Thursday, 19 June 2025

ईरान इजराइल युद्ध

ईरान–इज़राइल युद्ध की वर्तमान स्थिति - 

      युद्ध की वास्तविक कीमत
युद्ध पर मेरी कविता - 
01
नशे में मज़हब के इंसान हो गया
देखते ही देखते शहर वीरान हो गया।

कोई इजराइल कोई ईरान हो गया
मैं ढूंढता रहा जो इंसान हो गया।

एकसा गाजा तेलअवीब तेहरान हो गया
आज आदम का बेटा शैतान हो गया।

वक्त का दोस्त दुश्मन ए जान हो गया 
खाली आले इब्राहिम से जहान हो गया।

यूसुफ का वाली मूसा नादान हो गया 
हरा भरा खेत लहु लुहान हो गया।

बनी इस्माइल कासीदो ज़िंदान हो गया
बारूद से काला आसमान हो गया।

जिगर जंग का जारी फरमान हो गया
धरती का हर कोना जापान हो गया।
जिगर चुरूवी

02
आदमी की मौत पे इंसान खुश हुआ
भाई मरा और नादान खुश हुआ।

गिरे बम रॉकेट तबाह शहर हुए
रोई ज़मीन आसमान खुश हुआ।

बंजर खेत खाली अकाल की मार से 
सामंत लगा कर लगान खुश हुआ।

जरूरत इंसान को समझने की इंशा 
पंडित आरती मुल्ला दे अजान खुश हुआ।

कमा कर चंद पैसे बदल लिया अंदाज
ऐंठे शर्माजी अकड़े खान खुश हुआ।

पड़े बाप लावारिश मां रोती कलपती
ऐसों से कब खुदा भगवान खुश हुआ।

बिकते हैं यहां आजा सब्जी के मोल
जिगर छुपाकर पहचान खुश हुआ।
जिगर चुरूवी
इजरायल का हाइफा शहर तबाह
ईरान ने उन्नत निकास प्रणाली के साथ एक मिसाइल लॉन्च की, जिससे रडार और हीट सेंसर द्वारा पता लगाना कठिन हो गया। यह बचाव से बचने या अधिक कुशलता से उड़ान भरने में मदद कर सकता है। 🚀

1. संघर्ष (13 जून से इजरायल द्वारा ईरान पर हमले के बाद जारी)
इज़राइल ने 13 जून 2025 से अपनी हवाइ हमलों की शुरुआत की, जिसमें ईरान के परमाणु स्थलों (जैसे नतांज, अराक), मिसाइल लॉन्चर साइट्स, आईआरजीसी कमांडो केंद्र सहित अनेक ठिकानों पर निशाना साधा गया ।
मकसद केवल क्षति पहुंचाना नहीं बल्कि ईरानी शासन के ढांचे को कमजोर करना भी है ।
2. ईरान की प्रतिक्रिया
ईरान ने इज़राइल में सैकड़ों मिसाइल/ड्रोन से जवाबी हमला किया, जिसमें अस्पताल और आवासीय संरचनाएं भी क्षतिग्रस्त हुईं। कई दर्जन नागरिक एवं घायल हुए ।
इस दौरान ईरान की शक्लहामी मिसाइल संख्या (200+) और बहु-वारहेड मिसाइलों के उपयोग की पुष्टि हुई ।
3. मानव और रणनीतिक प्रभाव
इज़राइल की एयर डिफेंस (Iron Dome आदि) कई मिसाइलों को रोकने में सफल रही, फिर भी अस्पतालों में कई घायल हुए।
ईरानी शहरों में हालात भयावह, लोग आक्रांत और टेली–कम्युनिकेशन टूटे रहने की वजह से अर्धपलायन और इंटरनेट ब्लॉक हो गया ।
4. राजनैतिक और अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण - 
ईरान के सर्वोच्च नेता खामेनेई ने "निरपेक्ष आत्मसमर्पण" को ठुकराया और अमेरिका के हस्तक्षेप के खिलाफ कड़ा चेतावनी दी ।
इज़राइल के रक्षा मंत्री ने खामेनेई के निष्कासन या उन्मूलन तक का इरादा जाहिर किया। राष्ट्रपति ट्रम्प फिलहाल सैन्य हस्तक्षेप पर विचार कर रहे हैं, साथ ही अमेरिका ने USS Gerald Ford सहित युद्धपोतों को क्षेत्र में तैनात किया है ।
5. संभावित समाधान की राह
- कुछ विश्लेषकों का मानना है कि इज़राइल की रणनीति ईरानी शासन को बातचीत के लिए मजबूर करना है ।
- वहीं कुछ यूरोपीय देशों ने बातचीत और राजनैतिक समाधान की अपील की है ।
पक्ष गतिविधि - 
इज़राइल बड़े पैमाने पर हवाई हमले, कई मिसाइल ठिकानों को नुकसान पहुँचाया
ईरान अस्पतालों पर मिसाइल हमला, कई मिसाइल दागे; आंतरिक टेली-कमी और पलायन देखा गया
सारांश - 
- अमेरिका USS Gerald Ford सहित सैन्य बल भेजा, ट्रम्प संभव हस्तक्षेप पर विचारशील
- वैश्विक प्रतिक्रिया तेल व्यापार और ऊर्जा आपूर्ति पर असर की आशंका; कई देशों द्वारा शांतिपूर्ण समाधान की अपील
- वर्तमान स्थिति बेहद नाजुक और जोखिमपूर्ण बनी हुई है — युद्ध से मानवाधिकार, आर्थिक स्थिरता, वैश्विक ऊर्जा लेन-देन सब प्रभावित हो रहे हैं।
उत्तर कोरिया ईरान के समर्थन में
यदि ईरान रूसी सैन्य समर्थन का अनुरोध करता है, तो मैं इसे प्रदान करने के लिए तैयार हूँ।
- पुतिन
⚠️ लॉन्च की फुटेज में एक अपरिचित डिज़ाइन दिखाई देता है, जिससे एक नए मिसाइल संस्करण की अटकलें लगाई जा रही हैं। विश्लेषकों का सुझाव है कि यह मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल KHORRAMSHHR-4 हो सकती है।
यह मिसाइल 1,800 किलोग्राम का वारहेड ले जा सकती है और 2,000 किलोमीटर दूर तक के लक्ष्यों तक पहुँच सकती है। यह मिसाइल हाइपरगोलिक लिक्विड ईंधन का उपयोग करती है, जिससे इसे तेजी से लॉन्च किया जा सकता है (~12 मिनट)। यह वायुमंडल के बाहर मैक 16 और अंदर मैक 8 तक पहुँचती है📍 इसे ख़ैबर भी कहा जाता है यह वही मिसाइल है जो इस वक्त बड़ी चर्चा है
          एक ईरानी मिसाइल 
ट्रम्प की खामोशी इस्राइल ईरान युद्घ पर अब आप की समझ में आ गई होगी।
📌 संक्षिप्त सारांश (19 जून 2025 तक रात दस बजे तक)
21.06.2021 तक 
ईरान-इज़राइल टकराव पर की मुख्य खबरें - 
1. इज़रायली इंटेलिजेंस अफसर का खुलासा- ईरान के पास अब भी सबसे तेज़, आधुनिक और सटीक मिसाइलें मौजूद हैं, जो हमें जवाब देने का वक्त तक नहीं देतीं।
2. जर्मन चांसलर का विवादित बयान-इज़राइल हम सब के लिए गंदा काम करता है।
3. NYT रिपोर्ट- अगर खामनेई मारे गए या फ़र्दो साइट पर हमला हुआ, तो ईरान फिर से एटम बम बनाएगा। अमेरिकी खुफिया एजेंसियों को गहरी चिंता, पूरा मिडल ईस्ट युद्ध की आग में झुलस सकता है।
4. हाइफ़ा शहर पर ईरानी मिसाइल हमलों की हवाई तस्वीरें सामने आईं
कई इमारतें बर्बाद, शहर के कई इलाके गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त।
5. तुर्की विश्लेषक का बयान - ईरान आत्मनिर्भर, जबकि इज़राइल अमेरिका से लगातार भीख मांग रहा है समर्थन की।
6.खामनेई बोले - इज़राइल इस वक्त अपने कर्मों की सज़ा भुगत रहा है, यह सिर्फ़ जवाबी हमला नहीं, ऐतिहासिक सबक है।
7. जर्मन टीवी को रिपोर्टिंग से रोका गया-इज़राइली नागरिक ने ईरानी मिसाइल अटैक की जगह की लाइव कवरेज बंद करवाई।
8. ग्रीस में फ़लस्तीनी झंडों से इसरायली नागरिकों का स्वागत-एयरपोर्ट पर शांतिपूर्ण विरोध, इज़राइल विरोधी नारेबाज़ी और वीडियो वायरल।
9. 5,000 इज़राइली नागरिक साइप्रस में शरण लिए हुए- होटल फुल, स्कूलों को बनाया गया अस्थायी रिहायशगाह, 120 कश्तियाँ पहुंचीं लारनका।
10. ईरान के हमले में Microsoft इमारत को हुआ भारी नुकसान
यहाँ से इज़रायली सेना को AI और सॉफ्टवेयर सपोर्ट मिलता था।
11. PM नेतन्याहू का साफ़ ऐलान -हमें ईरान से किसी भी तरह की शांति वार्ता में दिलचस्पी नहीं।
12. अमेरिकी विदेश मंत्री का बयान - 
हम कूटनीतिक रास्ते को प्राथमिकता देते हैं, बातचीत के सभी विकल्प खुले हैं।
13. ईरानी रेड क्रिसेंट का आरोप - 
इज़रायली हमलों से हमारे 5 अस्पताल तबाह — सबूत अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं को सौंपे गए हैं।
14. इराक़ की हिज़्बुल्ला (नुजबा) की धमकी - अगर आयतुल्ला खामनेई को कुछ हुआ तो अमेरिका और उसके समर्थक जल उठेंगे।
15. तुर्की राष्ट्रपति एर्दोगान की चेतावनी -इज़राइली हमले नई हिंसा को जन्म दे रहे हैं - यूरोप परमाणु प्रभाव और पलायन के लिए तैयार रहे।
16. इज़राइली नागरिक की चीख - 
मेरा घर चला गया, सीधा हमला हुआ, सब खत्म हो गया।
रेस्क्यू कैंप में इजरायल के यहूदी, जहां अन्य धर्म के लोगों का आना मना है।
              टूटे हुए घर में यहूदी
फिलिस्तीन गाजा एवं इजरायल
अखण्ड इजराइल की मुसीबतें..
यह समस्या ईस्वी सन 700 के करीब से व्याप्त है।
14 मई 1948 को इजरायल की स्थापना हुई। यह छोटा सा इलाका था, जहां यूरोप से दूसरे विश्वयुद्ध के बाद विस्थापित हुए यहूदियों को एक होमलैंड दिया गया। 
1967 में उसने युद्ध जीता, और गाजा तथा वेस्ट बैंक पर कब्जा किया। 
युद्ध पूर्व इजराइल की जनसंख्या 27 लाख थी। जिसमे लगभग 80% यहूदी और बाकी अरब मुस्लिम थे। आज के भारत की तरह ही, जिसमे 80% हिन्दू, शेष अल्पसंख्यक, जिसमे अधिकतर मुसलमान है। युद्ध जीतने से नई समस्या शुरू होती है। जीते गए गाजा की आबादी लगभग 4 लाख थी, जिसमें ज्यादातर फिलिस्तीनी मुस्लिम थे। जीतने पर यह जमीन इजराइल का अधिकृत क्षेत्र बन गयी.. लेकिन उसके निवासी, इजराइल के अनाधिकृत निवासी थे, उनके पास इजराइल के पोलिटिकल सिस्टम में कोई अधिकार नही था। दोयम दर्जे का भी नही। ये अवांछित लोग थे। 
संख्या इतनी कि थी, अपना नागरिक मानकर अधिकार दे दिए,तो कभी इजराइल में यहूदी बाहुल्य की सरकार ही न बने। और चुनाव जीतकर इजराइल में फिलिस्तीनी बाहुल्य सरकार बन जाए, तो यहूदी होमलैंड का फलसफा ही खत्म। 
धर्म आधारित राष्ट्रीयता के साथ यह मुसीबत मुफ्त आती है। तो जीते हुए इलाके के लोगो को अधिकारहीन ग़ुलाम बनाकर रखने की नीति चली।
डेमोग्राफी भी बदलने की कोशिश हुई। इन इलाकों में यहूदी बस्तियां बसाकर। 
पर जनसँख्या का पैटर्न यदि बस्ती बसाने और बच्चे पैदा करने से बदल जाता, तो आप भी RSS के भोंपुओं की बात सुनकर 10-10 बच्चे पैदा कर चुके होते। 
2024 तक इजरायल की जनसंख्या 96 लाख थी, इसमे 17 लाख मुस्लिम थे। उधर गाजा में 21 लाख मुसलमान थे, वेस्ट बैंक में 30 लाख। 
याने समस्त इलाके में 45 %.. ये निगलने, न थूक पाने की हालत थी। विजिट इलाको को नागरिक बनाकर रख सकते, न मार सकते, न भगा सकते।
एक वक्त थोड़ी सद्बुद्धि आयी, और समझौते के तहत इजराइल ने 2005 में गाजा से अपनी सैन्य मौजूदगी और बस्तियां हटा लीं। 
लेकिन नियंत्रण सीमा, हवाई क्षेत्र, समुद्री क्षेत्र बनाए रखा। यूँ समझिए, एक किस्म का धारा 370 दिया। वहां सेमीऑटोनोमस फिलस्तीन अथॉरिटी (सरकार) बनी। 
यह इजराइल के कट्टरपंथियों को पसन्द नही था। उनकी ख्वाहिश थी कि गजा के सारे लोग खत्म हो जायें। भाग जायें, या मर जाएं। दरअसल, पिछली पीढी के लोगो ने अशान्ति देखी थी। वे किसी तरह से शांति चाहते थे।
नई पीढ़ी ने केवल सशक्त इजराइल देखा है। फिर 2 दशक से नफरती पागल लोग वहां सत्ता में हैं। उन्होंने युवाओ मे मरने या मार देने की नफरत बोई है। 
अब यूथ को गजा के सारे लोग मार डालना न्यायपूर्ण लगता है।  एकदम प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत से नेतन्याहू ने गजा में सिविलियन्स को मारने, उसकी नाकेबंदी, भोजन, पानी, दवा की सप्लाई रोकने, किसी भी ह्यूमनटेरियन मदद को बाधा पहुचाने की पॉलिसी के साथ, एथनिक क्लींजिंग की कोशिश की।
जिस गैस चेम्बर की नीति से प्रताड़ित उनके पुरखे, यहाँ शरण लेने आये थे। उन्ही शरण देने वालो को अगली पीढ़ी मौत के चेम्बर में डाल रही थी, इसे ही शास्त्रों में कृतघ्नता कहा गया है। 
लेकिन ऊपर वाले का न्याय अलग है। तो इजराइल पर आसमान से आग बरस रही है। डेथ टू गाजा, और मौतों पर मीम बनाने वाले सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स, अब अपने वीडियोज में रोते दिख रहे हैं। किसी को उनसे सहानुभूति नही। आगे युद्ध कौन जीतता है, किसका सम्पूर्ण विनाश होता है, वह देखा जायेगा। लेकिन मौजूदा पीढ़ी ने, दो पीढ़ी पीछे के हिसाब चुकाने के लिए खुद का सत्यानाश तो कर ही लिया। यह सबक दुनिया के लिए है। भूमि का सपना, बच्चों को यह प्रॉमिसिंग थ्योरी लगती है। जर्मन सुपिरियरटी की थ्योरी ने जर्मनी का नाश किया, जियोनिस्ट थ्योरी ने इजराइल का। 
मोसाद की इजरायली जासूस जो इरानें मुस्लिम बन कर बरसों से रह रही थी। इसी ने खुफिया जानकारी इजरायल को उपलब्ध करवाई। अब वह किसी तरह से इजरायल भागने में सफल हो गई है।
21.06.2025 शाम तक
जंग में अमेरिका की एंट्री
ईरान और इजरायल के बीच शुरू हुई जंग अब बढ़ती ही जा रही है अब इस जंग के और भीषण होने के आसार हैं क्योंकि इस जंग में अमेरिका भी कूद गया है।
अमेरिका ने रविवार को ईरान पर हमला किया और ईरान के तीन परमाणु स्थलों को निशाना बनाया। इसकी पुष्टि खुद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के की है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अमेरिकी समयानुसार रात 10 बजे राष्ट्र को संबोधित करेंगे।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों — फोर्डो, नतांज और इस्फहान — पर सफल हमला किया है। सभी अमेरिकी विमान अब ईरान के हवाई क्षेत्र से बाहर निकल चुके हैं। मुख्य निशाने पर, यानी फोर्डो पर, पूरी तरह बम गिराए गए।
आगे बोले कि सभी विमान सुरक्षित रूप से अपने घर के रास्ते पर हैं। हमारे महान अमेरिकी योद्धाओं को बधाई। दुनिया में कोई दूसरी सेना नहीं है जो ऐसा कर सकती थी। अब शांति का समय है! इस मामले पर आपका ध्यान देने के लिए धन्यवाद।
अपडेट 24.06.2025
ईरान ने अमेरिकी हमले की जवाबी कार्यवाही शुरू की। छः मिसाइल कतर और इराक में अमेरिकी एयरबेस पर दागे।
विदेश मंत्री ईरान का बयान 🖕
इजरायल फिलिस्तीन कुछ तथ्य - 
शमशेर भालू खां 
जिगर चुरूवी 

No comments:

Post a Comment