Sunday, 2 January 2022

साथी ओमप्रकाश वर्मा की कलम

प्रिय शमशेर भालू खान भाईसाहब।
कड़ाके की सर्दी पड़ने वाली है। घर लौट आओ। वैसे भी आपकी खुद की नौकरी तो परमानेंट भी है और अच्छी तनख्वाह भी। बेटी अंजली खान भी एलएलबी पूरी कर अब वकालत शुरू करने वाली है। अपना पूरा परिवार आपके संघर्ष से गौरवान्वित तो है, किंतु अपने मुखिया को 34 दिनों से नंगे बदन अनशन पर देखकर थोड़ा दुःखी भी है। वैसे भी अंधी बहरी भैंस के आगे ये हल्की सी बीन कब तक बजाते रहोगे।

आपका सबसे बड़ा दुर्भाग्य यह है कि आप उस कौम से ताल्लुक रखते हैं जिसमे उसके धार्मिक प्रतीकों से लेकर नये नवेले अवतार एआईएमआईएम के ओवैसी तक के सम्मान पर यदि हल्की सी चोट हो जाए तो नारों और आंदोलनों से देश की सड़कें भीड़ से पाट दी जाती हैं परंतु  जब बात संवैधानिक अधिकारों की आती है तो मानो सांप सा सूंघ जाता है। आप उस कौम को जगाने का प्रयास कर रहे हैं जिसमे जागने के बाद फ़ज्र की नमाज की तो चिंता होती है परंतु फर्ज की अदायगी की बात होते ही वापिस उबासी आने लगती है। 

इससे भी बड़ा दुर्भाग्य यह है कि जिस तरह आपका और हमारा समाज बिना शर्त, बिना लाग लपेट के कांग्रेस से स्थायी रूप से जुड़ चुका है, अब उसे अलग करना लगभग असंभव है। मारे, कूटे, लूटे, पीटे चाहे एक कोने में सड़ने के लिए पटक दिया जाए परंतु ज्यों ही चुनाव की घोषणा होगी , त्यों ही सबसे पहले गलबहियां डाल कर जय भीम जय मीम का उद्घोष लगा कर कांग्रेस के दामन से आंसू पोंछने सबसे पहले हम ही आएंगे। कांग्रेस से बिना शर्त, बिना मांग का यह जन्मजात मोह ही हमारी बर्बादी का सबसे बड़ा कारण है। कांग्रेस की छाती पर 35 दिन का आपका अनशन भी मंत्रिमंडल विस्तार की खुशी के पटाखों को रोक नहीं पाया।

उर्दू संविदाकर्मियों को स्थायी करने से अन्य संविदाकर्मियों के स्थायी करण की राह खुलेगी। उर्दू के सम्मान की बहाली के साथ ही राजस्थानी भाषा को मान्यता के संघर्ष को भी दिशा मिलेगी। कांग्रेस की बेरुखी असंख्य मुस्लिम युवाओं को प्रगतिशील सोच एवं परिवर्तन की और उन्मुख करेगी। आपका संघर्ष बहुसंख्यक आबादी के लिए एक मिसाल बन पाएगा। परंतु संघर्ष की यह राह कितनी आसान है, ये आप ख़ुद जान चुके हैं। 

आपका संघर्ष और रुंधे गले से निकलती गरजदार आवाज यह भी तय कर देगी कि कांग्रेस को कैसे मुसलमान और दलित पसंद हैं?? संघर्षशील, गर्जना युक्त, अधिकारों के लिए जागरूक और पढ़े लिखे लोग या फिर चुपचाप मन मसोस कर रह जाने वाले और चुनाव के समय फिर से कांग्रेस के पल्लु में बेवजह छुप जाने वाले लोग?? आपका अनशन और धरना , संविदाकर्मियों के स्थायीकरण और उर्दू संघर्ष की नई ऊंचाइयों के साथ साथकांग्रेस का असली चेहरा भी लोगों के सामने लाने में कामयाब हो रहा है। #जय_भीम

एडवोकेट ओमप्रकाश वर्मा #डायनामाईट
प्रदेश अध्यक्ष
डॉ अम्बेडकर स्टूडेंट फ्रंट ऑफ इंडिया
राजस्थान 
#गोविंदपुरा #फतेहपुर_रामगढ़ शेखावाटी

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