पहलगांव हमला -
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में स्थित बाइसारन घाटी में एक भीषण आतंकी हमला हुआ, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान गई और कई अन्य घायल हुए। यह हमला पिछले वर्षों में नागरिकों पर हुए सबसे घातक हमलों में से एक माना जा रहा है।
वहां से आए पर्यटकों ने कहा कि आतंकियों ने धर्म पूछा और गोली मार दी। वहां के स्थानीय निवासियों ने काफी लोगों को (2000 में से 26 की मृत्यु) बचाया, सहायता की। कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इसकी भर्त्सना की। कश्मीर एसेंबली का विशेष सत्र बुलाया गया।
आलोचकों के अनुसार हमला पूर्व नियोजित था -
यह हमला पूर्व नियोजित साजिश के अंतर्गत भाजपा का चुनाव जीतने का प्रोपगंडा था।
1. भारत के प्रधानमंत्री का कश्मीर दौरा रद्द करना।
2. भारत के गृह मंत्री का कुछ दिन पहले कश्मीर दौरा।
3. बिना सुरक्षा के 2000 पर्यटकों की जान से खेलना।
4. सुरक्षा बल को पहलगांव के इस पर्यटन स्थल से हटाना।
5. तीन सो किलोमीटर सीमा पार कर आतंकी आए और हमला कर वापस भाग गए। रॉ, इंटेलिजेंस और सुरक्षा बल कुछ नहीं कर सके।
6. हमले के तुरंत बाद सभी दलों ने इसकी निंदा की परन्तु प्रधानमंत्री ने ना मन की बात की ना राष्ट्र को संबोधित किया।
7. हमले कुछ दिन पहले RSS प्रमुख मोहन भागवत प्रधानमंत्री से किस विषय पर मिले।
8. हमले के 15 दिन बाद ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया गया। सेना को पूर्ण छूट नहीं दी गई। केवल कुछ स्थानों पर हमला कर वापस लौटने हेतु निर्देशित किया गया जिसकी जानकारी सरकार ने दुश्मन देश को पहले ही दे दी।
9. हमलावर आतंकी कहां हैं, यदि वे पाकिस्तान भाग गए तो सरकार ने उनकी मांग क्यों नहीं की, यदि वे भारत में हैं तो कहां हैं और जिंदा क्यों हैं?
10. भारत के प्रधानमंत्री ने हमले के तुरंत बाद सऊदी अरब दौरा रद्द कर एयरपोर्ट पर हो कैबिनेट बैठक की। इसके बाद ऑपरेशन में इतने दिन का समय क्यों लगा।
11. लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर सैफुल्ला कसूरी ने लाहौर की एक रैली इस हमले की जिम्मेदारी ली, भारत ने इसको सौंपने की मांग क्यों नहीं की।
12. विपक्ष के नेता कश्मीर गए और मृतकों के परिजनों से मिले, प्रधानमंत्री अभी तक कश्मीर क्यों नहीं गए।
13. हमले के बाद सऊदी दौरा रद्द कर मोदी जी बिहार की रैली में चले गए जबकि पूरा देश शोक मना रहा था।
14. सरकार से विपक्ष मांग कर रहा है संसद का विशेष सत्र बुलाने के लिए लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हुआ।
ऑपरेशन सिंदूर -
ऑपरेशन सिंदूर, मई 2025 में भारत द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकवादी ठिकानों के खिलाफ की गई एक सटीक और सीमित सैन्य कार्रवाई थी। यह ऑपरेशन 6-7 मई की रात को शुरू हुआ और लगभग 23 मिनट तक चला, जिसमें भारतीय वायुसेना और थल सेना ने संयुक्त रूप से नौ लक्ष्यों पर हमला किया ।
ऑपरेशन का उद्देश्य और पृष्ठभूमि
इस ऑपरेशन का मुख्य उद्देश्य जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का जवाब देना था, जिसमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की म आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। भारत ने इस हमले के लिए जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकवादी संगठनों को जिम्मेदार ठहराया और उनके ठिकानों को निशाना बनाया ।
प्रमुख लक्ष्य और हथियार प्रणाली -
ऑपरेशन सिंदूर के तहत निम्नलिखित स्थानों पर हमले किए गए:
1. मुजफ्फराबाद और कोटली (PoK)
2. बहावलपुर, सियालकोट, मुरीदके, चक 3. अमरू (पाकिस्तान के पंजाब प्रांत)
इन हमलों में भारतीय वायुसेना ने राफेल जेट्स का उपयोग किया, जो SCALP मिसाइलों और AASM हैमर बमों से लैस थे। इसके अलावा, ब्रह्मोस क्रूज मिसाइलों और इजरायली स्काईस्ट्राइकर लूटिंग म्यूनिशन का भी उपयोग किया गया। इस हमले से पाकिस्तान में नब्बे आतंकी मारे गए परन्तु पहलगांव और पुलवामा के दोषी अभी तक नहीं मारे जा सके।
हाफिज सईद जैसे आतंकी बच निकले।
रणनीतिक संयम और आत्मनिर्भरता -
सेना ने इस ऑपरेशन को भारत की सैन्य शक्ति और रणनीतिक संयम का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि भारत के पास और भी बड़े पैमाने पर कार्रवाई की क्षमता है। लेकिन उसने संयम बरतते हुए केवल आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया। इस ऑपरेशन में स्वदेशी हथियार प्रणालियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही, जिससे भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता को बल मिला।
सामाजिक और मानवीय पहलू -
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पंजाब के फिरोजपुर जिले के तारावाली गांव के 10 वर्षीय श्रवण सिंह ने भारतीय सैनिकों की सहायता की। उसके इस साहसिक कार्य के लिए भारतीय सेना ने उसे सम्मानित किया, जिससे वह इस ऑपरेशन का सबसे युवा योद्धा बना ।
युद्ध के हालात और प्रशासनिक तैयारियां -
पूरे देश में रेड अलर्ट जारी कर दिया गया। सभी जिलों में मॉकड्रिल के द्वारा संभावित हालात का जायजा लिया गया। अस्पताल तैयार करवाए गए। श्मशान व कब्रिस्तान की व्यवस्थाओं संबंधी जांच एवं संभावित व्यापक मृत्यु में दाग/दफनाने की व्यवस्था की गई। रात को बिजली बंद करने के निर्देश दिए गए। सरकार ने सभी बंदोबस्त किए।
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया - संघर्षविराम -
भारत की इस कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने भी जवाबी कार्रवाई की, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा। हालांकि, 10 मई को दोनों देशों के बीच संघर्षविराम की घोषणा की गई।
ऑपरेशन सिंदूर भारत की आतंकवाद के प्रति अलगाव नीति का स्पष्ट संकेत है। इस ऑपरेशन ने न केवल आतंकवादी ठिकानों को नष्ट किया, बल्कि भारत की सैन्य क्षमता, रणनीतिक संयम और आत्मनिर्भरता को भी प्रदर्शित किया।
महिला रणनीति -
कर्नल सोफिया कुरैशी एवं व्योमिका सिंह की उपस्थिति ने भारतीय सेना में महिलाओं की भूमिका को नई पहचान दी। उनकी भूमिका ने कई युवा महिलाओं को सेना में करियर बनाने के लिए प्रेरित किया।
नेताओं के बयान -
1. ऑपरेशन सिंदूर के बाद ममता बनर्जी (मुख्यमंत्री, पश्चिम बंगाल) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया कि वे सेना का राजनीतिकरण कर रहे हैं। उन्होंने पूछा, क्या पीएम मोदी अब ऑपरेशन बंगाल भी शुरू करेंगे? उनका कहना था कि देश की सुरक्षा के नाम पर राजनीति नहीं होनी चाहिए और ऐसे संवेदनशील मामलों में राजनैतिक दलों को सेना का सम्मान करना चाहिए।
2. इस दौरान भारतीय सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी एवं व्योमिका सिंह ने प्रमुख भूमिका निभाई, जिससे उन्हें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली जिनके बारे में कुछ विवादास्पद टिप्पणियाँ भी सामने आईं। मध्य प्रदेश के भाजपा मंत्री विजय शाह ने ऑपरेशन सिंदूर के शुरुआती दिनों में कर्नल सोफिया कुरैशी द्वारा मीडिया को जानकारी देने के बाद उन पर आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए सोफिया को आतंकवादियों की बहन बताया। इस टिप्पणी के खिलाफ स्वतः संज्ञान लेते हुए जबलपुर उच्च न्यायालय ने एफआईआर दर्ज की थी। बाद में, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए विशेष जांच दल (SIT) की जांच की निगरानी अपने हाथ में ली और उच्च न्यायालय को मामला बंद करने के निर्देश दिए। उनकी बहन शाइना सूनसारा ने नेताओं को ऐसे बयानों से बचने की सलाह दी।
3. भाजपा विधायक रणबीर सिंह पठानिया ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायुसेना के जवानों के व्यवहार पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि जब यह महत्वपूर्ण सैन्य ऑपरेशन चल रहा था, तब वायुसेना सो रही थी और सुरक्षा में चूक हुई। इस बयान से सैन्य क्षेत्र एवं राजनीतिक गलियारों में तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं।
4. भाजपा राज्य सभा सांसद राकेश सिन्हा (आरएसएस नेता) ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर तब तक जारी रहेगा जब तक अखंड भारत की स्थापना नहीं हो जाती। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह केवल एक राजनीतिक या सीमित उद्देश्य वाला कार्यक्रम नहीं है, बल्कि एक दीर्घकालिक राष्ट्रीय लक्ष्य है।
5. भाजपा के बयानवीरों ने यहां तक कह दिया कि हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री ने 26 महिलाओं का सिंदूर छीन लिया, इसलिए यह ऑपरेशन सिंदूर किया गया।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान लाहौर में चुनाव लड़ने को लेकर कोई वास्तविक राजनीतिक गतिविधि नहीं हुई थी। हालांकि, भारत में इस सैन्य कार्रवाई के बाद राजनीतिक बयानबाज़ी तेज़ हो गई थी।
6. शिवसेना सांसद नरेश म्हस्के ने शिवसेना (उद्धव) के सांसद संजय राउत और अरविंद सावंत की आलोचना करते हुए कहा कि यदि वे भारतीय सेना की कार्रवाई पर सवाल उठाते हैं, तो उन्हें रावलपिंडी या लाहौर से चुनाव लड़ने पर विचार करना चाहिए।
7. बिहार भाजपा प्रवक्ता ने कहा हमने युद्ध शुरू ही नहीं किया तो सीजफायर किस बात का। जबकि सेना ने स्पष्ट घोषणा की कि हम युद्ध की स्थिति में हैं।
भारत के विदेश राज्य मंत्री एवं पूर्व राजनयिक एस जयशंकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जानकारी दी कि भारत सरकार ने पाकिस्तान पर हमले से पहले ही उसे बता दिया था कि कहां और कैसे हम हमला करने जा रहे हैं। आलोचक मानते हैं कि इस से पाकिस्तान ने आतंकवादियों को वहां से निकाल लिया। हाफिज सईद बच गया।
9. मध्यप्रदेश भाजपा राज्य सभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा ने विवादित बयान देते हुए कहा कि पहलगांव हमले में मृतक पतियों की पत्नियां कायर थीं, उनमें वीरांगना का अभाव था।
10. भाजपा के मंत्री पीयूष गोयल ने बयान जारी कर कहा कि भारतीयों में राष्ट्रभक्ति की भावना का अभाव है।
टेलीविजन व सोशल मीडिया पर अफवाहें
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सोशल मीडिया पर कई झूठी खबरें और अफवाहें फैलाई गईं। इनमें से कुछ में यह दावा किया गया कि भारतीय सेना ने लाहौर और कराची बंदरगाह पर कब्जा कर लिया है और वहां चुनाव कराने की योजना बना रही है।
R भारत ने तुर्की के एक भवन को कांग्रेस का कार्यालय बता कर प्रचारित किया।
संघर्ष विराम एक भूल -
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया और जहां जाते है यह दावा ठोक कर करते हैं कि उन्होंने व्यापार का हवाला दे कर दोनों देशों में युद्ध रुकवाया। यह बयान भारत की संप्रभुता पर चोट है। अमेरिका के राष्ट्रपति ने भारत के आधिकारिक बयान से तीन घंटे पहले ही बयान जारी कर दिया कि हमने युद्ध विराम करवा दिया है। भारत - पाक रक्षा विभाग ने शाम छः बजे युद्ध विराम की घोषणा की।
युद्ध विराम के इस
सरकार के खिलाफ SC पहुंचीं विंग कमांडर निकिता पांडे -
ऑपरेशन सिंदूर' में शामिल महिला अधिकारी को सेवा से मुक्त करने के आदेश पर लगी रोक।
विंग कमांडर की सेवा के 14 साल पूरे होने और स्थायी कमीशन नहीं मिलने पर उन्हें पद से मुक्त किया जाना है।
वायु सेना अधिकारियों के आरोप - एयर चीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह ने डिफेंस सिस्टम की खरीद और डिलीवरी में देरी पर गंभीर सवाल खड़े किए..कहा-ऐसा एक भी प्रोजेक्ट नहीं है, जो समय पर पूरा हुआ हो... हम ऐसा वादा क्यों करते हैं, जिसे पूरा ही नहीं किया जा सकता...कई बार कॉन्ट्रैक्ट साइन करते समय ही पता होता है कि ये समय पर नहीं होगा...फिर भी साइन कर देते हैं, जिससे पूरा सिस्टम खराब हो जाता है।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद तिरंगे व सेना का अपमान -
ऑपरेशन रोकने पर आलोचना -
शहीद सैनिकों को सलाम -
भाजपा की सुंदर यात्रा
भाजपा ने सिंदूर बांटने की खबर को बताया फेक न्यूज -
भारतीय विदेश नीति की असफलता -
25 मई 2014 से जब श्री मोदीजी भारत के प्रधानमंत्री बने, तब से 68 अरब रुपए खर्च कर विदेश घूम रहे हैं। 88 बार विदेश गए, 72 देशों में घूमे। सबसे मंहगे जहाज़ में सवार हुए, दिन में छह - छह बार कपड़े बदले, दुनिया की सबसे मंहगी घड़ी पहनी, सबसे मंहगा पेन टांगा, सबसे मंहगा धूप का चश्मा लगाया, सबसे मंहगा इत्र छिड़का। यहां तक कि जो बाइडेन की बीबी को हीरा भी भेंट किया।
जब जब विदेश गये तो दूतावासों ने वहाँ विदेशी मुद्रा लुटाकर भीड़ जुटाई, रैलियाँ की गईं, रोड शो हुए। यहां तक कि अमरीका के चुनाव में भारतीय विदेश नीति पार्टी तक बन गई अबकी बार ट्रंप सरकार।
देश के मीडिया को डर दिखाकर व प्रलोभन देकर एक ऐसे स्वरूप में बदल डाला गया कि जिसकी सारी दुनिया में कोई मिसाल नहीं। उसने साहेब की साहबियत का गुणगान करने में हर मर्यादा की धज्जियाँ उड़ा दीं।
दावा कर दिया गया (खरबों रुपये के प्रचार से) कि हम ( यानि मोदीजी) विश्व गुरु बन गये हैं और दुनिया हमसे पूछे बिना धरती पर अगला कदम नहीं रखती।
और इधर पहलगाम हो गया।
पता चला कि हमारे साथ तो कोई नहीं है और हम उन कंधों पर सर रख कर विलाप कर रहे हैं जो खुद दुनिया में कंधे तलाश कर रहे हैं (अफ़ग़ानिस्तान और इज़राइल)।
हमसे बारह गुणा छोटी अर्थव्यवस्था वाला दरिद्र हमारे सर्वकालिक मित्र के बाजू में खड़ा होकर हमारी विदेश नीति सँभालने की योग्यता का विसर्जन कर रहा है।
भारत से तनाव के बीच पाकिस्तान ने रुस से एक बड़ी डील कर ली है। रुस कराची में एक आधुनिक स्टील प्लांट का निर्माण करेगा।यह समझौता 2015 में बंद पड़े सोवियत-निर्मित पाकिस्तान स्टील्स मिल्स को दोबारा खड़ा करने के लिए है।
इस डील की अनुमानित लागत 2.6 बिलियन डॉलर यानि क़रीब 22 हज़ार करोड़ रुपये है। यह समझौता पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
1970 के दशक में सोवियत संघ की मदद से कराची में स्टील प्लांट लगाया गया था। यह प्लांट 1992 तक चालू रहा। लेकिन आर्थिक और तकनीकि कारणों से इसे 2015 में पूरी तरह बंद कर दिया गया।
इस प्लांट के लगने से पाकिस्तान की स्टील आयात में 30 प्रतिशत की कमी आएगी।
विदेशी मीडिया विश्लेषण -
इसी समय, दिल्ली ने पश्चिमी सहयोगियों से हथियारों की खरीद बढ़ा दी है और रूस पर अपनी निर्भरता कम कर दी है। 2006 से फ्रांस, इजरायल और अमेरिका से खरीद में उछाल आया है। SIPRI के अनुसार, मॉस्को से आयात कुल आयात के 75 प्रतिशत से घटकर 36 प्रतिशत रह गया है।
लंदन स्थित थिंक टैंक रॉयल यूनाइटेड सर्विसेज इंस्टीट्यूट के एसोसिएट फेलो डॉ. वाल्टर लैडविग ने कहा, "पाकिस्तानियों के लिए सबसे बड़ा लाभ यह है कि उनका प्राथमिक हथियार आपूर्तिकर्ता चीन है। कागज़ों पर भारतीय रक्षा बजट बड़ा है, आधुनिकीकरण बजट पर्याप्त नहीं है। बीजिंग ने यह काम पूरा किया। उसने पाकिस्तान को कवच, संयुक्त रूप से विकसित लड़ाकू विमान (जेएफ-17 ब्लॉक 3 के रूप में) और मिसाइल सिस्टम की आपूर्ति तेजी से की।" डॉ. लैडविग ने कहा कि विभिन्न कारणों से भारत के मुख्य आपूर्तिकर्ता रूस और फ्रांस (क्रमशः 36 प्रतिशत और 33 प्रतिशत आयात प्रदान करते हैं) वायु सेना के ऑर्डर पूरे करने में धीमे रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत की वायु सेना "अभी भी इन पुराने मिग विमानों का संचालन कर रही है।"
दोहरी चाल चलते हुए चीनी विदेश मंत्रालय ने दोनों पक्षों से संयम बरतने और पूर्ण पैमाने पर युद्ध से बचने का आग्रह किया है परन्तु बीजिंग अदृश्य रूप से आगे भी विस्फोटक रूप से पाकिस्तान की मदद कर रहा होगा।
भारत के विरुद्ध चीन की साजिश -
भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने शुक्रवार को सिंगापुर में आयोजित 22वें शांग्री-ला डायलॉग में हिस्सा लिया और आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान को आईना दिखाया। जनरल चौहान ने माना कि कुछ नुकसान तो वायु सेना को हुआ है, जिसे सार्वजनिक नहीं किया जा सकता। उन्होंने साफ किया कि इससे सिर्फ भारत नहीं विश्व की वायु सेना युद्ध रणनीति भी बदली है।
क्या चीन ने भारत के विरुद्ध पाकिस्तान की मदद की -
भारत के सोशल मीडिया में एस सुब्रमण्यम एवं रक्षा विभाग के अधिकारियों के हवाले से चर्चा चल रही है कि चीन ने ऑपरेशन सिंदूर के समय पाकिस्तानी सेना की सहायता की। मीडिया में राफेल की कथित नाकामी का भी दबी जुबान जिक्र हो रहा है।
द टेलीग्राफ के मेम्फिस बार्कर 8 मई 2025 को 3 : 20 बजे अपराह्न BST, लिखते हैं -
7 मई को सुबह 4 बजे कुछ असाधारण हुआ।यह घटना युद्ध के मैदान से दूर कूटनीतिक पर्दे के पीछे घटित हुई। पाकिस्तान में चीन के राजदूत ने रावलपिंडी को सामरिक कॉल कर पूर्व में तैयार आपात योजना को सक्रिय कर दिया। इसके बाद जो हुआ वो हवाई संघर्ष नहीं बल्कि भ्रामक जाल था।
भारतीय वायु सेना मोर्चे पर तैनात थी और लक्ष्य था पाकिस्तानी रक्षा तंत्र को तोड़ना पर हुआ कुछ अलग जिसे खुल कर नहीं बताया जा रहा है। इंडियन बेस से 300 किमी दूर खतरनाक साजिश रची जा रही थी, अर्थात ट्रैप की कार्यवाही। चीनी जे-10सी युद्धक विमान मेक - 5 की रफ्तार एवं 300 किलोमीटर + रेंज के साथ पीएल-15 मिसाइलों से लैस खड़े थे, उनकी आंख कान बने एआरआई रडार जो इसे जानलेवा नेटवर्क से जोड़ता है।
भारतीय सेना को केवल पाकिस्तानी वायु सेना से नहीं बल्कि नियम विहीन अदृश्य चीनी वायु सेना से लड़ना था जो स्कर्दू से पासनी तक पैर पसारे बैठा था।
हम फ्रांस के जनरेशन 4 व 5 के राफेल (कीमत $250 करोड़) और इजराइल की वायु रक्षा प्रणाली पर विश्वास किए बैठे थे, की निगरानी चीन आसमान से उपग्रह के माध्यम से कर रहा था। जैसे ही राफेल उड़ा हवा में मार गिराया गया। दूसरा जैसे तैसे वापस लौट आया। राफेल की सब से बड़ी खूबी स्पेक्ट्रा ईडब्ल्यू तकनीक (सबसे उन्नत रक्षा प्रणाली) असफल हो गई।
AI-गाइडेड पीएल-15 खामोशी के साथ आई और अपना काम कर गई। अब लड़ाई आमने सामने की नहीं घात प्रतिघात की हो चुकी थी। पाकिस्तानी वायु सेना की सहायता चीन का टारगेटिंग सैटेलाइट्स और एडब्ल्यूएसीएस कर रहा था। राफेल के टारगेट लॉक करने से पहले ही उसे निशाना बना लिया गया और जब मिसाइलें लगीं तब बहुत देर हो चुकी थी।
वायु सेना अचंभित हो गई, हमें पूरा बेड़ा भूमिगत करना पड़ा। दुश्मन 300 किमी दूर से हम पर नजर रख रहा था।
यह सेना की रणनीतिक शर्मिंदगी नहीं सरकार की कूटनीतिक असफलता थी।
ब्लूमबर्ग ने लिखा - यह चीन-पाकिस्तान का संयुक्त युद्ध प्रणाली का लाइव प्रदर्शन था। विश्लेषक चौंक गए - फ्रांस के रक्षा सौदों में हड़कंप मच गया और चीन चुपचाप मुस्कुरा रहा था। 2019 बालाकोट का गौरव अब बाकी नहीं रहा। हमारे रक्षा राज्य मंत्री ने सब सूचनाएं दुश्मन तक पहुंचा दी थीं कि हम क्या करने वाले हैं और दुश्मन हमारे रक्षा तंत्र पर घात लगा कर क्षति पहुंचाकर चलता बना।
राफेल उड़ा रहा भारतीय पायलट विफल नहीं हुआ, वह एक अदृश्य युद्ध रणनीति में फंसाया गया जो सैटेलाइट्स, सेंसर और मशीनों से बना था। नो सेकंड (50 किलोमीटर की दूरी) पहले जब तक उसे पता चला तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
यहां काम कर रही थी घातक चीनी मारक श्रृंखला जिसने चुपचाप इस लड़ाई में भाग लिया और फिर भाग लिया। एसएएबी एरिये, एडब्ल्यूएसीएस की अदृश्य निगरानी से राफेल को पता ही नहीं चला कि वो टारगेट हुआ है।
अब जब भी हमारा फाइटर उड़ता है पाकिस्तानी उसे देख लेते हैं। पहले हम बादलों के पीछे छुप कर वार कर चुके थे।
अब चीन की मदद से पाकिस्तान वो देखता है, जो हम नहीं देख सकते। एक ही दिन में वायु युद्ध के नियम और सिद्धांत बदल गए। चीन की रक्षा कंपनी एवीआईसी, एएलडी चेंगदू के शेयर उछल पड़े और दासोल्ट के धड़ाम।
अब युद्ध डॉगफाइट का नहीं रहा। सी4एसआईआर कमांड, कंट्रोल, कम्युनिकेशन, कैप्चर, इंटेलिजेंस, सर्विलांस और सर्विलांस के बल पर इतराने लगा।
पाकिस्तान हथियारों के दम नहीं चीनी नेटवर्क और भारतीय गद्दारों के दम पर इतराने लगा।
संदेश साफ था हमने प्लेटफॉर्म पर निवेश किया दुश्मन ने किल चेन पर।
प्रधानमंत्री मोदी जी ने प्रभुत्व खरीदने पर निवेश किया और दुश्मन ने अदृश्य मारक क्षमता पर।
अब आसमान बदल चुका है, जमीनी रडार का स्थान सेटेलाइट ले चुका है। यह एक नए युग की शुरुआत है जो देश शांत, अदृश्य, और अजेय सेटेलाइट प्रभुत्व संपन्न होगा जीत उसी की होगी।
शमशेर भालू खां जिगर चुरूवी
9587243963
जिगर चुरूवी
9587243963
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