इंदिरा प्रियदर्शिनी

इंदिरा गांधी (प्रियदर्शिनी)
और संजय गांधी के साथ।
19 मई 1975 में सिक्किम का भारत में विलय हुआ था और देश का 22वाँ राज्य बना था . यह दिन उन अल्प अक्ल के लोगों को जनन्ना जरुरी है जो एक लंगूर की उछल कूद और बक्लोली को देश के लिए बड़ा योगदान समझते हैं, हम स्कूल में पढते थे और उस समय काजी लेंदुप दोरजी का नाम सभी की जुबान पर था .
सिक्किम का इतिहास भी रोचक है . बौद्ध भिक्षु गुरु रिन्पोचे 8वीं सदी में सिक्किम दौरे पर आए थे। मान्यता के अनुसार 14वीं सदी में ख्ये बुम्सा, पूर्वी तिब्बत में खाम के मिन्यक महल के एक राजकुमार को एक रात दैवीय दृष्टि के अनुसार दक्षिण की ओर जाने का आदेश मिला। इनके ही वंशजों ने सिक्किम में राजतन्त्र की स्थापना की।1642इस्वी में ख्ये के पांचवें वंशज फुन्त्सोंग नामग्याल को तीन बौद्ध भिक्षु, जो उत्तर, पूर्व तथा दक्षिण से आये थे, द्वारा युक्सोम में सिक्किम का प्रथम चोग्याल (राजा) घोषित किया गया। इस प्रकार सिक्किम में राजतन्त्र का आरम्भ हुआ।
सिक्किम की समस्या तब बढ़ने लगी, जब वहां के महाराज ने एक अमेरिकी महिला से शादी कर ली। इसके बाद वहां सीआईए का दखल होने लगा, जो भारत के लिए अच्छा नहीं था।जब भारत ऐशिया की प्रमुख शक्तियों में शुमार हो रहा था। तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी सन 1971 के युद्ध में अमेरिका के पाकिस्तान के साथ खड़े होने से बेहत सतर्क थीं, उन्होंने रॉ के पहले निदेशक रामेश्वरनाथ काव को सिक्किम के लिए विशेष ऑपरेशन के लिए नियुक्त किया और श्री काव ने सिक्किम के भारत में विलय को साकार कर दिया .सिक्किम नामग्याल राजतन्त्र द्वारा शासित एक स्वतन्त्र राज्य था। 1975 में हुए जनमत संग्रह के बाद यह भारत में विलीन हो गया। इस जनमत संग्रह के बाद राजशाही का अन्त और भारतीय संविधान की नियम-प्रणाली के अंतर्गत यहाँ प्रजातन्त्र का उदय हुआ। सिक्किम नामग्याल राजतन्त्र द्वारा शासित एक स्वतन्त्र राज्य था, परन्तु प्रशासनिक समस्यायों के चलते यहां के लोग खुशी-खुशी भारत में शामिल हुए थे।
चीन की नाक के नीचे यह सब करना मुश्किल था। चीन की सेना सीमा पर थीं, लेकिन काव के कुशल नेतृत्व और शानदार रणनीति की वजह से बगैर खून बहाए, 3000 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र का भारत में विलय कराया और सिक्किम भारत का 22वां राज्य बना।
आज सिक्किम पर्यटन की दृष्टि से दुनिया का पसंदीदा स्थान है , पूर्वोत्तर का एकमात्र ऐसा राज्य है जहां पर्याप्त उद्योग हैं, बहुत कम पलायन है और किसी भी तरह की अलगाववादी गतिविधि नहीं हैं
सिक्किम के साथ इंदिरा गांधी के कुशल नेतृत्व और श्री काव की शानदार नीति को याद करना जरुरी है . सिक्किम स्वीटज़रलेंड से भी सुन्दर है।
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