Friday, 30 May 2025

✅पाकिस्तान परस्त कौन

नापाक परस्त कौन - 
👉 नापाक पसंद भाजपा - एक विश्लेषण
🔥#ऑपरेशन_सिन्दूर के बाद भारतीय सेना के आक्रमण में यदि #मोदी (भाजपा) सरकार ने दुश्मन से हमदर्दी न दिखाई होती और अमेरिका की व्यापार नहीं करने धमकी में ना आए होते तो भारतीय सेना नापाकिस्तान के नक्शे के चार टुकड़े कर चुकी होती। थोड़े समय के लिए सेना को फ्री हैंड मिल जाता, विदेश राज्य मंत्री पाक सरकार को हमले की पूर्व जानकारी ना देते और शहबाज़ शरीफ़ के प्रति प्रेम न छलकाते तो आज तस्वीर दूसरी होती।
आख़िर भाजपा इतनी पाकिस्तान परस्त क्यों है, आईए जानते हैं, 

1. 👉वर्ष 1999 का फरवरी महीना दिनांक 19.02.1999 - 
🔥वाजपेई की लाहौर यात्रा और कारगिल युद्ध - 
           दिल्ली से लाहौर बस 
लाहौर पहुंचे प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने पाक PM नवाज शरीफ से भेंट की।
तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी बस द्वारा बाघा बॉर्डर होते हुए लाहौर में नवाज शरीफ को गले लगाने पहुंचकर लाहौर घोषणा- पत्र जारी करते हैं। इधर वाजपेयी शरीफ के गले मिल कर मेहमाननवाज़ी का मजा ले रहे थे उधर नापाक सेना कारगिल में घुसपैठ कर रही थी। इस यात्रा के 3 महीने के बाद कारगिल युद्ध शुरू हो गया। यह बस युद्ध शुरू होने के बाद भी नहीं रोकी गई।
     कारगिल युद्ध में गरजती बोफोर्स
  कारगिल विजय के बाद भारतीय सेना

2. 👉 वर्ष 1999 का दिसंबर माह - 
🔥 कंधार विमान अपहरण कांड - 
कंधार एयरपोर्ट पर अपहृत विमान IC - 814 मय 162 यात्री
पाकिस्तानी आतंकियों ने इंडियन एयरलाइंस के IC - 814 विमान को काठमांडू के त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट से दिल्ली आते समय 24 दिसंबर 1999 को 04.39 बजे भारतीय सीमा में प्रवेश करने के बाद 04.53 बजे हाईजैक कर लिया गया। विमान में 176 यात्री, 15  क्रू मेंबर्स सहित कुल 191 लोग सवार थे। विमान में इतना ईंधन नहीं था कि उसे सीधे अफगानिस्‍तान ले जाया जा सके, इसलिए कुछ देर अमृतसर में रुका, फिर लाहौर में बिना इजाजत के रात 08:07 बजे उतरा, सुबह लाहौर से दुबई के लिए रवाना, जहां इसमें ईंधन भरवाया गया। दुबई एयरपोर्ट पर 28 (बच्चों, और महिलाओ एवं बीमार, एक अपहरणकर्ताओं से हुई झड़प में घायल यात्री जिसकी बाद में मृत्यु हो गई) लोगों को उतारा गया। इसमें बाद कंधार एयरपोर्ट (अफगानिस्तान) पर 08.33 बजे उतरा। आतंकियों ने भारतीय जेलों में बंद 36 उग्रवादियों की रिहाई, छह महीने पहले दफनाए गए आतंकी सज्जाद अफगानी का शव (सज्जाद अफगानी जून 1999 में जम्मू में एक मुठभेड़ में मारा गया) के साथ 200 मिलियन अमेरिकी डॉलर की फिरौती की मांग की। सात दिन तक सरकार और आतंकियों में बातचीत होती रही, बाद में अपहरणकर्ता मसूद अजहर समेत तीन आतंकियों को रिहा करने की शर्त पर अपहृत विमान एवं यात्रियों को छोड़ने के लिए राजी हो गए।
लाल बैग (इसमें क्या था, देश को नहीं बताया गया) के साथ आतंकियों को छोड़ने गए विदेश मंत्री जसवंत सिंह 
तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में विदेश मंत्री जसवन्त सिंह छोड़े गए तीन आतंकियों - 
1. मुश्ताक अहमद जरगर
2. अहमद उमर सईद शेख
3. मौलाना मसूद अजहर
(ये वही मसूद अजहर है, जिसने बाद में जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठन बनाया. यही संगठन ने 2019 पुलवामा हमलों में शामिल था) को कंधार लेकर गए। 
आतंकियों ने सभी यात्रियों को 31 दिसंबर 1999 को छोड़ दिया।

3. 👉वर्ष 2001 का जुलाई महीना - 
🔥विफल आगरा शिखर सम्मेलन - 
आगरा शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, गृह मंत्री लाल कृष्ण आडवाणी एवं विदेश मंत्री जसवंत सिंह 
वर्ष 1999 के कारगिल युद्ध के आर्मी चीफ परवेज़ मुशर्रफ़ वहां के राष्ट्रपति बने, जिन्हें वाजपेयी ने द्विपक्षीय वार्ता हेतु आगरा शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किया परन्तु वार्ता विफल रही और आगरा संधि पर हस्ताक्षर नहीं हो सके।
आगरा में नापाक राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ एवं उनकी पत्नी

4. 👉 वर्ष 2005 जून का महीना - 
🔥लाल कृष्ण आडवाणी द्वारा जिन्ना की मजार पर जा कर उसे धर्मनिरपेक्ष घोषित करना - 
     जिन्ना की मजार पर आडवाणी
   जिन्ना का चित्र निहारते आडवाणी
अब तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी एक सप्ताह की पाकिस्तान यात्रा पर निकले और जिन्ना की मज़ार पर जा कर उसे धर्मनिरपेक्षता के वाशिंग पावडर से धो कर उज्जवल कर डाला। इस यात्रा के 3 दिन उन्होंने अपनी जन्मस्थली सिंध में बिताए।
5. 👉 वर्ष 2014 मई का महीना - 
🔥शपथ ग्रहण समारोह में नापाक प्रधानमंत्री को आमंत्रित करना - 
2014 शपथ ग्रहण समारोह में नवाज शरीफ 
26 मई 2014 के दिन भारत को नरेंद्र मोदी के रूप में पहली बार पूर्ण बहुमत वाला गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री मिला। मोदी ने भव्य शपथ ग्रहण कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें कई राष्ट्राध्यक्षों को आमंत्रित किया। इस शपथ ग्रहण समारोह में उन्होंने अपने अभिन्न मित्र और नापाक प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ को न्योता भेजकर बुलाया, साथ ही उन्हें विशेष स्थान भी दिया गया।

6. 👉वर्ष 2015 का दिसंबर माह -
🔥दिसंबर 25, 2015 - क्रिसमस के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बिना देश को बताए नापाक दौरा - 
मोदी जी रूस और अफ़ग़ानिस्तान की यात्रा से लौट रहे थे. अचानक बिना देश को बताये नवाज़ शरीफ के जन्मदिन एवं उनकी पोती के विवाह कार्यक्रम में बिरयानी खाने हेतु नापाक जा पहुंचे।उन्होंने शरीफ की माँ के पैर छुए, बच्चों को दुआएँ दीं, नवाज़ शरीफ के साथ केक काटा और स्वदेश लौट आए, इस यात्रा से देश को क्या लाभ हुआ आज तक नहीं बता पाए, प्रधानमंत्री के रूप में मोदी जी अटल जी के बाद पाकिस्तान जाने वाले दूसरे व्यक्ति बने।
7. 👉 वर्ष 2016 माह जून - 
🔥27 जून, 2016 के दिन ISI को भारतीय सेन्य ठिकानों के निरीक्षण की अनुमति - 
भारत सरकार द्वारा पाक ख़ुफ़िया एजेंसी ISI को भारत भूमि पर पहली बार सैन्य ठिकानों के निरीक्षण की अनुमति दी गई। नापाक की इस टीम में ISI, मिलिट्री इंटेलिजेंस व पाक पुलिस के पांच सदस्य शामिल थे। पठानकोट बेस कैंप का निरीक्षण, जनवरी 2016 में पंजाब हवाई अड्डे पर हुए आतंकी हमले की सम्मिलित जाँच करने के फ़ैसले के अंतर्गत अनुमति दी गई।
8. 👉वर्ष 2019 का फरवरी माह
🔥पुलवामा सैनिक हत्या
         पुलवामा के शहीद सैनिक
            पुलवामा हमला स्थल
यह हमला जब जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर सेना के जवानों को ले जा रहे वाहनों के काफिले पर 14 फरवरी 2019 को जम्मू और कश्मीर के तत्कालीन लेथापोरा में 340 टन RDX से भरे वाहन में आत्मघाती विस्फोट कर किया गया। भारत सरकार ने कहने को तो एयर स्ट्राइक की पर अवसर होने के बावजूद किसी व्यक्ति/आतंकवादी को आज तक इस हमले का जिम्मेदार मानकर गिरफ्तार नहीं किया गया। ना ही जांच दल गठन कर यह पता लगाया गया कि इतनी भारी मात्रा में RDX जैसा विस्फोटक कहां से आया और दोषी कहां से आए, कहां गए। इस हमले में सेना ने सवाल उठाए कि जब सेना के अधिकारियों द्वारा सुरक्षा उपलब्ध करवाने की अपील की थी, परन्तु सरकार ने ऐसा नहीं किया। पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने सार्वजनिक रूप से सरकार पर आरोप लगाए। इसके बाद की एयर स्ट्राइक में भारतीय पायलट अभिनंदन का प्लेन दुर्घटनाग्रस्त हुआ और काफी प्रयासों के बाद जिनेवा समझौते के अंतर्गत उन्हें वापस भारत लाया गया।

9. 👉वर्ष 2025 का अप्रैल माह - 
🔥पहलगांव पर्यटक हमले में सरकार की मिलीभगत के आरोप - 
पहलगांव हमले के दोषी जो अभी फरार हैं।
             26 पर्यटकों के शव
22 अप्रैल की दोपहर के समय पहलगाम की सुंदरता निहारते हुए खुशनुमा मौसम का लुत्फ उठा रहे 26 पर्यटकों पर 4 नापाक आतंकियों ने सरहद पार के 200 किलोमीटर अंदर घुस कर 26 मासूम लोगों की निर्मम हत्या कर दी।
पूरे देश में हाहाकार मचा, प्रधानमंत्री ने सऊदी अरब दौरा बीच में छोड़ कर एयरपोर्ट पर ही कैबिनेट की बैठक की। यहां से प्रधानमंत्री बिहार में चुनावी सभा को संबोधित करने चले गए, गृहमंत्री जी जम्मू गए उनके लिए लाल कार्पेट बिछाया गया। शहीदों के साथियों ने कहा कि सभी 26 भारतीयों को धर्म पूछ कर गोली मारी गई। स्थानीय नागरिकों ने पर्यटकों की सहायतार्थ खूब प्रयास किए, कई लोगों की जान बचाई। सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई परन्तु मोदी जी वहां नहीं पहुंचे। उनसे मिलने RSS प्रमुख मोहन भागवत चले गए। इसके बाद दूसरी सर्वदलीय बैठक बुलाई गई परन्तु प्रधानमंत्री मोदी अपने मित्र गौतम अडानी की एक समुद्री कंपनी के बंदरगाह के उद्घाटन हेतु केरल चले गए। बिहार की चुनावी सभा में नीतीश कुमार के साथ उनकी चुहलबाजी से साफ जाहिर होता है कि उनको इस हमले में मारे गए 26 भारतीयों की मौत का कोई दुख नहीं था। लोगों ने एवं कई स्वतंत्र एजेंसियों ने इस हमले में केंद्र सरकार का हाथ होने का आरोप लगाया, जिसके कारण एक सैन्य अधिकारी को जबरन रिटायर करने के लिए भी सरकार को कटघरे में खड़ा किया जा रहा है।

10. 👉 वर्ष 2025 माह मई - 
🔥 ऑपरेशन सिंदूर एवं सीजफायर 
7 मई की सुबह सेना ने ऑपरेशन सिंदूर  लांच किया। 
कर्नल सोफिया कुरैशी ऑपरेशन सिंदूर 
नापाक हेलीकॉप्टर को उठा कर लाते हुए 
   ब्रह्मोस 2013 ऑपरेशन सिंदूर में 
        प्रधानमंत्री की वोट पॉलिसी
सेना ने मात्र 22 मिनिट में ब्रह्मोस मिसाइल द्वारा ऑपरेशन से दस आतंकी लांच पैड को ध्वस्त कर दिया। इस ऑपरेशन की पूरी जानकारी हमला करने से पहले ही विदेश राज्य मंत्री एस. जयशंकर ने पाकिस्तानी अधिकारियों को दे दी, जिसके कारण आरोप हैं कि भारत ने तीन राफेल खो दिए, नापाक मीडिया ने एक महिला पायलट को बंदी बनाने की फोटो भी जारी किए। इसी सूचना के कारण मोस्ट वांटेड हाफिज सईद और उनके साथी वहां से भागने में सफल रहे। 

11. 👉वर्ष 2025 का मई माह
🔥अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा सीजफायर की घोषणा - 
11 मई का दिन भारतीय सार्वभौमिकता एवं संप्रभुता के लिए एक कला अध्याय है। इस समय सेना आक्रामक हो कर दुश्मन को दिन में तारे दिखा रही थी, बौखलाया पाक भारत के नागरिक ठिकानों पर हमले कर रहा था। इसके साथ ही वह कबाड़ के ड्रोन (लगभग दस हजार मूल्य प्रत्येक के) बड़ी मात्रा में भारत की ओर भेज कर लाखों रुपए की मिसाइल से उन कर हमला करवा रहा था। इसके साथ ही अपने मित्र अमेरिका, चीन एवं तुर्की को पूरी जानकारी साझा कर रहा था। पाक आर्मी का दावा है कि चीन ने रडार सुरक्षा उपकरणों की सहायता से बीजिंग से ही पाकिस्तानी तंत्र को पूरी सूचनाएं उपलब्ध करवाई, इसी कारण उन्होंने दावा किया कि तीन राफेल विमान मार गिराए गए। राफेल कंपनी के शेयर गिरना एवं चीनी रक्षा कम्पनी के शेयरों में उछाल कोई तो अर्थ प्रकट करते हैं। तभी अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत और नापाक के बीच युद्धविराम की घोषणा करते हैं। जिसके कुछ समय बाद दोनों देश के रक्षा अधिकारी इसकी पुष्टि करते हैं। ट्रंप विदेशी दौरों एवं सोशल मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से दहाड़ कर कहता है कि व्यापार नहीं करने की धमकी के कारण भारत और पाकिस्तान ने डर कर युद्धविराम किया। यही नहीं उन्होंने कश्मीर में हस्तक्षेप करने का और भारत पाक के प्रधानमंत्रियों को एक साथ डिनर पर भेजने का दावा भी किया। युद्धविराम के 52 घंटे बाद भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्र के नाम संदेश (मन की बात) के माध्यम से युद्धविराम के कारणों एवं ट्रंप के दावों पर कुछ नहीं बोले जो कि सीधे - सीधे हमारी संप्रभुता पर प्रहार है। पहलगांव के चार आतंकी आज भी आजाद घूम रहे हैं।

अंततः - 
यह मिली-जुली नूरा कुश्ती नापाक और भाजपा एवं भाजपा की सरकार खेल रही है। नापाक की परिकल्पना भाजपा (rss) की नापाक मानसिकता की देन है।
भारत में जब - जब भाजपा सरकार आती है, नापाक,आतंकी और नापाकियों के मज़े हो जाते हैं। सीमा पर थोड़ी सी हलचल कर उधर नापाक भीख मांगने निकल जाता है, और भाजपा वोट मांगने।
सच छुपाए नहीं छुपता, सच की तो समस्या ही यह है कि उसे सात तालों में बंद कर लीजिये, वो एक न एक दिन बाहर आ ही जाता है।
संसद में राहुल गांधी और मीडिया में सुप्रिया श्रीनेत ने इस संबंध में बार - बार देश की जनता को आगाह किया है कि समय रहते नहीं संभाले तो हालात काबू से बाहर हो जाएंगे।
लोगों ने किया इंदिरा जी को याद किया।

कुछ सवाल और उनके जवाब - 
सवाल : पाकिस्तानी जासूस ध्रुव सक्सेना कौन है?
जवाब : बीजेपी का कार्यकर्ता है
सवाल : पाकिस्तानी जासूस चमन लाल कौन है? 
जवाब :आरएसएस का कार्यकर्ता 
सवाल : पाकिस्तानी जासूस अच्युतानंद मिश्र कौन? 
जवाब : संघका सदस्य 
सवाल : पाकिस्तानी जासूस विकास पांडेय कौन है? 
जवाब : बीजेपी का बूथ अध्यक्ष
सवाल : अतंकवादी प्रज्ञा ठाकुर कौन है? 
जवाब : बीजेपी की सांसद
सवाल : अतांकी असीमानंद कौन है? 
जवाब :आरएसएस का कार्यकर्ता
सवाल : अतंकवादी संस्था अभिनव भारत किसकी समर्थक है? 
जवाब : आरएसएस और बीजेपी
सवाल : ब्रह्मोस मिसाइल की गुप्त जानकारी चीन को किसने दी? 
जवाब : संघ कार्यकर्ता संदीप मिश्रा ने 
सवाल : अमरनाथ यात्रियों की बस पर हमला किसने करवाया था? 
जवाब : बीजेपी कार्यकर्ता संदीप शर्मा ने 
सवाल : पाकिस्तानी जासूस पंकज मिश्रा कौन है? 
जवाब : बीजेपी कार्यकर्ता है।
सवाल : पाकिस्तानी जासूस दीपक त्रिवेदी कौन है? 
जवाब : बीजेपी कार्यकर्ता है।
सवाल : पाकिस्तानी जासूस पंकज अय्यर कौन है? 
जवाब : बीजेपी कार्यकर्ता है
सवाल : पाकिस्तानी जासूस संजीत कुमार, संजय त्रिपाठी, बबलू सिंह, विकास कुमार, राहुल सिंह, संजय रावत, देवधारण गुप्ता, रिंकू त्यागी, ऋषि मिश्र, वेदराम कौन है? 
जवाब :बीजेपी कार्यकर्ता संघ के सदस्य 
सवाल : पाकिस्तानी जासूस मनीष कौन है? 
जवाब : बीजेपी का कार्यकर्ता और कैलाश विजयवर्गीय का खास 
सवाल : मोहित शर्मा कौन है? 
जवाब : बीजेपी का कार्यकर्ता और शिवराज चौहान का खास।
इसके अलावा भी लगभग 500 नाम और हैं जो कि पाकिस्तान के लिए जासूसी करते रंग हाथ पकड़े गए हैं। 
ऐसा नहीं है कि सारे पाकिस्तानी एजेंट, आतंकवादी और देशद्रोही संघ या बीजेपी से जुड़े हुए हैं, मगर जैसे ही किसी एक भी मुस्लिम का नाम आता है, अंधभक्त और भाजपाई घाघरा उठा कर मुजरा करने लगते हैं।
मोदी बिना बुलाए चुपके से पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ की जन्मदिन का केक खाने पहुंच गए और बिरयानी की दावत उड़ा कर वापिस आ गए मगर फिर भी देशभक्त ही हैं।
है ना चमत्कार वाली बीजेपी..?

शमशेर भालू खां 
9587243963