Sunday, 20 April 2025

✅बलियाली हरियाणा की लाल सड़क

कहानी बलियाली - 
कहानी बलियाली (हिसार - हरयाणा) के दाना राँघड़ और उमदा राँघड़ की, जिन्होंने अंग्रेज़ डिप्टी कलेक्टर बेडर्नबर्न की कोर्ट रूम में गोली मारकर हत्या कर दी थी। 
यूँ तो देश की आज़ादी में मुस्लिम राजपूतों का अतुल्य योगदान रहा है। इसी कड़ी में आज हम बात करते हैं, हरयाणा हिसार के बलियाली गांव के मुस्लिम राजपूतों की। 
मई 1857 को उमदा राँघड़ और दाना राँघड़ ने बलियाली के मुस्लिम राजपूतों के साथ मिलकर हिसार की हाँसी तहसील पर हमला बोल दिया। हरयाणा में अंग्रेजी शासन के खिलाफ़ उठने वाली सबसे मुखर आवाज़ मुस्लिम राजपूतों की थी। 
कहा जाता है कि हांसी की एक सड़क, राँघड़ रणबांकुरों ने अंग्रेजो के खिलाफ़ लड़ते हुए खून से लाल कर दी थी। जिसे आज भी लाल सड़क के नाम से जाना जाता है। 
तहसील कब्ज़ाने और अंग्रेज़ी हुकूमत के खिलाफ गदर करने के इलज़ाम में अंग्रेज़ी हुकूमत ने राँघड़ क्रांतिकारियों को काला पानी की सज़ा सुनाते हुए अंडमान भेज दिया। बलियाली गांव के जिन राँघड़ क्रांतिकारियो को सज़ा हुई उनके नाम इस प्रकार हैं। 
1. लम्बरदार बस्सू के पुत्र पीर बख्श राँघड़
2. सुक्कू (सक्कू) उर्फ लक्खू खान राँघड़, लंबरदार सराकू का पुत्र। 
3. सुन्दुल (चंदन) खान राँघड़ (1), लम्बरदार हमीद (हामिद) का पुत्र। 
4. मुखुन (मक्खन) उर्फ मुकीम खान राँघड़, लम्बरदार शुकरूल्लाह (शकरुल्लाह) का पुत्र
5. शहजाद खान राँघड़, लंबरदार धौंकल का पुत्र।
6. दुर्गाबी (दरघाबी) खान राँघड़, लंबरदार लाहरू का पुत्र
7. होशदार खान राँघड़, लम्बरदार रहेले खान के पुत्र।
8. चीना राजपूत, लम्बरदार ओड (उदली) का पुत्र,
9. रुस्तम राँघड़, लम्बरदार खैरू का पुत्र।
10. सुन्दुल (चंदन) खान राँघड़ (द्वितीय), लम्बरदार चीना का पुत्र।
स्त्रोत - Gallant Haryana 1857
शमशेर भालू खां 
जिगर चुरूवी 
9587243963

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