(मध्य एशिया) ईरान व अरब देशों में जाट
ईरान व अरब देशों में जाट की बड़ी आबादी फैली हुई है जिन्हें अलग-अलग देशों में जट , ज़ित और ज़ुत के नाम से जाना जाता है कुछ हदीसों से मालूम पड़ता है कि अल्लाह के रसूल सलललाहो अलैहे वसल्लम और सहाबा किराम के लिए जाट नाम अजनबी नहीं था
जाट अरब देशों में अलग-अलग समय पर गए और वहीं के हो कर रह गए
1- इतिहासकार अल बलाजरी के अनुसार जाट व आर्यो के बीच कई युद्ध हुए जिस में हार के बाद कुछ जाट भारत से भाग कर ईरान में आबाद हो गए थे
2- फ़ारसी कवि व शाहनामा के लेखक फिरदौसी के अनुसार ईरानी बादशाह बहराम कोर ने पांच हज़ार जाटों को हिंदुस्तान से बुला कर ईरान में आबाद किया था यह पांचवीं शताब्दी की बात है
3- ओमान ( मस्कत ) में जाट पिछले दो हजार वर्षों से जाते रहे हैं वहां की सेना में नौकरी करते रहे हैं और आज भी सबसे अधिक जाट ओमान में ही हैं
हज़रत अबू बकर सिद्दीक रज़िल्लाह अनहो की ख़िलाफत के समय कुछ कबीलों ने इस्लाम से बगावत कर अपना पुराने धर्म में वापसी कर ली थी इस बगावत में उस समय ओमान का शासक भी मुरतद हो गया था और उस ने अपने जाट सैनिकों की मदद से इस्लामी ख़िलाफत का मुकाबला किया था हज़रत उमर के जमाने में बहरीन के गवर्नर अला हजरमी की गलतियों की वजह से मुसलमानों की कुछ नावों पर ओमान के शासक ने कब्जा कर लिया था जिस कारण हज़रत उमर ने हला हजरमी को गवर्नर के पद से हटा दिया था और नए गवर्नर ने न सिर्फ ओमान बल्कि बलोचिस्तान के शहर मकरान पर भी कब्जा कर लिया था हज़रत उमर के जमाने में ही ईरान में आबाद जाटों ने हज़रत अबु मूसा अशअरी के हाथ पर इस्लाम स्वीकार लिया था
इस्लामी सेना द्वारा ईरान पर विजय प्राप्त करने के बाद ईरान में आबाद जाट पूरे अरब में फैल गए वह अरबी बोलने लगे थे पर इनकी भाषा अरबों जैसी शुद्ध नहीं थी
हज़रत अली की ख़िलाफत में जाटों को सरकारी नौकरियां भी मिलीं विशेष कर सिक्योरिटी और अर्थ विभाग में
हज्जाज बिन यूसुफ जो अरबी सभ्यता व भाषा की शुद्धता का बहुत ख्याल रखता था उसे डर था कि जाट और दूसरे ग़ैर अरब समुदाय के कारण अरबी भाषा अशुद्ध हो सकती है उस ने पूरे अरब से जाटों को इकट्ठा करके इराक़ के बसरा व वासित नगरों के बीच बतीहा क्षेत्र में आबाद कर दिया था
जाटों के इतिहास पर सबसे अच्छा काम अरबी भाषा में ही हुआ है लेकिन उन्होंने अरब ईरान व सिंध में आबाद जाटों पर फोकस ज्यादा किया है
अरब जाटों का सबसे सुनहरा दौर इमीन व मामून के जमाने में था जब इसहाक नाम के एक जाट सरदार ने बसरा शहर में अपनी हुकूमत कायम कर ली थी।
ईरान व अरब देशों में जाट
ईरान व अरब देशों में जाट की बड़ी आबादी फैली हुई है जिन्हें अलग-अलग देशों में जट , ज़ित और ज़ुत के नाम से जाना जाता है कुछ हदीसों से मालूम पड़ता है कि अल्लाह के रसूल सलललाहो अलैहे वसल्लम और सहाबा किराम के लिए जाट नाम अजनबी नहीं था
कुछ तथ्य
1.युरोपियन देशों मे रहने वाले जाटों को गेटे/गेटिक नाम यूनानियों के दिया।
2.महान फारसी राजा “साइरस द ग्रेट”को मारने वाली जाट रानी का नाम तोमरिस मस्सागेटे था।
3.जुटलैंड(जटलैंड)शहर डेनमार्क में स्थित है।
4.स्तॅपी (steppe) मैदानों में निवास करने वाले जाट कबीलों का 3500 वर्ष पूर्व भारत में आगमन हुआ।
5.विश्व की सबसे ज्यादा आबादी वाली जाट गोत्र बेनिवाल है।
6.अस्सैरियन साम्राज्य का अंतिम शक्तिशाली जाट राजा अश्शूरबेनिपाल था।
7.स्वेश्तरी का थ्रेसियन(जाट) का मकबरा.बुल्गारिया में 3 BC पुराना हैं। 8.मकदूनिया के जाटों के भाले की लम्बाई 14 से 16 फिट थी।
9.तिरस(डेनिस्टर) नदी के किनारे रहने वाले जाट/गेटेई लोगों को थ्रेसियन नाम से जाना गया।
10.जाट सम्राट कनिष्क कुषाण वंश से संबंध रखते थे।
11.मस्सगेटेई /मस्सागेटे शब्द का मूल अर्थमहान जाट है।
12.युरोपियन इतिहास में छोटे समूह के जाट कबीलों को थिस्सा-गेटे नाम से जाना गया है।
13.जाटों ने मोटे अनाज गेहुँ और जौ की खेती की शुरूआत उत्तरी इराक/ दक्षिणी पूर्वी अन्नातोलिया, उत्तरी-पश्चिमी ईरान/ तुर्की के टौरस पहाड़ क्षेत्र से की थी।
14.सिंधू घाटी व आस पास के क्षेत्र में खेती करने, व घर बनाने की शुरूआत नवपाषाण युग में जाट कबीलों द्वारा शुरू की गई।
15.जाटणी के सिर पर मिढ़ी /बोर,हाथ में चुड़ा व कमर तक लटकती चोटीं (नाग का प्रतीक) मेहरगढ़,पाकिस्तान (6000-4000BCपुरानी) मिली है।
16.काबुल में लल्ली शाही राजवंश जाट राज वंश का साम्राज्य रहा हैं।
17.अरब आक्रांताओं को काबूल में प्रवेश करने से जाटों नें 697 AD ईस्वी सन् में रोका।
18.सर्वप्रथम हेरोडोटस नें जाटों का विश्व के इतिहास में उल्लेख किया था।
19.बेबीलोनिया के झूलते उद्धान बनाने वाला जाट शासक नज्जर बेनिपाल था।
20.अमेरिका के कैलीफॉर्निया में स्थित सेैन फ्रांसिस्को शहर में प्राचीन कालिन सुमेर सम्भयता के अश्शूर बेनिपाल जाट शासक का मूर्ति लगी हुई है।
21. फ्रांस के पेरिस शहर में स्थित लुव्र सग्रंहालय में गिल गमेश प्राचीन जाट शासक की मुर्ति और उनसें जुड़ी वस्तुएं रखी हुई हैं।
22. जर्मनी में जाटों को गोथ/गोथ्स/गोथे के नाम से पुकारा जाता है।
23.जर्मनी की दिवार के (पिलर) जो किताब के आकार में थे उसमें मान जाट गौत्र से जुड़े इतिहास का जिक्र है।
24.दक्षिण पश्चिम एशिया के इजरायल में जाट नाम से गाँव आबाद हैं।
25.ईरान के गिल्लन, लुरीस्तान, चाहरमहल शहर जाट गोत्र के नाम पर आबाद है।
26.ईरान का चहल गाँव जाट गौत्र के नाम पर आबाद है।
27. गॉथलैंड (जाट लैंड) स्वीडन के एक प्रांत का नाम है।
28. महेंद्र चौधरी फिजी के प्रधानमंत्री रह चुके है।
29.पॉल थॉमस. मान (जर्मनी) ओर अब्बदुस सलाम सियोल (पाक) दों जाटों को नोबेल पुरस्कार मिले हैं।
30.विश्व विजेता सिंकदर महान को भारत में घुसने पर वापिस उसकी सीमा में खदेड़ने वाला माल्ही जाट कबीला था।
31. सम्मर अब्बास इतिहासकार नें जाटों और कुर्दों को एक माना है।
32.ईरान के पश्चिमी पठारों पर मंडा जाट राज वंश का साम्राज्य रहा।
33.”द हिस्ट्री ऑफ इंडिया पुस्तक में सर हैनरी इलियट व जॉन डाऊसन नें बल्हारा जाट कबीले के राज शासन का विवरण दिया हैं।
34.सितम्बर 2003 में आयोजित विश्व जाट कांग्रेस का आयोजन बेलग्रेड(सर्बिया) में किया गया।
35.जाट समुदाय के डीएनए के इतिहास का लेखन करने वाले इतिहासकार का नाम क्याडेविड जे. महल है।
36.पर्सी मॉल्सवर्थ साइक्स नमक ब्रिटिश अधिकारी नें मध्य एशिया के लोगों को देखकर भारतीय जाटों के उनकी तुलना की थी।
37.जाट “चक्र द ग्रेट” ब्लोचिस्तान इलाके से सम्बधित हैं।
38. जाट डीएनए इतिहासकार डेविड जे महल का अध्यापन कैलफॉर्निया युनिवर्सिटी में किया।
39.अफगानिस्तान के गजनी शहर की स्थापना मद्रकवंशी जाट राजा गज ने की।
40.ईरान के पूर्व से दियाला नदी से मेसोपोटामिया तक जाट कबीलों ने सुमेर सभ्यता का निर्माण किया।
41.मथुरा, कांतिपुर, पद्धावती(पवाया) साम्राज्यों पर नागवंश (जाट) का शासन रहा।
42.बर्लिन युनिवर्सिटी से जाट कल्चर पर कल्चर द जाट पुस्तक प्रकाशित हुई।
43. सुमेर सभ्यता के समय गुटियन/जाट राजाओं को लुगल नाम से जाना जाता था।
44.जाट रानी कोटवा बेन (बेनिवाल) का किला चीन के बिजिंग में स्थित है।
45.पाकिस्तान का भंबू शहर पर 10 AD ईंस्वी में भांबू जाटों नें शासन किया।
46.सिथियन जाटों को भारत में शक नाम से जाना जाता है।
47.सिथियन जाट वंश की यूझी शाखा को चीन में पाई जाती हैं।
48.महाराज शिव के बाद कुरू/कुरूश जाट शासक कृषि दार्शनिक था।
49.बांग्लादेश और नेपाल के लिये विश्व बैंक में निदेशक का नाम जोहान्स जुट्ट क्या है।
50 जाट गौत्र गंधार के नाम पर आबाद क्षेत्र अफगानिस्तान व पाकिस्तान की सीमा तय करता है।
51.सरदार (सुर दार) उपाधी पश्चिमी पर्शिया(अज़रबैजान, अर्मेनिया) के जाट कबीलों के शासकों ने धारण की।
52.प्राचीन काल में दूर दराज में फैले हुए जाट कबीलों को पुनः वापिस एकत्रित होने के लिये प्रयोग में लिये गये दिशा सूचक स्वास्तिक के निशान का उपयोगओल्ड गोथलैण्ड स्वीडन के जाटों द्वारा किया गया।
53 जाट सम्राट थियोडेरिक द ग्रेट नें 471 - 526 AD, इटली पर शासन किया।
54. रोमन शासक सीज़र के साम्राज्य विस्तार को रोम से बाहर फैलने से जाट/गेटेई शासक ब्यूरिस्टा ने रोका था।
55.प्राचीन जाट शासक अलारिक बेन (बेनिवाल) पश्चिमी रोम का शासक था।
56.प्राचीन जाट शासक ओडिन के भाले का नाम गुंगनेर था।
57.ईरान के पश्चिमी भाग में बाना जाट गोत्र के नाम पर स्थित एक नदी के तट पर बाना जाट गोत्र के किले का साक्ष्य मिले हैं।
58.डेसेबालस जाट शासक प्राचीन रोमानिया का शासक था।
59.अफागानिस्तान का हाजरा/हजारिस्तान प्रांत जाट गोत्र के नाम पर आबाद है।
60.ईरानी सम्राट शापूर द्वितीय की रोम के विरुद्ध युद्ध में ग्रुम्बेट्स मस्सगेटे (महान जाट) सम्राट ने सहायता की।
61.स्कैंडिनेविया के एदा धर्म ग्रंथ में वहाँ के प्राचीन निवासियों को जट्ट/Jattah नाम से संबोधित किया है।
62. 5वीं और 6ठी शताब्दी में इंग्लैंड पर आक्रमण करने वाले लोगों ने खुद को जूट्स नाम से पुकारा।
63. किलात (ब्लोचिस्तान) के जोहल जाट कबीले ने (786 - 809) ईस्वी में खलीफा ए मेहदी के शासन काल में गुलाम दर्रे पर उसकी सेना से युद्ध किया।
64.सम्राट कनिष्क के अधीन कस्वांन/कुषाण (कसवां जाट कुशान हैं) वंशी जाटों ने चीन के कशगर शहर पर अपना साम्राज्य स्थापित किया।
65.हेरोडोटस ने मत व्यक्त किया कि प्लेटो, अरस्तु, पाइथागोरस से पहले प्राचीन दार्शनिक जाल्मोक्सिस जाट ने दर्शन शास्त्र का ज्ञान प्राप्त किया।
66.थुसाईंडाईड्स जाट को इतिहासकार वैज्ञानिक इतिहास के जनक का रूप में पहचाना जाता है।
67.थुसाईंडाईड्स जाट थ्रेसियन कबीले से इतिहासकार ने पुर्वंजों के अतीत पर लिखा की जाट कबीलें के लोग नयी वस्तू/फसल प्राप्त होने पर पुर्वंजों/देवों को उपहार/धोक चढ़ाते थे। आज भी जाट कुलदेव/दादाखेड़ा/जाटमाता (जोगमाया) को भरण/धोक देते हैं!
68.कोटिस जाट शासक नें बाह्री नदी के किनारे ओडिस्टियन राज्य पर साम्राज्य स्थापित किया।
69.प्राचीन समय में मिश्र के अलेक्जेंड्रिया साम्राज्य पर असियाग/सियाग कबीले ने शासन किया था।
70.सिंध पर कोलहारा कबीले के आखिरी जाट राजवंश ने राज्य किया।
71.भारतीय जाट शासकों में से महाराज किशन सिंह नें खुद को सिथियन वंशी जाट राजा बताया।
72. कस्वाँ/कस्वान कुषाण जाट वंश से हैं।
73.
जाट गोत्रों की सूची