Sunday, 18 August 2024

कोलकाता मेडिकल कॉलेज रेप कांड

                   जोधपुर राजस्थान
                      अजमेर राजस्थान
                  चूरु राजस्थान
          दैनिक भास्कर की रिपोर्ट
          विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स 
 X पर विनेश फोगाट की पोस्ट 20.08.24
जोधपुर
गोबिंद सिंह डोटासरा का ट्वीट हनुमानगढ़ रेप कांड पर
           पश्चिमी बंगाल से खबर
6 दिसंबर 2024 कलकत्ता में 7 माह की बालिका से रेप की क्रूर घटना घटित हुई।

32 साल बाद 6 आरोपियों को POCSO अधिनियम कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई और 5 लाख का जुर्माना भी लगाया है। 1992 में अजमेर में स्कूल, कॉलेज की छात्राओं को ब्लैकमेल कर उसका रेप किया गया था। रेप के बाद तस्वीरें वायरल करने की धमकी भी दी गयी थी। इस रेप कांड ने पूरे भारत को हिलाकर रख दिया था, इसके आरोपियों के तार अजमेर के मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह से भी जुड़े थे।

आज के हालत देख कर एक पिता बेटी को लेकर डरा सहमा रहता है। भारत में रोज निर्भया कांड होते है। भारत सरकार ने इस प्रकार के जघन्य कांडों को रोकने हेतु कड़े कानून भी बनाए पर घटनाएं रुकने की बजाय दिन ब दिन बढ़ती जा रही हैं।
अधिकांश रेप कांड शराब के नशे में धुत हो कर अंजाम दिए जाते हैं।  सिर्फ भारत में ही नहीं सम्पूर्ण विश्व में स्त्री पुरुष की अमानवीयता की शिकार होती रही है। यौन हिंसा किसी एक देश की की समस्या नहीं है पूरी दुनिया की महिलाएं इस समस्या से जूझ रही हैं। अमेरिका, कनाडा, स्वीडन और ब्रिटेन जैसे विकसित देशों में बलात्कार की सबसे ज्‍यादा ( प्रतिदिन 1400 से अधिक) महिलाओं से बलात्कार होता है। दुनिया भर में करीब 36 फीसदी महिलाएं शारीरिक या यौन हिंसा की शिकार हुई हैं।
भारत में तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में एक डॉक्‍टर की गैंगरेप के बाद हत्‍या कर दी। इसके बाद आरोपी उनके शव को ट्रक में डालकर घूमते रहे और सुनसान जगह देखकर शव को आग के हवाले कर दिया। झारखंड की राजधानी रांची में एक छात्रा को अगवा कर आरोपियों ने पहले कॉल कर अपने 10 दोस्‍तों को बुलाया फिर उसका बारी-बारी से गैंगरेप किया। इसके बाद छात्रा को वहीं छोड़ गए जहां से किडनैप किया था।
काशी हिंदू विश्वविद्यालय में छात्रा के साथ हुए गैंगरेप ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. पूरे मामले में 3 आरोपियों के नाम सामने आए थे. जिन्हें 2 महीने बाद गिरफ्तार किया गया। पालघर में शिक्षक अमित दुबे ट्यूशन के बहाने बुलाकर छात्रा से बलात्कार करता रहा।
 इन इन सभी घटनाओं से स्‍पष्‍ट है कि आरोपियों को कानून का कोई डर नहीं है और महिला सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। बलात्कार भारत में महिलाओं के विरुद्ध सबसे अधिक जघन्य अपराध है। NCRC (राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो) के अनुसार 2021 की वार्षिक रिपोर्ट में देश में 31677 बलात्कार के मामले दर्ज किए गए जो औसतन 86  प्रतिदिन हैं। वर्ष 2020 में यह आंकड़ा 28046 था। और वर्ष 2019 में  32033 मामले दर्ज किए गए। यह तो मामले दर्ज किए जाने की स्थिति है, शेष की हम कल्पना भी नहीं कर सकते।
चार दिन पहले कोलकाता में लेडी रेजिडेंट डॉक्टर से और उसके दो दिन बाद राजस्थान के जोधपुर में केवल तीन साल की अबोध बालिका से बलात्कार हुआ जिसे दैनिक भास्कर ने कवर पेज पर छापा है। भारत सरकार में मंत्री कुलदीप सेंगर और ना जाने कितने नेता इस विभत्स और घिनौने काम में लिप्त हैं। कर्नाटक के नेता पूर्व प्रधानमंत्री HD देवगौड़ा के पौते पर हजारों रेप और अश्लील CD बनाने का आरोप लगा है जो सासंद चुनाव हार गए। नेतागण विधानसभा  में पोर्न फिल्म देखते हुए पकड़े जा चुके हैं।
बलात्कार के जघन्य अपराध में किसी बड़े आदमी का हाथ अवश्य होता है। सरकार द्वारा बलात्कारियों को राजकीय सम्मान के साथ रिहा करने की घटनाएं समाजिक और नैतिक पतन की ओर इशारा कर रहीं हैं।
पीलीभीत उत्तर प्रदेश लड़की पर तेजाब फेंकने का आरोपी, फोटो News 18
बनारस हिंदू विश्विद्यालय में बलात्कार के आरोपी को दो माह बाद पकड़े गए। फोटो आज तक
गुजरात सरकार द्वारा केस वापस लेने पर गुजरात गैंग रैप के आरोपियों को माला पहना कर मिठाई बांट कर स्वागत किया गया। फोटो जनसत्ता 

पश्चिम बंगाल में बलात्कार की घटनाएं - 
पश्चिम बंगाल में गत वर्षों में बलात्कार की कई घटनाएं हुईं जिन में से निम्न घटनाएं सुर्खियों में रहीं - 
1. पार्क स्ट्रीट बलात्कार मामला (2012)
फरवरी, 2012 में कोलकाता के पार्क स्ट्रीट में एक नाइट क्लब से निकलने के बाद एक महिला के साथ चलती कार में सामूहिक बलात्कार किया गया।
2. कामदुनी सामूहिक बलात्कार और हत्या (2013)
जून 2013 कोलकाता के पास कामदुनी गांव में एक कॉलेज छात्रा का सामूहिक बलात्कार कर हत्या कर दी गई जब वह परीक्षा देकर घर लौट रही थी।
3. मध्यमग्राम बलात्कार मामला (2013)
अक्टूबर 2013 पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के मध्यमग्राम में दो दिनों में एक 16 वर्षीय लड़की के साथ दो बार सामूहिक बलात्कार किया गया। शिकायत दर्ज करने पर पीड़िता और उसके परिवार को धमकाया गया और बाद में उसे संसय जनक स्थिति में मृत पाया गया।
4. जादवपुर विश्वविद्यालय छेड़छाड़ मामला (2014)
सितंबर 2014 में जादवपुर विश्वविद्यालय परिसर में एक छात्रा के साथ छेड़छाड़ की गई।
5. गंगनापुर बलात्कार और हत्या मामला (2015)
फरवरी 2015 में पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के गंगनापुर में एक किशोरी के साथ बलात्कार कर हत्या कर दी गई।
6. बामनघाटा बलात्कार मामला (2017)
जुलाई 2017 पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के बामनघाटा में महिला के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया।
7. संदेशखाली बलात्कार मामला (2020)
8. हंसखाली बलात्कार और हत्या मामला (2022)
9. डायमंड हार्बर गैंग रेप केस (2023)
10. RG कर मेडिकल कॉलेज रेप व हत्या (2024)
कोलकाता के आरजी मेडकिल कॉलेज एंड हॉस्पीटल में लेडी ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और उसके बाद हत्या के मामले से पूरा देश स्तब्ध है।

एक और निर्भया - कोलकाता (पश्चिम बंगाल)
             विभिन्न स्थानों पर विरोध प्रदर्शन
जनाक्रोश -
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में रेजिडेंट डॉक्टर की रेप के बाद हत्या का मामला पूरे देश में तूल पकड़ता जा रहा है। पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने इस जघन्य वारदात को अंजाम देने वालों को फांसी की मांग करते हुए  सभी जिलों में धरना दिया। इस मामले का पर्दाफाश करने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सीबीआई को रविवार तक का समय दिया था। 18 अगस्त रविवार शाम 4 बजे कोलकाता में टीवी और फिल्म कलाकार लोगों के विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगे। भीड़ ने इस अस्पताल में घुसकर जमकर तोड़फोड़ की।
कलकत्ता पुलिस अपना काम ठीक तरह से नहीं कर रही है, इसीलिए ऐसी स्थिति बनी है। कॉलेज में गुंडागर्दी हुई। मुख्यमंत्री ही पुलिस मंत्री है, उन्हें धरने नहीं एक्शन करना चाहिए। (Abp news पर वक्तव्य)
सीवी आनंद बोस, राज्यपाल प. बंगाल

IMA (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) का विरोध प्रदर्शन - 
चिकित्सा स्टाफ द्वारा देश भर में प्रदर्शन, फोटो दैनिक भास्कर
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने 17 अगस्त को देश भर में गैर-आपातकालीन और ओपीडी सेवाओं को 24 घंटे के लिए बंद करने का आह्वान किया है। संगठन पीड़िता को न्याय और स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा हेतु केंद्रीय कानून की भी मांग कर रहा है। IMA प्रमुख डाक्टर R.V. अशोकन ने स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा हेतु केंद्रीय कानून पर विचार-विमर्श के लिए पैनल बनाने के स्वास्थ्य मंत्रालय के फैसले को नाकाफी और बहुत देर से लिया गया फैसला बताया। केंद्र सरकार निर्देशित किया है कि ड्यूटी पर तैनात किसी स्वास्थ्यकर्मी के खिलाफ हिंसा की घटना होने पर स्वास्थ्य संस्थानों के प्रमुख को छह घंटे के भीतर एफआईआर दर्ज करानी होगी। 

केंद्र सरकार ने की डॉक्टर्स को हड़ताल समाप्त करने की अपील - 
17.08.2024 शनिवार को इंडियन मेडिकल ऐसोसिएशन के 24 घंटे की हड़ताल के आह्वान पर देश क सभी डॉक्टर (OPD ड्यूटी) (एमरजेंसी के अलावा) हड़ताल पर रहे। जिसके कारण मरीजों को परेशानी हुई। केंद सरकार (स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय) ने डेंगू और मलेरिया के बढ़ते मामलों को ध्यान में रखते हुए ने आंदोलनकारी डॉक्‍टरों से जनहित में काम पर लौटने का डॉक्‍टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी उपाय सुझाने के लिए एक समिति गठित करने का आश्‍वासन के बाद अनुरोध किया मगर IMA ने सरकार की अपील स्‍टेट लॉ के स्थान पर केन्द्रीय कानून और काम करने हेतु सुरक्षित वातावरण  की मांग पूरी तक खारिज कर दिया।

पश्चिम बंगाल में धारा 163 (पूर्व 144) लागू - 
पुलिस की निगरानी चप्पे चप्पे पर, फोटो भास्कर 

                      पीड़िता की मां 
पश्चिम बंगाल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ दरिंदगी मामले में विरोध प्रदर्शनों के बीच कोलकाता पुलिस ने प्रदर्शनों पर रोक लगाई। ट्रेनी डॉक्टर से बलात्कार और हत्या के विरोध में प्रदर्शन रोकने हेतु कोलकाता पुलिस ने सात दिन हेतु (18 से 24 अगस्त 2024 तक) भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163  लागू कर  RG कर मेडिकल कॉलेज के आसपास धरने, प्रदर्शनों पर रोक लगा दी है। पुलिस कमिश्नर विनीत कुमार गोयल ने (PTI के अनुसार प्राप्त सूत्रों की रिपोर्ट)  को दिए वक्तव्य के अनुसार 17 अगस्त 2024 शनिवार को जारी आदेश में कहा गया कि - 
कोलकाता शहर और 24 परगना जिले के कोलकाता पुलिस क्षेत्र में रैलियां, बैठकें, जुलूस, धरना, प्रदर्शन और पांच या अधिक व्यक्तियों की गैरकानूनी सभा निषिद्ध रहेगी। BNS (भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023) की धारा 163 की उप-धारा (1) द्वारा प्रदत्त शक्ति का प्रयोग करते हुए 18.08.2024 से 24.08.2024 तक सात (7) दिन या अगली सूचना तक पांच या अधिक व्यक्तियों की कोई भी गैरकानूनी सभा,  लाठियां, कोई घातक या अन्य खतरनाक हथियार लेकर घूमने पर रोक है। यह प्रतिबंध विश्वसनीय स्रोतों से प्राप्त इनपुट और जानकारी मिलने के कारण लगाया गया है। पुलिस के पास इनपुट है कि एक वर्ग के प्रायोजित हिंसक प्रदर्शनों, रैलियों और बैठकों के जरिए शांति भंग हो सकती है। मेडिकल कॉलेज में 14 अगस्त की देर रात को कुछ उपद्रवी घुस गए और जमकर तोड़फोड़ की जिसके बाद यह कदम उठाया गया। पुलिस ने कॉलेज में तोड़फोड़ और हंगामे के आरोप में 2 और लोगों सहित कुल 32 लोगों को गिरफ्तार किया।

गृह मंत्रालय ने राज्यों को जारी किए निर्देश - 
कानून-व्यवस्था की स्थिति पर नजर रखने हेतु केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस संबंध में डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ और अन्य लोगों के विरोध-प्रदर्शनों के मद्देनजर सभी राज्यों की पुलिस को हर दो घंटे में हालात की रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। 

सुप्रीम कोर्ट ने लिया स्वत संज्ञान - 
सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल बलात्कार और हत्या के मामले में स्वत: संज्ञान लिया है। कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड की गई 20 अगस्त की वाद सूची के अनुसार CJI डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ मंगलवार को इस मामले पर सुनवाई करेगी।

क्या है मामला - 
                     पीड़िता का शव
कलकाता के सरकारी RG कर अस्पताल के सेमिनार हॉल में शुक्रवार सुबह पोस्ट-ग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर की लाश मिली थी, जिस पर बेहरमी से जुल्म ढाने के निशान थे। पुलिस ने इस मामले में मुख्य आरोपी रॉय को शनिवार को पुलिस थाने की बैरिक से गिरफ्तार किया और BNS (भारतीय न्याय संहिता) की धारा 64 (रेप) और 103 (हत्या) के तहत मामला दर्ज किया।
रॉय RG कर अस्पताल में पुलिस चौकी पर तैनात था और उसका अस्पताल के सभी विभागों में आना-जाना था. वारदात वाले दिन के सीसीटीवी फुटेज में वह तड़के 3 बजे अस्पताल के अंदर घुसता दिखा था और फिर काफी देर बाद बाहर निकला. पुलिस ने उसका मोबाइल फोन जब्त कर लिया है और मंगलवार को उससे डेटा निकालने वाली है। वहीं इस मामले में अब अस्पताल के दूसरे डॉक्टरों के साथ-साथ 5 पुलिसवालों से भी पूछताछ करके बयान दर्ज किया है।
कोलकाता के RG कर मेडिकल कॉलेज कोलकाता के अस्पताल में 9 अगस्त की रात को ट्रेनी रेजिडेंट डॉक्टर जो चेस्ट डिपार्टमेंट में MD सेकेंड ईयर की स्टूडेंट थी की रेप के बाद हत्या कर दी गई। रात को 12 बजे दोस्तों संग डिनर के बाद वह सेमिनार हॉल में आराम करने आई उस समय वह इस दर्दनाक घटना की शिकार हुई। इस घटना का आरोपी संजय राय रात को 11:00 बजे हॉस्पिटल आया। CVTV फुटेज के हिसाब से वो अस्पताल पहुंचने के बाद करीब 30 मिनट अस्पताल में ही रुका,  इसके बाद दोबारा रात के 3:45 से 3:50 के बीच सेमिनार रूम में जाता है और 35 मिनट बाद बाहर निकलता है। जानकारी के अनुसार पीड़िता ने रात 12 बजे ऑनलाइन खाना आर्डर किया था। कोलकाता पुलिस ने खाना डिलीवरी  करने वाले लड़के के बयान दर्ज किए है।पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार पीड़िता की मृत्यु खाना खाने के 4 घंटे बाद हुई थी। शुरूआत में कोलकात्ता पुलिस ने घटना को आत्महत्या का केस माना जो बाद में जांच करने पर हत्या का मामला निकला। इस कारण से पुलिस की भूमिका संदिग्ध मानी गई।

जांच CBI को सुपुर्द की - 
कलकत्ता हाईकोर्ट ने हाल ही में मामले की जांच कोलकाता पुलिस से केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को ट्रांसफर किया। इस रेप और मर्डर मामले में CBI की टीम शनिवार को अपराध स्थल की डिजिटल मैपिंग के लिए RG कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल पहुंची और CCTV फुटेज खंगाले। सीबीआई ने मृतका के उन चार साथी डॉक्टरों के बयान दर्ज कर जांच आगे बढ़ाई।
CBI ने आरोपी संजय राय का साइकोलॉजीकल टेस्ट शुरू किया, पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष से तीसरे दिन पूछताछ जारी रही और कोलकाता पुलिस की विशेष अपराध शाखा के अफसरों के साथ सीबीआई अधिकारियों ने पूर्व प्रिंसिपल की भूमिका को लेकर बैठक की। टीम लेजर स्कैनर से जांच करने हेतु घटनास्थल पर पहुंची।  मौके पर सबूत, फोरेंसिक नमूने लिए गए। पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के बयानो में विसंगति और भ्रम पाया गया, जिस से प्रतीत होता है कि पूर्व प्रिंसिपल इस मामले में आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। जांच की प्रकृति और आगामी कार्यवाही हेतु कार्ययोजना बाबत देर रात तक बैठक चलती रही। CBI इसे लेकर सचेत है और हर एंगल से इसकी जांच कर रही है। CFSL टीम उसके दिमाग में झांकेगी और वारदात से जुड़ी सारी कड़ियां जोड़ेगी। CBI संदीप घोष से तीसरी बार कार्यालय में बुलाकर पूछताछ कर रही है। CBI अस्पताल प्रशासन के आचरण को शक की नजर से देख रही है। CBI इस बात का जवाब तलाश रही है कि अस्पताल प्रशासन द्वारा इस विभत्स घटना के बाद 
1. परिजनों को आत्महत्या करने की झूठी सूचना क्यों दी गई?
2. तुरंत पुलिस को क्यों नहीं बुलाया गया ? (कोलकाता पुलिस को पहली कॉल सुबह 10:10 बजे किया गया)
3. इस दौरान 3 घंटे तक परिजनों को पीड़िता से मिलने क्यों नहीं दिया गया?
4. लाश मिलने के बाद अस्पताल प्रशासन 40 मिनिट तक क्या करता रहा?
इस मामले में जांच एजेंसी ने पड़ताल के दौरान करीब 30 लोगों की पहचान की है, जिनके खिलाफ और उन लोगों से जुड़े अन्य कनेक्शन को खंगाला जा रहा है। इस दौरान जांच एजेंसी के अधिकारियों ने मृतिका के माता - पिता से मिलकर कई सवालों की सूची तैयार की है, जिससे इस मामले की और बेहतर तरीके से जांच की जा सके।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में क्या - 
        R G कर अस्पताल का मुख्य दरवाजा 
इस केस में पीड़िता की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार आरोपी संजय रॉय ने रेप के बाद पीड़िता का गला घोंटकर हत्या की पीड़िता के शरीर पर कई जगहों पर चोट के गंभीर निशान मिले हैं। पीड़िता के शरीर में 151 MG सीमन मिला है जो कई सवाल खड़े कर रहा है।
दोनों आंखे घायल, मुंह से रिसता खून, कटे होठ, पूरा चेहरा लहूलुहान, टूटी गर्दन, दोनों हाथों की उंगलियों के नाखून और  प्राइवेट पार्ट से बहता खून, उसके पहने चश्मे के कांच आंखों में घुसे होने से आंखों से निकलता खून वीभत्सता की दर्दनाक कहानी बयान करता है। प्राइवेट पार्ट से 151 MG सीमन सिर्फ एक व्यक्ति का नहीं हो सकता। शरीर के निशान भी क्रूरता में एक से ज्यादा लोगों के शामिल होने की शंका पैदा होती है।कर रहे हैं। पीड़िता से कई बार रीपेनिस के सबूत मिले है जिस से कई बार या कइयों द्वारा रेप किया गया।

आरोपी संजय रॉय - 
                    आरोपी संजय रॉय 

आरोपी संजय रॉय सिविक वॉलंटियर (नागरिक पुलिस) में कार्य करता था ने आरोपी संजय ने ऐसा क्यों किया ? क्या उसकी डॉक्टर से कोई रंकिश थी या कोई प्रसंग ? अभी अनुत्तरित सवाल हैं। इस दरिंदे ने वहशीपन की हदें पार कर दीं। उसने अपनी मां - बहन तक को नहीं छोड़ा। आरोपी की सास ने कालीघाट थाने में पत्नी से मारपीट का मुकदमा दर्ज करवा रखा है। आरोपी की ऐसी काली करतूतें सामने आई हैं कि हर कोई सहम जाए। उसने चार विवाह किए जिनमें से तीन उस से दुःखी हो कर छोड़ कर चली गईं और एक का कैंसर से निधन हो गया। अत्याचार की प्रकाष्ठा तो यह थी कि उसने अपनी मां और बहन तक को नहीं बख्शा। संजय ने सभी आरोप स्वीकार कर लिए हैं। आरोपी को अश्लील फिल्में देखने की लत थी और वह महिलाओं के अधिक निकट रहता था। 

उसके मोबाइल फोन पर पोर्नोग्राफी की सामग्री काफी परेशान करने वाली और हिंसक थी। हम उसके दिमाग की स्थिति के बारे में सोच रहे हैं, क्योंकि इस तरह की चीजें देखना काफी अस्वाभाविक है।
- कोलकाता पुलिस प. बंगाल

आरोपी गिरफ्तारी के समय अकड़ रहा था, पूछताछ के दौरान उसने पुलिस से कहा मुझे फांसी दे दीजिए।
- कोलकाता पुलिस प. बंगाल

सेमिनार हाल में अकेली बैठी डॉक्टर का मैंने पहले रेप किया, फिर उसका गला घोंट कर तब तक दबाये रखा जब तक कि वह मर ना गई।
- पुलिस को संजय रॉय का बयान

जाने माने अखबार दैनिक भास्कर ने कुछ प्रश्न और उनके उत्तर प्रकाशित किए हैं - 
प्रश्न-1.  क्या शुरुआत में पीड़िता के पिता को सुसाइड की बात कही गई ?
उत्तर - 9 अगस्त की सुबह ट्रेनी डॉक्टर का शव मिलने के बाद प्रशासन पर आरोप हैं कि उसने पीड़ित परिवार से झूठ बोला था। कम से कम 3 मीडिया रिपोर्ट्स में ट्रेनी डॉक्टर के पिता के हवाले से लिखा गया कि हॉस्पिटल के असिस्टेंट सुपरिनटैंडैंट ने सबसे पहले फोन करके कहा कि आपकी बेटी ने सुसाइड किया है। अस्पताल पहुंचने के बाद असलियत का पता चला।
वकील और महिला अधिकार कार्यकर्ता वृंदा ग्रोवर के मुताबिक पीड़िता के माता-पिता को शुरू में अस्पताल अधिकारियों ने बताया था कि उनकी बेटी ने आत्महत्या कर ली है, लेकिन पोस्टमार्टम से पुष्टि हुई कि पीड़िता के साथ बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई।
सोशल मीडिया पर सवाल उठ रहे हैं कि घटना का पता चलते ही इसे दबाने की कोशिश शुरू हो गई थी। पुलिस ने 14 अगस्त को सफाई देते हुए कहा कि महिला डॉक्टर के पिता ने कंफर्म किया है कि कोलकाता पुलिस के अधिकारियों ने उन्हें सुसाइड करने की जानकारी नहीं दी।
प्रश्न -2:- क्या कोलकाता पुलिस ने पहली FIR में लीपा - पोती करने की कोशिश की ?
उत्तर - घटना के बाद कोलकाता पुलिस ने जांच-पड़ताल किए बिना 9 अगस्त की सुबह एक अप्राकृतिक मौत का केस रजिस्टर्ड किया। बाद में महिला डॉक्टर के पिता और मां की शिकायत के बाद इस मामले में रेप और मर्डर का केस दर्ज किया गया।
प्रश्न - 3. गिरफ्तार आरोपी का पुलिस से क्या कनेक्शन है?
उत्तर - कुछ बातें कोलकाता पुलिस से आरोपी के मजबूत कनेक्शन की ओर इशारा कर रही है।
33 साल के संजय रॉय ने 2019 में सिविक वॉलंटियर के रूप में कोलकाता पुलिस जॉइन की। सिविक वॉलंटियर के तौर पर उसे हर महीने 12 हजार रुपए मिलते थे। आरोपी कोलकाता पुलिस लिखी टीशर्ट और टोपी पहनकर घूमता था। उसने बाइक पर भी कोलकाता पुलिस का स्टिकर लगा रखा है। वह कोलकाता पुलिस की चौथी बटालियन के बैरक में रहता था जहां से उसे गिरफतार किया गया। कुछ समय से वह आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में पुलिस चौकी पर तैनात था।
प्रश्न - 4. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ऐसा क्या-क्या सामने आया कि कोलकाता पुलिस पर सवाल और गहरे हो गए?
उत्तर - कोलकाता पुलिस की थ्योरी के मुताबिक इस घटना को सिर्फ संजय रॉय ने अंजाम दिया है। पुलिस की पूरी जांच इसी थ्योरी के इर्द-गिर्द है। हालांकि,12 अगस्त को आई पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद कई गंभीर सवाल खड़े हुए। चार पेज की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक पीड़िता के प्राइवेट पार्ट्स पर गहरा घाव पाया गया। चीख दबाने के लिए उनकी नाक, मुंह और गले को लगातार दबाया। गला घोंटने से थायराइड कार्टिलेज टूट गया। पीड़िता के सर को दीवार से सटा दिया गया था, जिससे वह चिल्ला न सके। पेट, होंठ, उंगलियों और बाएं पैर पर चोटें पाई गईं। फिर उन पर इतनी जोर से हमला किया कि चश्मा टूट गया और शीशे के टुकड़े उनकी आंखों में घुस गए। ऑल इंडिया गवर्नमेंट डॉक्टर एसोसिएशन के एडिशनल सेक्रेटरी डॉ. सुवर्ण गोस्वामी का कहना है कि पीड़िता के वजाइना से 151 mg सीमन मिला है, जो सिर्फ एक शख्स का नहीं हो सकता। जिसे पश्चिम बंगाल पुलिस ने खारिज किया है।
आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की पूर्व छात्रा डॉ. सुवर्णा गोस्वामी ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कई बार पैनिट्रेशन के संकेत मिले हैं। हो सकता है उसके साथ एक से अधिक बार बलात्कार किया गया है।
जिस क्रूरता से महिला डॉक्टर को मारा गया है वो कोई एक इंसान नहीं कर सकता है। पुलिस 5 दिन बाद भी सिर्फ एक आरोपी को गिरफ्तार कर सकी है। पुलिस ने बाकी लोगों के बारे में अभी तक पता भी करने की कोशिश नहीं की है। इन्हीं वजहों से कोलकाता पुलिस पर सवाल और ज्यादा गहरे हो गए।
प्रश्न - 5. क्या CBI को केस सौंपने के बाद भी सबूतों से छेड़छाड़ हो रही है ?
उत्तर - पश्चिम बंगाल डॉक्टर्स फोरम ने मंगलवार को CBI को एक पत्र सौंपकर दावा किया कि कोलकाता के एक अस्पताल में जिस स्थान पर महिला डॉक्टर का शव मिला था, उसके पास निर्माण कार्य जैसे सफाई, पुताई आदि कराकर सबूतों से छेड़छाड़ करने का प्रयास किया जा रहा है। इस मामले में जांच कर रहे पुलिस अधिकारियों ने भी निर्माण को रोकने की कोशिश नहीं की।
प्रश्न - 6. कोलकाता प्रशासन की प्रिंसिपल पर कार्रवाई भी सवालों के घेरे में क्यों है ?
उत्तर - 9 अगस्त की सुबह आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सेमिनार हॉल से जूनियर महिला डॉक्टर का शव मिला। तीन दिन बीतने के बावजूद पश्चिम बंगाल सरकार ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष पर कोई कार्रवाई नहीं की। विरोध बढ़ने पर 12 अगस्त को डॉ. संदीप घोष ने इस पूरे घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के प्रिंसिपल पद से इस्तीफा दे दिया। प्रदर्शनकारी डॉक्टरों की मांगों में से एक मांग संदीप घोष को हटाना भी था। संदीप घोष के इस्तीफा देने के कुछ ही घंटों के बाद ही कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में उन्हें प्रिंसिपल बना दिया। इसके पीछे सरकार ने तर्क दिया कि वो एक काबिल और सक्षम अधिकारी हैं। इसके बाद प्रदर्शनकारी और ज्यादा उग्र होकर विरोध करने लगे।
प्रश्न -7. कोलकाता में डॉक्टर के साथ रेप और मर्डर मामले में अब तक क्या-क्या हुआ ?
उत्तर - कोलकता रेप और मर्डर केस से जुड़े अब तक के अपडेट्स पाइंट में समझें…....
1. 9 अगस्त की सुबह आरजी कर हॉस्पिटल की इमरजेंसी बिल्डिंग के सेमिनार हॉल में 31 साल की ट्रेनी डॉक्टर का शव मिला था। वह नाइट ड्यूटी पर थीं। 
2. डॉक्टर के प्राइवेट पार्ट, आंखों और मुंह से खून बह रहा था। उसकी गर्दन की हड्डी भी टूटी हुई पाई गई थी।
डॉक्टर की बॉडी के पास एक ब्लूटूथ इयरफोन मिला था। 
3. CCTV कैमरे में संजय शुक्रवार सुबह करीब 4 बजे इमरजेंसी बिल्डिंग में घुसते हुए दिखा था। तब उसके गले में वही इयरफोन था। हालांकि, सुबह करीब 6 बजे जब वह बिल्डिंग से बाहर निकला तो उसके गले में इयरफोन नहीं था। शक के आधार पर उसे 9 अगस्त को गिरफ्तार किया।
4. पुलिस ने बताया कि रेप-मर्डर को अंजाम देने के बाद वह पुलिस बैरक में जाकर सो गया था, जहां वह रहता था। उठने के बाद उसने अपने कपड़े साफ किए। संजय ने पूछताछ शुरू होते ही अपना गुनाह कबूल कर लिया। उसे कोई पछतावा नहीं था। उसने बेफिक्री से कहा कि चाहो तो मुझे फांसी दे दो।
5. घटना की जानकारी मिलते ही परिवार के लोग अस्पताल पहुंचे। महिला डॉक्टर के माता-पिता ने अस्पताल प्रशासन से उनकी बेटी का चेहरा दिखाने की गुहार लगाई, लेकिन फिर भी उन्हें 3 घंटे तक इंतजार करना पड़ा। आखिर में सिर्फ पिता को अंदर जाने की इजाजत मिली। उन्हें केवल एक तस्वीर क्लिक करने की अनुमति दी गई, जिसे उन्होंने बाहर आकर परिवार के बाकी लोगों को दिखाया। उसके शरीर पर कोई कपड़ा नहीं था। उसके दोनों पैर 90 डिग्री अलग थे।
6. 12 अगस्त को पुलिस ने ट्रेनी डॉक्टर के परिवार को पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सौंपी, जिसमें बताया गया कि रेप और मारपीट के बाद आरोपी ने डॉक्टर की गला और मुंह दबाकर हत्या कर दी। घटना शुक्रवार सुबह 3 से 5 बजे के बीच होने का अनुमान है। 
7. अस्पताल के प्रिंसिपल डॉक्टर संदीप घोष ने अपनी नैतिक जिम्मेदारी स्वीकार कर अपने पद से इस्तीफा दिया।
8. 13 अगस्त को कलकत्ता हाईकोर्ट ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर से रेप-मर्डर केस की जांच CBI को सौंप दी। राज्य सरकार ने  14 अगस्त सुबह 10 बजे तक CBI को केस डायरी और दूसरे रिकॉर्ड ट्रांसफर किए। 
9. राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम ने घटनास्थल का दौरा किया।
10. 13 अगस्त को ही कोलकाता रेप-मर्डर मामले में फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) ने स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से मुलाकात की। उन्होंने आरजी कर हॉस्पिटल के सभी अधिकारियों के इस्तीफे की मांग की थी। बातचीत के बाद डॉक्टरों की हड़ताल मंगलवार को खत्म हो गई।
11. 14 अगस्त को ऑल इंडिया गवर्नमेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के एडिशनल सेक्रेटरी डॉ. सुवर्ण गोस्वामी ने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के हवाले से कहा कि ये रेप नहीं, गैंगरेप हो सकता है। उन्होंने बताया कि ट्रेनी डॉक्टर के प्राइवेट पार्ट से 151 mg सीमन मिला है। इतनी ज्यादा मात्रा किसी एक शख्स की नहीं हो सकती है।
12. 14 अगस्त की रात घटना के 5 दिन बाद आंदोलन कर रहे प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए। उन्होंने के केजी आर अस्पताल में घुसकर तोड़फोड़ की।
13. 15 अगस्त को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने गुरुवार को अज्ञात बदमाशों द्वारा की गई तोड़फोड़ के बाद स्थिति का जायजा लेने के लिए आर.जी. कार मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल का दौरा किया।
(14. बाद में सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर स्वत संज्ञान ले कर 20 अगस्त से CJI चंद्र चूड़ सिंह की पीठ में सुनवाई का वाद दर्ज किया।)
प्रश्न - 8. इस मामले को सुलझाने में CBI के सामने क्या-क्या चुनौतियां हैं ?
उत्तर - CBI के सामने इस केस जुड़ी ये 3 चुनौतियां हैं...
1. घटना में शामिल लोग कितने और कौन थे: घटना की रात अस्पताल में 5 लोगों की ड्यूटी थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर डॉक्टर भी घटना में एक से ज्यादा लोगों के शामिल होने का दावा कर रहे हैं। ऐसे में CBI की पहली चुनौती यही पता करना होगा कि घटना में कितने और कौन लोग शामिल थे।
2. सबूत जुटाना: हड़ताल कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि घटनास्थल को सील नहीं किया गया। सेमिनार हॉल को खुला छोड़ दिया गया। वहां CCTV भी नहीं है। ऐसे में CBI के लिए मौके से सबूत जुटाना आसान नहीं होगा।
3. स्थानीय पुलिस अधिकारियों से कोऑर्डिनेशन: CBI तब तक इस मामले में अच्छे से जांच नहीं कर सकती हैं, जब तक की उसे स्थानीय पुलिस और प्रशासन का सपोर्ट नहीं मिले। ममता सरकार ने नहीं, बल्कि हाईकोर्ट ने ये केस CBI को सौंपी है। ऐसे में स्थानीय पुलिस से सपोर्ट मिलने के बाद ही CBI पूछताछ और जांच न्यूट्रल तरीके से कर सकेगी।
(यह प्रश्नोत्तर दैनिक भास्कर द्वारा प्रकाशित किए गए)

पीड़िता के शव के पास मिली डायरी का राज -  
पीड़िता के शव के पास मिली डायरी के कई पन्ने फटे हुए थे जो कई शंकाओं को जन्म दे रहे हैं। क्या उस डायरी को जान बूझकर फाड़ा गया ? जिसे लेकर तफ्तीश जारी है। आमतौर पर ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर्स के पास डायरी होती है, जिस पर दवाइयों के नाम और दूसरी जरूरी बातें लिखी होती है। इस डायरी में कई राज हो सकते हैं।

इस विभत्स घटना पर मेरे दुखी मन ने एक कविता के माध्यम से विचार व्यक्त किए -

निर्भया और इस प्रकार की घटनाओं पर विशेष कर कलकत्ता की बेटी के नाम एक कविता

क्यों मेरे घर परी आई ?
गुड़िया घर आंगन आई
चहुं दिस खुशियां छाई
पुलकित मुखड़ा देख देख
पिता खिलखिलाए मां हर्षाई
आई, मेरे घर परी आई।।

लता सी वो लहराई
पेंजानिया छमछमाई 
नन्हें पांव धरे धरा पर
माता देख कर मुस्काई
आई, मेरे घर परी आई।।

बड़ी हुई तुतले बोल
जैसे झरना बहे अमोल 
झाड़ू पकड़े ना उठ पाई
रोने जैसी सूरत बनाई
आई, मेरे घर परी आई।।

बड़ी हुई हो उठाया बस्ता
पगडंडियां स्कूल का रस्ता
हंसती गई थक कर आई
मां के काम की करे बंटाई 
आई, मेरे घर परी आई।।

सदा परीक्षा में ऊंचे अंक
बेटी रानी राजा रंक
मांग जिद से न मनवाई
लिख पढ़ ऊंची छलांग लगाई
आई, मेरे घर परी आई।।

स्वयं के दम आगे बढ़ी
डिग्री तक वो खूब पढ़ी
चुनी उसने चिकित्साई
परिजन फूले नहीं समाई
आई, मेरे घर परी आई।।

बेटी डॉक्टर या खिलाड़ी
किसने उसकी आन उजाड़ी 
सिसक सिसक कर रात बिताई
सलामत गई और मरी आई
क्यों, मेरे घर परी आई ....,?
                            श्रद्धांजलि
जिगर चुरुवी

शमशेर भालू खान 
9587243963

संदर्भ 
भास्कर न्यूज रिपोर्ट
प्रिंट, इलेक्ट्रोनिक मीडिया की रिपोर्ट्स
विभिन्न यूट्यूब चैनल की रिपोर्ट्स
सोशल मीडिया पोस्ट्स 

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