स्वतन्त्र भारत में राज्यों का पुनर्गठन
भारतीय संविधान के अनुच्छेद और राज्य गठन
संविधान के अनुच्छेद 3 में देश में राज्यों के गठन की प्रक्रिया का वर्णन किया गया है जो इस प्रकार है -
3 (1) किसी राज्य में से उसका राज्यक्षेत्र अलग कर
3 (2) दो या अधिक राज्यों को या राज्यों के भागों को मिलाकर
3 (3) किसी राज्य क्षेत्र को किसी राज्य के भाग के साथ मिलाकर राज्यों का गठन भारतीय संसद की अनुमति से राष्ट्रपति द्वारा किया जायेगा।
भारत में राज्य केंद्र और दोनो ही के अधिकार क्षेत्र संघ सूची,राज्य सूची और समवर्ती सूची के अनुसार पूर्व निर्धारित हैं।
मुगल काल और सूबा (प्रांत) व्यवस्था
ब्रिटिश सरकार से पहले मुगल काल में भारत 21 प्रशासनिक इकाइयो (सूबों) में बँटा हुआ था जिन में से कई सूबों की सांस्कृतिक पहचान सुस्पष्ट थी और कुछ भिन्न संस्कृतियों के मिश्रण थे। हर सब में एक खलीफा/गर्वनर नियुक्त किया जाता था।
ब्रिटिश काल में प्रेसीडेंसी व्यवस्था
ब्रिटिश सरकार ने भारत को प्रशासनिक सुविधा हेतु मनमाने ढंग से बड़े-बड़े प्रांतों में बाँट दिया। बहुभाषी व बहुजातीय प्रांत बनाये गये। इस से प्रशासनिक व्यवस्था तो ठीक हो गई परंतु संस्कृति एकता बिखर गई।
कांग्रेस और राज्य गठन
सन 1920 में जैसे ही गाँधी के हाथ में कांग्रेस का नेतृत्व आया जातीय-भाषाई अस्मिताओं पर जोर दे कर वे उपनिवेशवादी विरोधी मुहिम को लोकप्रिय जनाधार देने लगे। कांग्रेस ने अंग्रेजों के औपनिवेशिक प्रांत की जगह भारतीय प्रदेश इकाई का गठन किया जो बुनियादी चरित्र में अधिक लोकतांत्रिक, सांस्कृतिक (जातीय और भाषाई) अस्मिता के प्रति अधिक संवेदनशील और क्षेत्रीय अभिजनों की राजनीतिक महत्त्वाकांक्षाओं के प्रति जागरूक थी। कांग्रेस के इस पुनर्गठन के बाद राष्ट्रीय आंदोलन भाषाई अस्मिताओं से सुनियोजित पोषण प्राप्त करने लगा। प्रथम असहयोग आंदोलन की जबरदस्त सफलता के पीछे मुख्य कारण यही था। 1928 में मोतीलाल नेहरू की अध्यक्षता में गठित समिति ने भाषा, जन-इच्छा, जनसंख्या, भौगोलिक और वित्तीय स्थिति के आधार पर राज्य गठन की मांग की।
आजादी के बाद भारत में संघीय ढांचा और राज्य गठन -
संघीय ढांचे के अनुसार भारत राज्यों का समूह है। इसके अंतर्गत राज्यों की शासन व्यव्स्था का नियंत्रण राज्यपाल के माध्यम से किया जाता है।
आजादी के बाद भारत में राज्यों में जाति,धर्म,भाषा और क्षेत्र के आधार पर राज्यों के निर्माण की मांग उठती रही है जो आज भी अनवरत जारी है।
राज्यों के पुनर्गठन हेतु भारत सरकार ने राज्य पुनर्गठन आयोग 1956 का निर्माण कर नए राज्य बनाने की प्रकृति शुरू की।
1947 में राज्यों के पुनर्गठन हेतु श्याम कृष्ण दर आयोग का गठन किया जिसने भाषाई आधार पर राज्यों के पुनर्गठन को नकार दिया। दर आयोग ने राज्यों का गठन प्रशासनिक सुविधाओं को आधार करने की अनुशंसा की। जनाकाक्षाओं को ध्यान में रखते हुए तत्काल जेबीपी (जवाहर लाल नेहरू, बल्लभभाई पटेल, पट्टाभिसीतारमैया) आयोग का गठन किया गया। इस आयोग ने प्रभावित जनता की आपसी सहमति, आर्थिक और प्रशासनिक व्यवहार्यता पर जोर देते हुए भाषाई आधार पर राज्यों के गठन का सुझाव दिया। इसके फलस्वरूप सामाजिक कार्यकर्ता पोट्टी श्रीरामलू की मद्रास से आंध्र प्रदेश को अलग किए जाने की मांग को लेकर 58 दिन के आमरण अनशन के बाद मृत्यु के बाद सबसे पहले 1953 में आंध्र प्रदेश का तेलुगुभाषी राज्य के तौर पर गठन किया गया।
22 दिसम्बर 1953 में न्यायाधीश फजल अली की अध्यक्षता हृदयनाथ कुंजरू और केएम पाणिक्कर की सदस्यता में प्रथम राज्य पुनर्गठन आयोग का गठन हुआ जिसने 30 दिसंबर 1955 को रिपोर्ट प्रस्तुत कर राष्ट्रीय एकता, प्रशासनिक और वित्तीय व्यवहार्यता, आर्थिक विकास, अल्पसंख्यक हितों की रक्षा तथा भाषा को राज्यों के पुनर्गठन का आधार बनाने की सिफारिश की जिसे सरकार ने कुछ सुधार के साथ स्वीकार कर लिया। भारत सरकार ने सन 1956 में राज्य पुनर्गठन अधिनियम संसद प्रस्तुत कर 14 राज्य तथा 6 केंद्र शासित प्रदेश बनाए गए।
सन 1956 में राज्य एवं केन्द्र शासित प्रदेश
SR प्रदेश का नाम स्थापना राजधानी
01. आंध्र प्रदेश 1953 हैदराबाद
भाषाई आधार पर 1950 में मद्रास से अलग हो कर बना राज्य।
02. असम 1911 गुवाहाटी
1 अप्रैल 1911 को एक प्रशासनिक प्रभाग के रूप में मान्यता प्राप्त हुई, और पूर्वी बंगाल और असम के प्रांत को विभाजित करके असम प्रांत की स्थापना की गई। 1826 में ब्रिटिश संरक्षित राज्य बन गया असम 1874 में बंगाल से अलग कर दिया गया।
03. बिहार 1950 पटना
22 मार्च 1912 को किया गया था, लेकिन इसे पूर्ण राज्य का दर्जा 26 जनवरी 1950 को मिला। 2000 में इसे और विभाजित किया गया और झारखंड नाम से एक नया राज्य बनाया गया।
04. बंबई 1950 बंबई
बॉम्बे स्टेट एक बड़ा भारतीय राज्य था जिसे 1950 में तत्कालीन बॉम्बे प्रेसीडेंसी से अलग करके बनाया गया था, जिसके बाद के वर्षों में अन्य क्षेत्रों को इसमें जोड़ा गया।
05. केरल 1956 त्रिवेंद्रम
1 नवंबर 1956 को राज्य पुनर्गठन अधिनियम द्वारा मालाबार जिले के साथ विलय करके किया गया था। 1 नवंबर 1956 को, मालाबार जिले को त्रावणकोर प्रेसीडेंसी के तत्कालीन क्षेत्रों के साथ मिलाकर केरल राज्य का गठन किया गया था।
06. मध्य प्रदेश 1956 भोपाल
सन् 1956 में राज्यों के पुनर्गठन के फलस्वरूप 1 नवंबर, 1956 को नया राज्य मध्यप्रदेश अस्तित्व में आया।
07. मद्रास 1639 मद्रास
मद्रास की स्थापना ईस्ट इंडिया कंपनी ने 22 अगस्त 1639 को की थी
08. मैसूर 1956 मैसूर
कुर्ग राज्य और पश्चिमी मद्रास प्रेसीडेंसी , दक्षिणी बॉम्बे प्रेसीडेंसी और पश्चिमी हैदराबाद राज्य के कन्नड़ भाषी जिलों को मिलाकर इसका विस्तार किया गया।
09. उड़ीसा 1956 भुवनेश्वर
01 अप्रैल, 1956 को उड़ीसा राज्य रूप में स्थापित हुआ)
10. पंजाब 1966 चंडीगढ़
1 नवंबर 1966 को हुई थी। 1947 में, ब्रिटिश भारत के पंजाब प्रांत को भारत के लिए पाकिस्तान और पूर्वी पंजाब के लिए पश्चिम पंजाब में धार्मिक रेखाओं के साथ विभाजित किया गया था।
11. राजस्थान 1956 जयपुर
राजस्थान अपने वर्तमान स्वरूप में 1 नवंम्बर 1956 में आया। इस समय राजस्थान में कुल 26 जिले थे।
12. उत्तर प्रदेश 1950 लखनउ
1950 में नए संविधान के लागू होने के साथ ही 24 जनवरी सन 1950 को इस संयुक्त प्रान्त का नाम उत्तर प्रदेश रखा गया और यह भारतीय संघ का राज्य बना।
13. पश्चिम बंगाल 1905 कलकत्ता
धार्मिक आधार पर 20 जुलाई 1905 को बंगाल विभाजन के स्वीकृत प्रस्ताव अनुसार 16 अक्टूबर 1905 से लागू हो गया।
14. जम्मू और कश्मीर- 1957 श्रीनगर
6 फरवरी, 1954 को संविधान सभा ने जम्मू और कश्मीर राज्य के भारत में विलय को मंजूरी देने के लिए मतदान किया। जम्मू और कश्मीर के संविधान को औपचारिक रूप से 17 नवंबर, 1956 को संविधान सभा द्वारा अपनाया गया और 26 जनवरी, 1957 को संविधान लागू हुआ।
छः संघ राज्यक्षेत्र (केंद्र शासित प्रदेश)
01. दिल्ली 1956/1991 राज्य दिल्ली
भारत की राजधानी नई दिल्ली की नींव तत्कालीन सम्राट जॉर्ज पंचम ने रखी थी। 12 दिसंबर 1911 को दिल्ली दरबार के दौरान, भारत की राजधानी को कोलकाता से दिल्ली स्थानांतरित करने की घोषणा की गई थी। 13 फरवरी 1931 को भारत के वायसराय लॉर्ड इरविन ने देश की नई राजधानी के रूप में दिल्ली का उद्घाटन किया। संविधान (उनहतरवां संशोधन) अधिनियम, 1991 के अंतर्गत दिल्ली केन्द्र शासित प्रदेश को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बदल दिया गया| प्रदेश में चुनी हुई सरकार को कानून और व्यवस्था (केंद्र के अधीन) के अतिरिक्त व्यापक अधिकार दिए गए।
02. हिमाचल प्रदेश 1956/1971 राज्य शिमला
1 नवम्बर 1966 को पंजाब विघटन के बाद पहाड़ी क्षेत्रों को हिमाचल प्रदेश में मिला कर 25 जनवरी 1971 को हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा प्राप्त हो गया ।
03. मणिपुर 1956/1956 राज्य इंफाल
04. त्रिपुरा 1956/1956 राज्य आइजोल
05. अंडमान 1956 कवरती
06. निकोबार 1956 निकोबार
इसके बाद सन 1960 में राज्यों के पुनर्गठन का दूसरा दौर चला। सन 1960 में बम्बई को विभाजित कर महाराष्ट्र और गुजरात राज्यों का गठन हुआ। 1963 में नगालैंड राज्य गठित हुआ। 1966 में पंजाब से पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश राज्य बने। 1972 में मेघालय, मणिपुर और त्रिपुरा राज्य बनाए गए। 1987 में मिजोरम का गठन किया गया और केन्द्र शासित राज्य अरूणाचल प्रदेश और गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया। सन 2000 में उत्तराखण्ड, झारखण्ड और छत्तीसगढ़ राज्य बने 2 जून 2014 को तेलंगाना आंध्र प्रदेश से अलग हो कर 29 वां राज्य बना। 2020 में कश्मीर का राज्य का दर्जा समाप्त कर तीन केंद्र शासित प्रदेशों में कश्मीर, जम्मू और लद्दाख में विभाजित किया गया।
राज्यों का गठन घाटनाक्रम -
01. मद्रास राज्य विघटन आंध्र प्रदेश राज्य -
मद्रास राज्य में तमिल, तेलुगु और अन्य दक्षिण भारतीय भाषाएं बोली जाती थीं। अंग्रेजो के समय में यह दक्षिण भारतीय प्रेसीडेंसी के रूप में काम करता था। आंध्र प्रदेश निर्माण हेतु जन आंदोलन प्रारंभ हुआ और इस कारण सन 1953 में मद्रास को दो भागों में विभाजित कर मद्रास और आंध्र प्रदेश के रूप में राज्यों का निर्माण किया गया।
02 बंबई राज्य विघटन -
सन 1960 में बम्बई को विभाजित कर महाराष्ट्र और गुजरात राज्यों का गठन हुआ। महाराष्ट्र मराठा भाषी क्षेत्र और गुजरात गुजराती भाषी क्षेत्र के रूप में राज्य बने।
03 पंजाब राज्य विघटन -
धर्म के आधार पर पंजाब का विभाजन पहले हो चुका जिसका एक भाग पाकिस्तान और एक भाग भारत में रहा। अब पंजाब में तीन जातियों, संस्कृतियों का संगम रहा। उत्तर में हिमाचल कांगड़ी संस्कृति, दक्षिण में हरियाणा जाट संस्कृति और पंजाब सिक्ख संस्कृति। इस प्रकार से पजाब का विभाजन कर हिमाचल प्रदेश (UT) हरियाणा और पंजाब तीन इकाइयां बनाई गई।
04. मेघालय राज्य का गठन
मेघालय राज्य का गठन असम के दो जिलों संयुक्त खासी हिल्स एवं जयन्तिया हिल्स को अलग कर 21 जनवरी, 1972 को किया गया था।
05. मणिपुर राज्य का गठन
21 जनवरी 1972 को त्रिपुरा, मणिपुर और मेघालय राज्य पूर्वोत्तर क्षेत्र (पुनर्गठन) अधिनियम, 1971 के तहत पूर्ण राज्य बन गए। अक्टूबर 1949 में त्रिपुरा एवं मणिपुर रियासतों का भारत में विलय कर पूर्ण राज्य बनाया गया।
06. अरुणाचल प्रदेश राज्य का गठन
अरुणाचल प्रदेश ; देश, भारत ; केन्द्र-शासित प्रदेश, 21 जनवरी 1972 ; राज्य का दर्जा, 20 फ़रवरी 1987 को किया गया।
07. कर्नाटक राज्य का गठन
1956 में मैसूर राज्य का नाम कन्नड़ भाषी क्षेत्र के नाम पर कर्नाटक कर दिया गया। कर्नाटक राज्य का गठन 01 नवंबर, 1956 को राज्य पुनर्गठन अधिनियम के अंतर्गत किया गया।
08. नगालैंड राज्य का गठन -
सन 1955 में भारत सरकार ने भारतीय सेको ना ने कार्यवाही शुरू की। 1957 में भारत सरकार और नागा लोगों के बीच विलय का समझौता हुआ जिसके अन्तर्गत नागालैंड 1 दिसम्बर 1963 को भारत का 16वाँ राज्य बना।
09. मिजोरम राज्य का गठन
5 अगस्त 1986 को लोकसभा में मिजोरम को राज्य का दर्जा देने के लिए संविधान संशोधन विधेयक और दूसरा विधेयक पारित किया गया। मिजोरम राज्य का औपचारिक गठन 20 फरवरी, 1987 को हुआ।
10. सिक्किम राज्य का गठन -
मई 1975 में सिक्किम जो स्वतंत्र राज्य के रूप में स्थापित था पर सैन्य कार्रवाई कर भारत का राज्य बनाया गया।
11 उत्तर प्रदेश विघटन -
सन 2000 में उत्तर प्रदेश का विघटन कर उत्तराखंड राज्य बनाया गया।
12. बिहार विघटन -
सन 2000 में बिहार राज्य को विभाजित कर झारखंड राज्य का गठन किया गया।
13. मध्य प्रदेश विघटन
सन 2000 में मध्य प्रदेश राज्य को विभाजित कर छत्तीसगढ़ राज्य का गठन किया गया।
14. आंध्र प्रदेश विघटन
सन 2014 में आंध्र प्रदेश राज्य का विभाजन कर तेलंगाना राज्य का गठन किया गया।
15. जम्मू - कश्मीर राज्य विघटन -
26 जनवरी 2020 में जम्मू कश्मीर राज्य से अनुच्छेद 370 हटा कर जम्मू, कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेशों के रूप में विभाजित किया गया। साथ ही जम्मू - कश्मीर विधानसभा भंग कर दी गई।
15. पांडिचेरी केंद्र शासित प्रदेश का गठन -
पुडुचेरी (पांडिचेरी) क्षेत्र 138 वर्षों तक फ्रांसीसी शासन के अधीन रहे। 1 नवंबर, 1954 को भारत में फ्रांसीसी कब्जे वाले क्षेत्र भारत संघ में स्थानांतरित हो गए और केंद्र शासित प्रदेश बन गए। आधिकारिक रूप में सन 1963 में पुडुचेरी भारत का अभिन्न अंग बन गया।
दमन दीव दादरा नगर हवेली केंद्र शासित प्रदेश -
26 जनवरी, 2020 को दादरा एवं नगर हवेली व दमण एवं दीव नए केंद्र शासित प्रदेश के गठन हेतु विलय कर दिया गया। दादरा एवं नगर हवेली का क्षेत्र दादरा एवं नगर हवेली जिले के रूप में नए केंद्र शासित प्रदेश के तीन जिलों में से एक बन गया। पहले दादरा एवं नगर हवेली पृथक केंद्र शासित प्रदेश थे।
राज्यों के नाम याद करने हेतु शर्ट कट
कबीरा मंत्री झापक असी हित उछके
गोआ में अब गुम है उमिउ ते नाम
1 क - कश्मीर
2 बी - बिहार
3 रा - राजस्थान
4 म - मध्य प्रदेश
5 त्रि - त्रिपुरा
6 झा - झारखंड
7 प - पंजाब
8 क - कर्नाटक
9 अ - असम
10 सी - सिक्किम
11 हि - हिमाचल
12 त - तमिलनाडु
13 उ - उत्तर प्रदेश
14 छ - छतीशगढ़
15 के - केरल
16 गोआ - गोआ
17 मे - मेघालय
18 अ - अरुणाचल प्रदेश
19 ब - बंगाल
20 गु - गुजरात
21 म - महाराष्ट्र
22 ह - हरियाणा
23 उ - उत्तराखंड
24 मि - मिजोरम
25 उ - उड़िसा
26 ते - तेलंगाना
27 ना - नागालैंड
28 म - मणिपुर
राज्यों की राजधानी
श्री चंचल राज भूप आपको मूहे शीशीई बचे
अगर गंगा दीदी देह इक इटा
01 श्री - श्रीनगर
02 चं - चंडीगढ़
03 चं - चंडीगढ़
04 ल - लखनऊ
05 रा - रांची
06 ज - जयपुर
07 भू - भुवनेश्वर
08 प - पणजी
09 आ - आइजाल
10 प - पटना
11 को - कोहिमा
12 मु - मुंबई
13 हे - हैदराबाद
14 हे - हैदराबाद
15 शी - शिलांग
16 शी - शिमला
17 ब - बंगलोर
18 चे - चेन्नई
19 अगर - अगरतला
20 गं - गंगटोक
21 गा - गांधी नगर
22 दी - दिल्ली
23 दी - दिसपुर
24 दे - देहरादून
25 भो - भोपाल
26 ती - तिरुअंतपुरम
27 इ - इंफाल
28 क- कलकत्ता
29 ईटा - इटानगर
केंद्र शासित प्रदेश
अलपा दीदी दच
अ - अंडमान निकोबार द्वीप समूह
ल - लक्ष्य द्वीप समूह
पा - पांडीचेरी
दी - दिल्ली
दी - दीव
द - दमन
च - चंडीगढ़
राजधानी केंद्र शासित प्रदेश
पोक पासीदी दच
पो - पोर्ट ब्लेयर
क - कवरती
पा - पांडिचेरी
सी - सिलवासा
दी - दिल्ली
द - दमन
च - चंडीगढ़
26 जनवरी 2020 से
राज्यों की स्थिति में बदलाव -
कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा हटा कर केंद्र शासित प्रदेश (कश्मीर,जम्मू और लद्दाख)
केंद्र शासित प्रदेशों की स्थिति में बदलाव -
1 दादरा नगर हवेली को दमन दीव में मिला कर तीन जिलों का एक केंद्र शासित प्रदेश।
जम्मू, कश्मीर और लद्दाख नए केंद्र शासित प्रदेश।
शमशेर भालू खान
9587243963
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