Thursday, 30 January 2025

शमशेर भालू खान जीवन परिचय (संक्षिप्त)

शमशेर भालू खान जीवन परिचय  (संक्षिप्त)
मेल sambhalu36@gmail.com

नाम - शमशेर खान
(ठाकुर शमशेर भालू खान)
वालिद साहब का नाम - मरहूम भालू खान (सरपंच ग्राम पंचायत सहजूसर - 1965 से 1977)
चेयरमैन भूमि विकास बैंक चुरू
विधायक चुरू विधानसभा क्षेत्र 1980 से 1985
वालिदा साहिबा का नाम - मरहूमा सलामन बानो
ग्रहणी 
बीवी का नाम - अख्तर बानो (सदफ खान 09/02/1980, (विवाह का दिन 20/10/1996 ) बेटी लाल खान इसेखानी चुरू (खेड़ी वाले) 
ग्रहणी
जन्म  -  18 अप्रैल 1975( स्कूल रिकॉर्ड के अनुसार) वास्तविक 18.04.1977
जन्म स्थान - सहजूसर चुरू
भाई - 3
भंवरू खां,शेर खान इलियास खान
बहन -2
सरीफन बानो,ताज बानो
संतान -3
अंजली खान एडवोकेट 04/06/1999
रोजा खान= 21/11/2001 बीएससी नर्सिंग 
प्रेरणा खान = 21/11/2001 बीएसएसी नर्सिंग
धर्म - इस्लाम
जाति - कायमखानी
गोत्र - जेनान
नख - मलकान (छोटी बेरी वाले)
शिक्षा -
10वीं रामावि सहजूसर 1993 दितीय श्रेणी 
12 वीं राउमावि बगला चुरू 1995 प्रथम श्रेणी 
बीएसटीसी - राजकीय अल्प भाषा शिक्षक प्रशिक्षण स्कूल अजमेर 1995 से1997
बी ए -  लोहिया कॉलेज चुरू स्वयंपाठी 2001
एम ए - लोहिया कॉलेज चुरू स्वयंपाठी गोल्ड मेडल 2005) (उर्दू) 
बी एड - कश्मीर यूनिवर्सिटी श्रीनगर 2007
पेशा
राजकीय विद्यालय में सेकंड ग्रेड शिक्षक (उर्दू)
प्रदेश सचिव राजस्थान कांग्रेस सेवा दल 17.12.2025 से
प्रथम नियुक्ति - 10 जुलाई 1999
सेकंड ग्रेड परमोट - 2014
साहित्य गतिविधि - उर्दू (शायरी व मजमून निगारी,हिंदी एवम राजस्थानी कविता लेखन
साहित्यिक नाम - जिगर चुरुवी
कमी - विश्वास करना
अच्छाई - अंतिम समय तक लड़ना
पसंद - अच्छे सच्चे लोग
नापसंद - चोरी,चुगली, चरित्र हरण
अब तक मिले सम्मान
1 बेस्ट टीचर अवार्ड शिक्षा विभाग चुरू
2 बेस्ट टीचर अवार्ड जिला कलक्टर चुरू
3 सहजूसर गौरव (सहजूसर)
4 राजस्थान का सर सैयद ( आरी तारी संगठन जयपुर)
5 राजस्थान का अबुल कलाम (नशा मुक्ति अभियान जयपुर)
6 लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड (नवाब कायम फाउंडेशन, लंदन)
7 रहबर ए उर्दू (MAG टीम सीकर)
8 संविदा कर्मियों के मसीहा (संविदा संगठन राजस्थान)
9 शेर ए राजस्थान (आमजन चुरू)
10 राजस्थान का गांधी (बीकानेर जन संस्थान,अखिल भारतीय उर्दू शिक्षक संघ राजस्थान इकाई,बीकानेर)

संचालित संगठन - 
1 राजस्थान उर्दू बचाओ आंदोलन
2 सामाजिक सरोकार राजस्थान
3 संविदा स्वतंत्रता संग्राम राजस्थान
4 आरक्षण पुनर्विचार अभियान राजस्थान

कार्य
मुस्लिम समाज के इलाकों में सरकारी विद्यालय खुलवाना 
अभी तक 05 नए विद्यालय खुलवा दिए हैं 06 अभी प्रोसेस में हैं।
मुस्लिम इलाकों में आंगनबाड़ी खुलवाना
02 खुलवा दिए हैं 04 प्रोसेस में
नए मदरसे खुलवाना 2 खुलवा दिए 3 प्रोसेस में

कब्रिस्तान की चार दिवारी - 
झारिया 15.7 लाख (850 मीटर, सहजूसर 24 लाख (1250 मीटर), राणासर 26.00 लाख (1400 मीटर) खंडवा 4.5 लाख (200 मीटर), रिबीया 9.50 लाख (,450 मीटर) , सहनाली (17 लाख 900 मीटर),  घांधू 27 लाख (1500 मीटर)  लाखलान राजगढ़ 8 लाख ( 350 मीटर)

चुरू,सरदारशहर व सुजानगढ़ को अल्पसंख्यक जोन घोषित करवाकर सालाना लगभग 10 करोड के कार्य लगातार 4 साल से।
अभी चुरू जिले के मुस्लिम आबादी के बहुत से सरपंच गण से व्यक्तिगत मुलाकात कर करोड़ों रुपए के भवन निर्माण बाबत प्रस्ताव तैयार करवाए।

सामाजिक आंदोलन - सामाजिक जागरूकता अभियान के अंतर्गत राजस्थान के लगभग हर जिले व शेखावाटी के लगभग हर गांव में पहुंच कर सामाजिक कुरीतियां को मिटाने व शिक्षा से जुड़ने का आह्वान किया।

कश्मीर आंदीलोल श्रीनगर 2007 - राजस्थानी विद्यार्थी जो कश्मीर यूनिवर्सिटी से बीएड करने जाते थे उन से कालेज प्रशासन द्वारा कई तरह के फाइन व अन्य चार्ज लगा कर उनका आर्थिक शोषण किया जाता था। फरवरी 2007 में इसी तरह के चार्जेज नंद ऋषि कॉलेज नोटीपोरा श्रीनगर द्वारा लगाए गए जिस के विरुद्ध श्रीनगर में 21 दिन धरने व प्रदर्शन कर कश्मीर यूनिवर्सिटी से हुए समझौते के अनुसार सभी कश्मीर में पढ़ने वाले राजस्थानी व अन्य राज्यों के विद्यार्थियों को अनर्गल रूप से ली गई राशि वापस करवाई गई जो करोड़ो रुपयों में थी।

राजस्थान उर्दू बचाओ आंदोलन व संविदा स्वतंत्रता संग्राम - 
वर्ष 2019 में चुरू कलेक्ट्रेट पर 05 जुलाई 2019 से 27अक्तूबर 2019 तक 117 दिन धरना दिया गया, जिसमें प्रशासन ने निदेशक प्रारंभिक शिक्षा बीकानेर के आदेश क्रमांक f 6/1319 दिनांक 13.12.2004 को स्वीकार कर सभी जिलों में अल्पभाषा (उर्दू,पंजाबी,सिंधी व गुजराती) प्रकोष्ठ स्थापित किए। चुरू से 489 नवीन उर्दू पद सृजन के प्रस्ताव निदेशालय बीकानेर भिजवाए।

दांडी यात्रा आंदोलन 2020 - दिनांक 05 सितंबर 2020 को निदेशक प्रारंभिक एवम माध्यमिक शिक्षा बीकानेर द्वारा पुनः एक विद्यालय एक तृतीय भाषा का फार्मूला निकाला जो स्टाफिंग पेटर्न 2016 के अनुसार था। सभी तरह से थक हार कर जब कोई सुनवाई नहीं हुई तो 1 नवंबर 2020 को विद्यालय से  PL ले कर अकेला दांडी यात्रा पर निकल पड़ा जिस का राजस्थान ही नहीं समूचे देश भर में चर्चा हुआ। 
इस यात्रा को 17 दिन तक चलने के बाद उदयपुर में सरकार द्वारा रोक दिया गया और 21.नवंबर 2020 को उदयपुर में राजस्थान सरकार के प्रतिनिधि वक्फ बोर्ड चैयरमेन डॉक्टर खानू खान बुधवाली की मध्यस्थता में राज्य सरकार के अधिकारियों से समझौता हुआ जिस के अनुसार 02 दिसंबर 2020 को राज्यस्तर की बैठक हुई जिस में 09 सूत्रीय मांग पत्र को पारित किया गया। इस समझौते के अनुसार अल्पभाषा (उर्दू,पंजाबी,गुजराती व सिंधी) पढ़ने वाले 10 छात्र जहां मैपिंग के माध्यम से सहमति प्रदान करेंगे वहा उर्दू का पद सृजित किया जायेगा के आदेश प्रारंभिक शिक्षा निदेशक ने 19 जनवरी 2021 व माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने 29 सितंबर 2021 को स्टाफिंग पेटर्न में बदलाव कर मंजूरी दी।
सेकंड ग्रेड के पद सृजन, प्रारंभिक कक्षा 5 तक उर्दू विषय का अध्यापन, कॉलेज शिक्षा, 15 सूत्री कार्यक्रम, राजनेतिक नियुक्ति,अल्पसंख्यक कल्याण,छात्रवृति आदि कई योजनाओं को अमल भी लाया गया। संविदा कर्मियों के स्थायीकरण की दिनांक 30 सितंबर 2021 निर्धारित की गई। सरकार के आश्वासन पर दांडी यात्रा स्थगित कर दी गई।

राजस्थान का दौरा :- दिनांक 26जुलाई 2021 से दिनांक 18सितंबर 2021 तक पूरे राजस्थान के हर जिले व ब्लॉक का दौरा कर आम आवाम को इस कार्य हेतु जागृत किया।

दांडी यात्रा 2 - 30 सितम्बर 2021 तक संविदा कर्मी नियमितिकरण,कॉलेज शिक्षा में उर्दू पद व प्रारंभिक/माध्यमिक शिक्षा में उर्दू विषय के पद नियमानुसार सृजित नहीं करने के विरोध में 30 सितंबर 2021 को जयपुर मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया, गिरफ्दारी दे कर मुख्यमंत्री आवास के सामने ही चोला उतार कर उदयपुर के लिए रवाना हुए और 2 अक्तूबर 2021 से दांडी यात्रा शुरू हो गई। इस यात्रा में लगभग 6 हजार लोग शामिल हुए। यात्रा के 145 किलोमीटर चलने के बाद डूंगरपुर के खजुरी गांव (रतनपुरा बॉर्डर) पर पहुंचने पर तत्कालीन कलेक्टर सुरेश ओला ने  7 अक्तूबर को जबरन यात्रा रोक कर जयपुर के लिए रवाना कर दिया। जयपुर में कोई सुनवाई नहीं होने पर 15 अक्तूबर से शहीद स्मारक जयपुर में धरना शुरू किया गया। 
21 अक्तूबर से अनशन शुरू किया गया। राजस्थान के हर जिले में धरने,रेली व नेताओं के घरों के आगे धरने शुरू किए गए। 
विधायक आमीन कागज़ी,रफीक खान,वाजिब अली व धर्मेंद्र राठौड़ की मध्यस्थता में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा 31 दिसंबर 2021 को अनशन समाप्त करवाया गया व उक्त चारों नेताओं के द्वारा 1 जनवरी 2022 को धरना समाप्त करवाया गया।
मुख्य सचिव वित्त व मुख्यमंत्री द्वारा नई पोशाक 26 फरवरी 2022 को पहना कर 27 फरवरी 2022 को घर भिजवाया गया।

अभी संविदा सेवा नियम 2022 की फाइल वित्त व कार्मिक विभाग के मध्य चल रही है जिस पर 30 सितंबर 2022 तक कार्यवाही नहीं होने पर पुनः आंदोलन शुरू किया जायेगा

शमशेर भालू खान
जिगर चुरुवी
9587243963
sambhalu36@gmail.com
ट्विटर Thakursbk
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