Friday, 23 August 2024

ऑपरेशन ब्लू स्टार

     जरनेल सिंह बराड़ भिंडरावाला
स्वर्ण मंदिर, DIG की गोली मार कर हत्या
    अलगाववादी स्वर्ण मंदिर परिसर में
      नष्ट - भ्रष्ट स्वर्ण मंदिर अन्न भंडार
            क्षतिग्रस्त स्वर्ण मंदिर
             स्वर्ण मंदिर में सेना

स्वर्ण मंदिर अमृतसर परिसर में ऑपरेशन ब्लू स्टार -
भारत के पड़ोसी राष्ट्र पाकिस्तान ने तीन बार युद्ध में मार खाने के बाद बड़ी रणनीतिक योजना बना कर भारत के राज्य जहां पूर्व में थोड़ा बहुत असंतोष चल रहा था, में अलगाववादी गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले संगठनों को प्रशिक्षण और सहायता की नीति अपनाई।
भारत के कुछ राज्य कश्मीर, पंजाब, असम एवं नागालैंड में भाषा, स्थानीय संसाधन एवं जाति - धर्म संबंधी मुद्दों पर अशांत थे। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI (इंटरनेशनल सर्विस इंटेलिजेंस) के माध्यम से असंतुष्ट लोगों/संगठनों की पहचान कर उन्हें हथियार, प्रशिक्षण और आर्थिक सहायता प्रदान करना शुरू कर दिया। पाकिस्तान की इस रणनीति से भारत को आंतरिक शांति की स्थापना में बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ा। इन्हीं समस्याओं में से एक थी पंजाब में अलगाववाद। पंजाब की धार्मिक नगरी अमृतसर में स्थित स्वर्ण मंदिर के हरमंदर साहब परिसर में कई दिनों से ख़ालिस्तान समर्थक जनरैल सिंह भिंडरावाला और उनके समर्थक छुपे हुए थे। भिंडरावाला ने इस परिसर को अलगाववादी गतिविधियों के संचालन का अड्डा बना रखा था। भारत सरकार ने भिंडरावाला से परिसर को मुक्त कराने हेतु एक अभियान चलाया जिसका नाम था ऑपरेशन ब्लू स्टार। 
एक से आठ जून 1984 को चले इस ऑपरेशन में भिंडरावाला तो मारा गया पर यह मुद्दा पूरे विश्व में चर्चित कर गया। इस ऑपरेशन से सिख समुदाय की भावनाएँ आहत हुईं जिस से समस्या और अधिक जटिल बन गई।
निरंकारी गुरबचन सिंह की हत्या के आरोप में गिरफ़्तारी से बचने हेतु भिंडरावाले ने 15 दिसंबर, 1983 को हथियार बंद साथियों के साथ स्वर्ण मंदिर के अकाल तख्त साहिब (सिंहासन जो अनंतकाल के लिए बना हो, यहीं से सिख धर्म के लिए हुक्मनामे जारी होते हैं।) पर पर कब्जा कर लिया। इसका अकाल तख्त साहिब समिति ने विरोध किया। वह यहां तब तक काबिज रहा जब तक गृह मंत्री जैल सिंह ने संसद में घोषणा नहीं की कि गुरुबचन सिंह हत्या कांड में भिंडरावाला लिप्त नहीं है। भिंडरावाले ने किसी की परवाह किए बगैर हिंसा और मार - काट शुरू कर दी। भिंडरावाले की मांग थी कि सनातनी पंजाब छोड़ कर चले जाएं। यह मांग मानना सरकार के लिए संभव नहीं था। भिंडरावाला ने भारत सरकार को पंजाब खाली करने की चुनौती दे डाली। इस चुनौती से इंदिरा गांधी की मुश्किलें बढ़ीं और उन्हें कुछ कड़े फैसले लेने पड़े। कट्टर सिखों ने भिंडरावाला की मांग का समर्थन किया। पंजाब के नरमपंथियों को निशाना बनाया जाने लगा। भिंडरावाले के बढ़ते हुए प्रभाव ने अकालियों को अलग - थलग कर दिया, DIG पंजाब A.S. अटवाल की हत्या स्वर्ण मंदिर परिसर में कर दी गई और उनकी बॉडी देने हेतु मुख्यमंत्री दरबारा सिंह को विनती करनी पड़ी। जून माह की एक तारीख को इंदिरा गांधी ने स्वर्ण मंदिर खाली करवाने के आदेश दिए। इस अभियान की कमान भारतीय सेना की 9 वीं डिविजन के लेफ्टिनेंट जनरल कुलदीप सिंह बरार को सौंपा गया जो जनरल सुंदरजी के के निर्देशन में कार्य कर रहे थे। 2 जून 1984 को स्वर्ण मंदिर परिसर के चारों ओर केंद्रीय रिजर्व बल (CRPF) एवं सेना के हज़ारों जवान, बख्तरबंद और तोप तैनात कर दी गईं। 5 जून 1984 को शाम 7 बजे कार्यवाई शुरू हुई जो रात भर चलती रही। 6 जून को सुबह 5:20 बजे सरकार ने अलगाववादियों को खदेड़ने के टैंक तैनात किए। 6 जून की रात को गोलीबारी से भिंडरावाला मारा गया, उसकी बॉडी को 7 जून सुबह कब्जे में ले लिया गया। ऑपरेशन ब्ल्यू स्टार में तोपों और बमों की बारिश से मंदिर ध्वस्त हो गया और पुरानी पुस्तकों से सुसज्जित पुस्तकालय जल कर राख हो गया। अकाल तख्त को भारी नुकसान हुआ। इसके बाद ऑपरेशन ब्लू स्टार समाप्त समाप्त हो गया। इस अभियान में सेना के 83 जवान शहीद हुए और 249 घायल। मंदिर में 493 सामान्य नागरिक मारे गए और एक हजार 592 अलगाववादियों को हिरासत में ले लिया गया। सेना के लेफ्टिनेंट जनरल शहबेग सिंह सहित कई सैनिक मारे गए और घायल हुए।

पंजाब समस्या की पृष्ठभूमि - 
1. वर्ष 1970 से पंजाब समस्या के हल हेतु 1973 में आनंदपुर साहिब में पारित प्रस्ताव अनुसार केंद्र सरकार सेना, विदेश, मुद्रा, रक्षा और संचार के पाँच दायित्वो के अलावा सभी अधिकार पंजाब सरकार को सौंप दे। पंजाब को एक स्वायत्त राज्य के रूप में स्वीकार करने की शर्त भी इसमें शामिल थी।
पंजाबियों की मुख्य मांगें - 
-पंजाब स्वायत्त राज्य हो।
- चंडीगढ़ सिर्फ पंजाब की राजधानी हो।
- पंजाबी भाषी क्षेत्र पंजाब में शामिल हों।
- नदि जल बंटवारे हेतु सर्वोच्च न्यायालय की राय ली जाए।
- नहरों के हेडवर्क्स व पन-बिजली बनाने हेतु मूलभूत ढाँचे का प्रबंधन पंजाब को दिया जाए।
- योग्यता के आधार पर सेना में भर्ती हो।
- सिखों पर सेना भर्ती में लगी सीमा हटाई जाए।
- अखिल भारतीय गुरुद्वारा क़ानून बनाया जाए।
2. वर्ष 1977 में जरनैल सिंह भिंडरावाले सिखों की धार्मिक प्रचार शाखा एवं दमदमी टकसाल प्रमुख पद पर निर्वाचित हुआ, जिसने अमृत प्रचार अभियान की शुरुआत की।
3. वर्ष 1978 में अखंड कीर्तनी जत्थे, दमदमी टकसाल और निरंकारी सिखों के बीच अमृतसर में संघर्ष हुआ जिसमें तेरह अकाली मारे गए। अकाल तख़्त साहिब समिति ने संत निरंकारी के विरुद्ध हुक़्मनामा जारी किया। 
4. लुधियाना में 18वें अखिल भारतीय अकाली सम्मेलन में अनंदपुर साहिब प्रस्ताव पर लचीला रुख अपनाते हुए दूसरा प्रस्ताव पारित किया गया।
वर्ष 1979 में अकाली दल दो भागों में बंट गया में 
A. एक धड़े का नेतृत्व हरचंद सिंह लोंगोवाल और प्रकाश सिंह बादल ने संभाला।
B. दूसरे धड़े का नेतृत्व जगदेव सिंह तलवंडी और SPGC (शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी) अध्यक्ष गुरचरण सिंह तोहड़ा ने संभाला।
(अकाली दल राजनीतिक मुख्यधारा में रहकर पंजाब और सिखों की माँगों की बात कर रहा था परंतु उसका रवैया ढुल- मुल रहा। जरनैल सिंह भिंडरांवाले ने इस पर कड़ा रुख़ अपनाया और केंद्र सरकार को दोषी ठहराना शुरु किया।)
5. वर्ष 1980 में निरंकारी पंथ के प्रमुख गुरबचन सिंह की दिल्ली आते समय हमले में मौत हो गई।
6. वर्ष 1981 में स्वायत्त खालिस्तान का झंडा आनंदपुर साहिब गुरुद्वारा पर फहराया गया। 
7.इसी समय हिंद समाचार समूह प्रमुख जगत नारायण हत्याकांड में आरोपी जरनैल सिंह भिंडरावाले ने मेहता चौक पर आत्मसमर्पण कर दिया जिन्हे बाद में जेल भेज दिया गया। 
8. 1981 में नकद राशि और भिंडरावाला की रिहाई की मांग के समर्थन में खालसा पंथी गजिंदर सिंह और सतनाम सिंह पौंटा पांच साथियों के साथ श्रीनगर से दिल्ली आ रहे इंडियन एयरलाइंस के विमान को 126 यात्रियों सहित हाईजैक कर लाहौर ले गए।
8. शिरोमणि अकाली दल और केंद्र सरकार के मध्य प्रथम दौर की बातचीत शुरू हुई, अकाली दल ने नरम रुख अपनाकर 45 के स्थान पर भिंडरावाला की बिना शर्त रिहाई सहित 15 मांग रखी।
9. जरनैल सिंह भिंडरावाले को जेल से रिहा कर दिया गया।
10. शिरोमणि अकाली दल और केंद्र सरकार के मध्य तीसरे दौर की बातचीत शुरू हुई जो हरियाणा में सिक्ख विरोधी दंगों के कारण विफल हो गई। 
11.अकाली दल ने यमुना - सतलुज जल परियोजना का विरोध कर नहर रोको अभियान शुरू कर दिया।
12.1982 में भिंडरावाला अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर परिसर में गुरु नानक निवास के कमरा नंबर 47 रहने लगा। भिंडरांवाले ने अपने साथी अखिल भारतीय सिख छात्र संघ के प्रमुख अमरीक सिंह की रिहाई के लिए आंदोलन शुरु कर दिया। अकाली भिंडरांवाले से मिलकर धर्म युद्ध मोर्चे के अन्तर्गत गिरफ़्तारियाँ देने लगे।
13. पुलिस का मनोबल गिरता चला गया। कुछ महीने बाद पंजाब रोडवेज़ की एक बस में घुसे बंदूकधारियों ने जालंधर के पास कई सनातनियों को मार डाला।
14. 1982 में इंडियन एअरलाइंस के एक और विमान को जोधपुर के रास्ते मुंबई से दिल्ली आते वक़्त हाईजैक कर फिर लाहौर के जाया गया जिसे वहां उतरने की अनुमति नहीं मिलने पर अमृतसर में उतारा गया।  कामांडो कार्यवाही में मुसीबत सिंह सहित सभी अपहृताओं को मार डाला गया। 
15. 1982 में दिल्ली में नौवें एशियाई खेलों के आयोजन के दौरान अकाली दल की विरोध की अपील पर कई अलगाववादी दिल्ली में प्रवेश करने के प्रयास में पकड़े गए।
16. वर्ष 1983 में DIG पंजाब पुलिस अवतार सिंह अटवाल की अमृतसर के स्वर्ण मंदिर परिसर में हत्या कर दी गई। | 
17. अकाली दल ने रेल रोको और काम रोको अभियान से जन जीवन और रेल यातायात बुरी तरह से प्रभावित हुआ। 
18. कांग्रेस की दरबारा सिंह सरकार को भंग कर राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया।
18. भिंडरावाले ने स्वर्ण मंदिर के गुरु नानक निवास में अकाल तख़्त साहिब पर कब्जा कर लिया।
19. वर्ष 1984 में पंजाबी पत्रिका प्रीतलारी के संपादक और वरिष्ठ पत्रकार सुमित सिंह शम्मी की हत्या कर दी गई। 
20. भाजपा के पूर्व विधायक और अमृतसर अध्यक्ष हरबंस लाल खन्ना की उनके अंगरक्षक सहित गोली मार कर हत्या कर दी गई। हरबंस लाल की शव यात्रा में भड़कने से आठ लोगों की मौत और नो लोग घायल हो गए।
21. पंजाबी के प्रोफ़ेसर विश्वनाथ तिवारी और उनकी (पंजाबी) पत्नी की सिक्ख समाज के प्रति नफरत फ़ैलाने (लोगंवाल और भिंडरावाले गुटों के विरुद्ध पर्चे बांटकर) के आरोप में हत्या कर दी गई। 
22. हिंद समाचार समूह के संपादक जगत नारायण की हत्या।
23. जगत नारायण के बेटे रमेश चंद्र जालंधर में हत्या कर दी गई। 
24. वर्ष1984 में पंजाब से आने-जाने वाली रेलगाड़ियों और बस सेवाओं पर रोक लग गई, फ़ोन कनेक्शन काट दिए गए और विदेशी मीडिया को राज्य से बाहर कर दिया गया।
कोर्ट मार्शल किए गए मेजर जनरल सुभेग सिंह और सिख सटूडेंट्स फ़ेडरेशन ने स्वर्ण मंदिर परिसर के चारों तरफ़ ख़ासी मोर्चाबंदी कर की। उन्होंने भारी मात्रा में आधुनिक हथियार और गोला-बारूद भी जमा कर लिया था। 
अमृतसर दरबार साहिब (स्वर्ण मंदिर) परिसर में सेना ने प्रवेश कर भिंडरावाला को मार डाला।
25. अलवर और गंगानगर (राजस्थान) सिख रेजीमेंट के क़रीब 500 सैनिकों ने, झारखंड के रामगढ़, जम्मू, थाणे और पुणे में सिख सैनिकों ने विद्रोह कर दिया। रामगढ़ के विद्रोही सैनिकों ने कमांडर ब्रिगेडियर SC पुरी की हत्या कर दी।
26.  भारत सरकार ने ऑपरेशन ब्लू स्टार पर एक श्वेतपत्र जारी किया। जिसकी राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी आलोचना हुई।
27. ऑपरेशन ब्लू स्टार के चार महीने बाद 31.10.1984 के दिन इंदिरा गांधी की उनके अंगरक्षक सतवंत सिंह और बेअंत सिंह ने गोलियों से भून कर हत्या कर दी गई थी।
28. इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भारत के कई राज्यों में सिख विरोधी दंगे भड़क उठे और हजारों सिक्खों की जान चली गई।
29. वर्ष 1985 में एअर इंडिया का विमान आयरलैंड के पास नष्ट कर दिया गया जिसमें 329 लोगों की जान चली गई। 
30. 1985 में प्रधानमंत्री राजीव गांधी और हरचंद सिंह लोंगवाल के मध्य हुए समझौते के अनुसार चंडीगढ़ पंजाब को दिया गया। 
31. एक गुरुद्वारे में भाषण देते वक़्त हरचंद सिंह लोंगोवाल पर गुरुद्वारे में प्रवचन देते समय हमला कर हत्या कर दी गई। 
32. अकाली दल पंजाब विधान सभा चुनावो में विजयी रहा और गुरजीत सिंह बरनाला ने सरकार बनाई।
33. वर्ष 1986 में दरबार साहब को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी को सौंप दिया गया।

ऑपरेशन ब्ल्यू स्टार के परिणाम - 
इस ऑपरेशन के कारण पंजाब में अलगाववाद और बढ़ा और सिक्खों की धार्मिक भावनाओं के कारण लगभग देश छोड़ कर जाने लगे। आज 75% पंजाब खाली है। कई प्रमुख सिखों ने या तो अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया या फिर सरकार द्वारा दिए गए सम्मान लौटा दिए। भले ही आपरेशन ब्लू स्टार काफी हद तक सफल रहा, परन्तु यह इंदिरा गांधी की सबसे बड़ी राजनीतिक हारो में से एक साबित हुआ। सिखों और काँग्रेस पार्टी के बीच दरार पैदा हो गई जो उस समय और गहरा गई जब दो सिख सुरक्षाकर्मियों ने कुछ ही महीने बाद 31 अक्टूबर को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी की हत्या कर दी। इसके बाद भड़के सिख विरोधी दंगों से काँग्रेस और सिखों की बीच की खाई और बड़ी हो गई।

शमशेर भालू खान 
9587243963

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