू,पंजाबी,गुजराती और सिंधी हेतु वार्ता के बिंदु
सेवामें,
श्रीमान निदेशक महोदय,
माध्यमिक एवं प्रारंभिक शिक्षा बीकानेर,(बीकानेर)।
विषय :- उर्दू विषय से संबंधित समस्याओं के समाधान बाबत।
संदर्भ :- माननीय शिक्षा मंत्री महोदय श्रीमान बुलाकिदास कल्ला जी से उनके निवास पर बीकानेर में हुई वार्ता में उनके निर्देशानुसार आप महोदय जी से वार्ता बाबत।
महोदय जी,
उपर्युक्त विषयांतर्गत सादर निवेदन है कि
(1) दिनांक 21.11.2020 को माननीय खानू खां बुधवाली की माधस्थता में निदेशालय द्वारा तत्कालीन शिक्षा निदेशक श्रीमान सौरव स्वामी जी द्वारा तैयार 09 सूत्रीय समझौते के अनुसार दांडी यात्रा का स्थगन किया गया।
(2) दिनांक 02 दिसंबर 2020 को तत्कालीन शिक्षा मंत्री श्रीमान गोविंद सिंह डोटासरा जी के निर्देशानुसार तत्कालीन शासन सचिव पंचायत राज श्रीमती अपर्णा अरोड़ा जी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में इस समझौते को लागू करने हेतु सहमति बनी।
(3) दिनांक 21.01.2021 को माननीय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत साहब द्वारा उक्त समझौते को लागू करने बाबत एक विद्यालय में 10 छात्र संख्या होने पर तृतीय भाषा के पद सृजित करने हेतु आदेश मुझे सौंपे गये।
(4) दिनांक 29.09.2021 को तत्कालीन शिक्षा मंत्री महोदय श्रीमान गोविंद सिंह डोटासरा जी द्वारा माध्यमिक शिक्षा में कक्षा एक से 10 तक तृतीय भाषा के 10 छात्रों पर एक अध्यापक की व्यवस्था हेतु आदेश मुझे सौंपे गये थे।
इतना सब होने के बावजूद शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा तृतीय भाषाओं विशेषकर उर्दू व सिंधी भाषा के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है जो खेद जनक होने के साथ - साथ हमें आत्मग्लानि का बोध करवाता है।
महोदय जी,
1 (क) 8 नवंबर 2020 से शाला दर्पण पोर्टल पर छात्रों से प्राप्त तृतीय भाषा चयन हेतु ऑप्शन फॉर्म भरवाए जाने बाबत समस्त प्रधानाध्यापको को निर्देशित किया गया था, खेद व्यक्त करते हुये आपको बताना पड़ रहा है कि अधिकांश संस्था प्रधान महोदयो द्वारा बिना ऑप्शन फॉर्म लिये ही सभी छात्रों की एक ही तृतीय भाषा का चयन कर लिया गया (अधिकांश संस्कृत भाषा का)।
(ख) कुछ विद्यालयों में अभिभावक और छात्र के ऑप्शन फॉर्म ले कर संस्था प्रधान महोदय से सही तृतीय भाषा का इंद्राज करने हेतु विनय किया गया परंतु सुनवाई नहीं की गई।
(ग) कुछ विद्यालयों में अभिभावकों,जनप्रतिनिधियों और छात्रों के विनय पर कुछ समय के लिये एक बार तो अन्य भाषा का चयन किया गया परंतु थोड़े ही दिन बाद उसे एडिट कर पुनः संस्कृत भाषा का चयन कर दिया गया।
(घ) कुछ संस्था प्रधान महोदय ने अभिभावकों और छात्रों को चयनित तृतीय भाषा का अध्यापक उपलब्ध नहीं होने, उक्त समय पर पद सृजित नही होने की बात कह कर इच्छित तृतीय भाषा के स्थान पर अन्य भाषा का चयन करवा लिया गया।
इन सब समस्याओं के समाधान हेतु
1 शाला दर्पण पोर्टल पर स्कूल प्रोफाइल में तृतीय भाषा मेपिंग पुनः करवाई जावे। विभाग एवं निदेशालय के पास अल्पसंख्यक छात्रों के कक्षा वार डेटा उपलब्ध हैं, विभाग उक्त कोलम को तृतीय भाषा मेपिंग ऑप्शन से लिंक कर स्वतः भाषा चयन से संबंधित कार्यवाही की जावे जिस से उर्दू और सिंधी भाषा के साथ अन्याय नहीं हो सके।
2 शाला दर्पण पोर्टल के छात्र प्रोफाइल में तृतीय भाषा चयन के ऑप्शन को पुनः अनलॉक कर संस्था प्रधान को सख्ती से पाबंद किया जावे कि छात्र द्वारा चाही गई तृतीय भाषा का ही चयन किया जावे एवं ऑप्शन फॉर्म अवश्य प्राप्त किया जावे।
3 जिन संस्था प्रधानों ने जानबूझकर तृतीय भाषा मेपिंग में गड़बड़ी की है उनके विरुद्ध कार्यवाही अमल में लाई जावे।
4 महत्मा गांधी विद्यालयों में पूर्व में सृजित उर्दू के पद आज भी समाप्त किये जा रहे है और उर्दू के छात्रों को मजबूरी में अन्य तृतीय भाषा (संस्कृत) पढ़नी पड़ती है।
(5) कई विद्यालयों में आंदोलन के समय उर्दू का पद प्रदर्शित किए गए थे परंतु वर्तमान में पद प्रदर्शित नही हो रहे हैं।
(6) कई विद्यालयों में अधिकांश उर्दू पढ़ने वाले छात्र होने के बावजूद उर्दू विषय स्वीकृत नहीं किया गया है।
(7) उर्दू विषय की पुस्तकें अभी तक विद्यालयों में नहीं पहुंची हैं।
(8) वर्ष 2014 के बाद उर्दू विषय की डीपीसी नहीं की गई है।
अतः आप से निवेदन है कृपया क्रम संख्या 01 से 08 तक वर्णित समस्याओं का शीघ्र समाधान कर राहत प्रदान करवाने का श्रम करावे।
धन्यवाद
संलग्न - उक्तानुसार व्वक्तय के समर्थन में कुछ तथ्य।
भवदीय
शमशेर भालू ख़ान
संयोजक संघर्ष समिति
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