1 अल्लाह - ईश्वर।
2 नबी - ईश्वर के दूत।
3 पैगंबर - ईश्वर के दूत।
4 इस्लाम - मानना, स्वीकार करना, विश्वास।
5 मुस्लिम - मानने वाला, विश्वास करने वाला, स्वीकार करने वाला।
6 फ़रिश्ता - यमदूत जिसे अंग्रेजी में एंजेल कहते हैं, यमदूत।
7 कुफ्र - मना करना, अविश्वास करना।
8 काफिर - इनकार करने वाला,अविश्वास करने वाला।
9 जेहाद - सत्य मार्ग पर लड़ना।
10 मुजाहिद - जिहाद करने वाला।
11 उम्मत - यह शब्द उम्म से बना है जिसका अर्थ होता है मां अर्थात वह क्षेत्र जहां पर इस्लामिक सरकार प्रशासन व्यवस्था हो।
12 दारुल इस्लाम - इस्लामी साम्राज्य क्षेत्र।
13 मुनाफिक - ईमान के साथ नहीं मानने वालों के भी साथी (बात से फिरने वाले)
14 शिर्क - ईश्वर के समकक्ष किसी को पूजना।
15 मुशरिक - ईश्वर के स्थान पर अन्य को पूजने वाला।
16 मुर्तद - इस्लाम को मानने के बाद अन्य पूजा पद्धति को मानने वाला।
17 हलाल - ईश्वर द्वारा बताये अनुसार किये जाने वाले कार्य, मंजूरी।
18 हराम - ईश्वर द्वारा किये जाने वाले कार्यों की मनाही।
19 ममनु - वो कार्य जो नहीं करने में ही भलाई है।
20 मकरुअ - मनाही।
21 शैतान/इब्लिश - आदम को पैदा करने से पूर्व ईश्वर का प्रिय जिन्न जिस ने आदम को सज़दा करने से मना कर दिया, ईश्वर के रास्ते से बहकाने वाला।
22 कजात - न्याय क्षेत्र, न्यायालय।
23 क़ाज़ी - जज, न्यायाधीश।
24 काबा - अल्लाह का घर यह मक्का में स्थित है।
24 मस्जिद - पूजा पद्धति नमाज पढ़ने के लिये इकट्ठा होने का स्थान।
25 इमाम - अग्रणी, नेतृत्वकर्ता।
26 अमीर - अग्रणी नेतृत्वकर्ता।
27 पीर - बूढा आदमी।
28 ओलिया - धर्म उपदेशक।
29 खुत्बा - धर्मोपदेश।
30 दारुल हर्ब - गैर मुस्लिम सम्राज्य,दुश्मन का क्षेत्र।
31 दारुल इस्लाम - मुस्लिम राज्य क्षेत्र।
32 वही - नबी को जिब्रील के माध्यम से ईश्वर के सन्देश मिलने की प्रक्रिया।
33 मकतब - प्रारंभिक शिक्षा का विद्यालय।
34 मदरसा - माध्यमिक शिक्षा विद्यालय।
35 जामिया - उच्च शिक्षा, विश्वविद्यालय।
36 सूफी - गा-बजाकर धर्म प्रचार करने वाले।
37 निकाह - विवाह संस्कार जिसमें वर वधु द्वारा परस्पर स्वीकृति दी जाती है (एक समझौता)।
38 तलाक -विवाह संबंध विच्छेद।
39 सरा - इस्लामिक कानून।
40 शरीयत - इस्लामी कानून के अनुसार न्याय वर्णन।
41 जुम्मा - हफ्ते में एक दिन इकट्ठा होने का दिन जो सनीचर से पहले होता है।
42 हदिया - कीमत।
43 खलीफा - मोहम्मद साहब के बाद सर्वोच्च धार्मिक नेता।
44 कयामत -सृष्टि के अंत का निर्धारित समय।
45 अजाब - प्रकोप।
46 सहरी - रात का खाना 47 इफ्तार - शाम का खाना 48 हज - पवित्र यात्रा।
49 तोबा - ईश्वर के सामने नतमस्तक होते हुये की गई गलतियों की माफी मांगना और दोबारा ऐसी गलती न करने की शपथ।
50 जहन्नुम - मरने के बाद पापियों को सजा देने का स्थान।
51 जन्नत - मरने के बाद पुण्य आत्माओं के आराम की जगह सभी सुविधा युक्त।
52 हूर - पवित्र पत्नियां।
53 पुल सिरात - जन्नत में जाने का रास्ता जिसके नीचे जहन्नम है जो बहुत लंबा बारीक और तलवार की धार से पतला है।
54 ना मा ए आमाल - पाप पुण्य का हिसाब।
55 नूर - प्रकाश।
56 इल्लियीन - पुण्यात्मा को मरने के बाद मिलने वाला स्थान।
57 सिज्जियीन - मरने के बाद पापात्मा के रहने का स्थान।
58 - सुर - कयामत के दिन के लिये एक आवाज़ जिसके बाद समस्त सृष्टि समाप्त हो जायेगी।मिकाइल फरिश्ते के जिम्मे यह काम है।
59 जिब्रील - एक फरिस्ता जो ईश्वर के सन्देश नबी तक पहुंचाता है।
60 मिकाइल - एक फरिश्ता जो सुर फूंकेगा।
61 कुन फाया कुन - ईश्वर का आदेश हो जा और वह काम हो जाता है, तथास्तु
62 अरद - जमीन।
63 आफताब - सूरज।
64 तयम्मुम- नमाज हेतु पानी न मिलने की स्थिति में मिट्टी आदि से वजू करना।
65 वजू - नमाज से पहले एक नियमित प्रक्रिया के अंतर्गत हाथ पैर मुंह धोने की क्रिया।
66 नमाज़ - ईश्वर की स्तुति की निर्धारित समयानुसार क्रिया।
67 रकात - नमाज में प्रार्थना की एक कड़ी श्रद्धापूर्वक घुटनों के बल माथा भूमि पर रखना जिसमें पैर और हाथों की अंगुलियां भूमि पर सीधी हो।
68 सुन्नत - मोहम्मद साहब के बताए अनुसार कार्य।
69 हदीष - मोहम्मद साहब द्वारा बताई गई बातें,सन्देश।
70 फर्ज - अनिवार्य, कर्तव्य।
71 नफ़्ल - अतिरिक्त पुण्य।
72 रफादेन - नमाज में हाथ उठाने, बांधने की क्रिया।
73 क़याम - ठहरना, नमाज़ में सीधे खड़े होना।
74 सफ़ - सीधी लाइन में खड़ा होना।
75 रुकु - आधा झुकना।
76 वाजिब - जरूरी।
77 ईद - खुशी।
78 ईद उल जुहा- हज की खुशी।
79 मेराज - मोहम्मद साहब द्वारा जन्नत और जहन्नम की सैर।
80 बुर्राक - जकात आय का ढाई प्रतिशत हिस्सा धर्म कार्य में खर्च करना।
81 फ़ित्रा - वर्ष में एक बार 3 किलो अनाज जरूरतमंदों को देना।
82 सदका - पुण्य प्राप्ति हेतु किये जाने वाले कार्य।
83 खैरात - भिक्षा देना।
84 शम्स - सूरज।
85 कमर - चांद।
86 तजल्ली - चमक।
87 बैतूलमाल - खजाना।
88 सहाबा - नबी के साथी।
89 शहीद - धर्म कार्य अथवा अन्य कार्य हेतु मौत को प्राप्त करना, अमर।
90 तोहिद - कलमा पढ़ना एक ईश्वरर को मानने व पूजा करने की शपथ।
91 कलमा - वाक्य, तोहिद करना।
92 सादिक - सूरज निकलने व रात ढलने के बीच का समय।
93 जोहर - दोपहर का समय।
94 अस्र - दोपहर व सूर्यास्त के बीच का समय।
95 मगरिब - सूरज डूबने का समय।
96 ईशा - रात्रि का समय।
97 योम - दिन।
98 सोम - रोजा, व्रत।
99 तहज़्ज़ुद - मध्य रात्रि।
100 चास्त - सूर्योदय के बाद का समय।
101 इश्राक - सुबह 8 बजे के लगभग का समय।
102 अर्श - ईश्वर के रहने का स्थान।
103 फर्श - ज़मीन।
104 सजर -पेड़ पौधे।
105 मल्क - फरिश्ता।
106 किताब - ईश्वर के सन्देश जो लिख लिये गये हों,लिखा हुआ।
107 हक़ - सही।
108 सिरात - रास्ते।
109 दीन - रास्ता।
110 मुबीन - देख सकने वाले।
111 तदफीन - दफनाने की प्रक्रिया।
112 हिदायत - प्रेरणा।
113 मगफिरत - मुक्ति, पापात्मा से मुक्त कर पुण्यात्मा में शामिल करना।
114 आखिर - अंतिम।
115 अव्वल - प्रथम।
116 कबीर- बड़ा।
117 सगीर - छोटा।
118 अकबर - बड़ा,श्रेष्ठ, महान।
119 अमल - कार्य।
120 नास- औरत।
121 नार - आग।
122 नोम - नींद।
123 खल्क - सृष्टि में रहने वाले।
124 फील - हाथी।
125 हाज़िर - प्रत्यक्ष।
126 ज़ाहिर - सामने।
127 बातिन - छुपा हुआ।
128 हिज़्र - मौत,प्रवास,दूर जाना (इसी से शब्द हिज़रत बना है)।
129 समद - अजन्मा।
130 जिन्न - आग से बने हुये लोग जो दृष्टि से औझल होते हैं।
131 कुर्बानी - त्याग।
132 लौहे कलम - ईश्वर द्वारा किस्मत लिखने की कलम।
133 नास - इंसान।
134 हम्द - ईश्वर की बड़ाई।
135 रब - मालिक।
136 आलम - संसार।
137 अबद - पूजा।
138 मुस्तकीम - सही दिशा।
139 गैर - ईश्वर के कोप भाजक,दूसरे।
140 आमीन - स्वीकार है।
141 लबैक - हाज़िर हूँ।
141 तोक - गले का फंदा।
142 वाहिद -एक।
143 साहब - वाला।
144 क़ायदा - नियम।
145 तय्यर - पक्षी।
146 फ़ज़ल - कृपा।
147 खिदमत - सेवा।
148 ख़ालिक़ - पालनहार।
149 ईमान - विश्वास।
150 ख़ाक़ - रेत,मिट्टी।
151 कब्र - मरने वाले को जिस जगह ज़मीन के ढाई फिट नीचे रखने की जगह जिसे ऊपर से ढक दिया जाता है।
152 दफ़न - ज़मीन में दबाना,दफनाना।
153 कलाम - बात, भाषण।
154 रमज़ान - गर्म दिन।
155 दुआ - भलाई की प्रार्थना।
156 सलाम - सुरक्षा।
157 कलाम - बात करना।
158 अमान - संरक्षण।
159 तवारीख - इतिहास।
160 सलात - नमाज़।
161 तैयब - अच्छा।
162 ला इलाहा इलल्लाहु - नहीं है कोई पूजा योग्य सिवाय एक ईश्वर के।
163 शाहिद - गवाह।
164 शहादत - गवाही।
165 अना - मैं।
166 अंता - उन्हें।
167 हाज़ा - यह।
168 फ़ज़्ल - उपकार।
169 मिन - मेरा, मेरे।
170 दखल - प्रवेश।
171 जबल - पहाड़।
173 फ़लक़ - आकाश।
174 ख़त्ना - शिशन के ऊपर की अतिरिक्त त्वचा को हटा देना (मुस्लिम समुदाय में बचपन में ही यह क्रिया करवा दी जाती है।)।
175 ला - नहीं
176 सुब्हान अल्लाह - ईश्वर की कृपा है।
177 अल्हमदु लिल्लाह - ईश्वर का धन्यवाद।
178 माशा अल्लाह - बहुत सुंदर।
179 रहम - दया।
180 क़हर - ईश्वर का प्रकोप।
181 रहीम - दया करने वाला।
182 करीम - उपकार करने वाला।
183 करम - उपकार।
185 अज़ीम - उच्चस्थ, बड़ा, श्रेष्ठ
186 मुकीम - ठहरा हुआ।
187 सना - ईश्वर की बड़ाई।
188 अक़्द - प्रतिज्ञा,शपथ।
189 सूरा - पाठ, कुरआन में कुल 476 सूरा हैं।
190 शाकिर - उपकार के प्रति कृतज्ञता।
191 हिफ़्ज़ - रक्षा।
192 हाफिज - रक्षक।
193 मुहसीन - अहसान,उपकार करने वाला।
194 हुस्न - अच्छाई।
195 नेक - अच्छे काम करने वाला।
196 बद - बूरे काम करने वाला।
197 मिस्कीन - गरीब।
198 खैर - अच्छाई,भलाई।
199 हबीब - मित्र।
200 खलील - सिर्फ ईश्वर से ही मांगने वाला।
201 शिर्क - ईश्वर के समकक्ष किसी अन्य को ठहराना।
202 अखिरत्त - अंतिम दिन
203 सफर - यात्रा।
204 वक़्फ़ - ईश्वर की संपत्ति।
205 मुतवल्ली - रखरखाव करने वाला।
206 अज़ान - पाँच समय की नमाज़ हेतु दी जाने वाली आवाज़।
207 मुक़तदी - ईमाम के पीछे खड़ा होने वाला।
208 मुअजिन - अज़ान देने वाला।
209 आलम - सृष्टि।
210 इबादत - पूजा।
211 माबूद - पूजनीय।
212 कीरअत - कुरआन को सुंदर व ऊँची अवाज़ में पढ़ना,इमाम द्वारा फ़ज़्र मगरिब व ईशा की नमाज़ में प्रथम दो फ़र्ज़ बुलन्द अवाज़ में पढ़ना।
213 तकबीर - नमाज़ के प्रति क्रियापद में बदलाव हेतु इमाम द्वारा अल्लाहु अकबर की आवाज़ देना
214 तकबीरे ओ'ला - नमाज़ के पहले सफ़ में खड़े होने से पहले मुक़ब्बिर द्वारा कहे जाने वाले शब्द
215 मुक़ब्बिर - इमाम के पीछे खड़ा व्यक्ति जो तकबीर ओ'ला कहता है
216 जलसा - दोनों घुटनो के बल बैठना (नमाज़ में)
217 मुनकर - अच्छाई लिखने वाला फ़रिश्ता जो बायें कंधे पर बैठा रहता है
218 नकीर - बुराइयाँ लिखने वाला फ़रिश्ता जो दायें कंधे पर बैठा रहता है।
219 मुक़तदी - इमाम के पीछे खड़े होने वाले।
220 नियत - नमाज़ पढ़ने से पहले नमाज़ की नीयत करना।
221 सवाब - पुण्य कर्मफल।
222 अज़ाब - पाप कर्मफल।
223 फ़ज़्ल - कृपा।
224 नूर - प्रकाश।
225 ला'दरी - पता नहीं।
226 नक़ल - टिप्पणी।
227 मौत - मृत्यु।
228 बकर - गाय।
229 ज़ालिक - यह।
230 मुत्तक्क़ी - धर्मपरायण।
231 मोमिन - ईमान का बहुवचन (ईमान वाले)।
232 मन - कौन,क्या।
233 रुजूल - चेहरा।
234 कसीरा - अधिक।
235 नफ़्स - मन।
236 ज़िद - बढाना।
237 इल्म - ज्ञान।
238 इयाका - जिसकी।
239 इब्न - बेटा।
240 बिन्त - बेटी।
241 अख - भाई।
242 वलद - पिता।
243 रहमत - दया।
244 आबिद - उपासक।
245 लहम - दूध।
246 मोया - पानी।
247 कुर्सी - सिंहासन।
248 कयाम - ठहराव।
249 मंज़िल - पड़ाव।
250 नहल- चिंटी
251 बाब - दरवाजे।
252 दर्जा - ऊँचाई।
253 तालिब - विद्यार्थी।
254 अमन्तु - मानना।
255 उम्मी - अनपढ़।
256 जावेद - अमर।
256. अल्लाह - ईश्वर, खुदा, उपास्य, अराध्य, पूज्य।
(भगवान शब्द का उपयोग नहीं कर सकते, क्योंकि भगवान का अर्थ अवतार (मां के पेट से जन्म लेने वाला और मनुष्य की तरह जीवन यापन/क्रिया करने वाला होता है)
257. रसूल,अंबिया,नबी - ईश्वर के दूत, संदेश वाहक
258. फरिश्ते, मल्क, मलाइक - यमदूत (ईश्वर के कार्य करने वाले प्रकाश से बने सहायक)
259. शैतान, इब्लीश - देव जो ईश्वर और मानव का शत्रु है।
260. जन्नत, बहिष्त- स्वर्ग, शांति और आराम का स्थान
261. जहन्नम, नार - आग, नरक, यातना का स्थान
262. दीन - धर्म, पंथ
263. हम्द, तस्बीह - ईश्वर की बड़ाई
264. निसा - स्त्री
265. बकर - गाय
266. मुआयदा - समझौता
267. फातिहा - फतह, विजय
268. सुरह - पाठ, अध्याय
269. आयत - पाठ्यांश, सीख, वाक्य
270. हर्फ - वर्ण
271. सलात - (नमाज) - ईश्वर के समक्ष उपासना हेतु क्रियाविधि
272. जकात - सम्पूर्ण आय और संपत्ति का 2.5% दान
273. हज - एक माह विशेष में कम से कम जीवन में एक बार पवित्र काबा के दर्शन करना जिसमें न्यूनतम 40 दिन रुकना अनिवार्य है।
274. कुरआन - ईश्वर की ओर से अवतरित अंतिम पुस्तक जिसमें भलाई का मार्ग प्रशस्त किया गया है और जीवन जीने का ढंग सिखाया गया है।
275. शिर्क - ईश्वर के समान किसी को पूज्य, उपास्य,अराध्य,समकक्ष मानना। ऐसा करने वाले व्यक्ति मुशरिक कहलाते हैं।
276. ईमान - विश्वास, आस्था
277. कुफ्र - ईश्वर में आस्था हेतु मना करना, नकारना, ऐसा करने वाले लोग काफिर कहलाते हैं।
278. तोहीद - एकेश्वरवाद
279. रब - पालनहार
280. खालिक - रोजगार दाता
281. सिरात - रास्ता,मार्ग
282. सब्र - संयम
283. शरीयत - ईश्वर के बनाए नियम जो कुरआन और अन्य अवतरित पुस्तकों में बताए गए हैं।
284. उमरा - हज के महीने के अतिरिक्त काबे के दर्शन करना,इसमें न्यूनतम 3 दिन आवश्यक हैं।
285. निकाह - विवाह समझौता
286. तलाक - पुरुष द्वारा विवाह विच्छेद
287. खुला - महिला द्वारा विवाह विच्छेद
288. मेहर - विवाह समझौते के समय निश्चित किया गया स्त्री धन।
289. गुनाह - पाप,अपराध
290. अस्तगफार - प्रायश्चित
291. सवाब - पुण्य का प्रतिफल,पुरस्कार
292. अजाब- पाप का प्रतिफल, दंड
293. अमल -कर्म (बहुवचन आमाल)
294. तौबा - क्षमा मांगना
295. दुआ - प्रार्थना
296. सदका - पुण्य कर्म, जकात के अतिरिक्त दान
297. तागुत - अरबों में पूजा जाने वाला देव
298. पारा - भाग/खंड
299. हलाल - जिन कार्यों/खाद्यों के उपयोग की अनुमति है, अनुमत।
300. हराम - वर्जित, अनअनुमत, जिसकी अनुमति नहीं।
301. नूर - प्रकाश
302. रहम - दया
303. करम - कृपा
304. हबीब - प्रिय
305. सदीक - मित्र, साथी
306. वली - मित्र
307. मुबीन - प्रकाशित, दिखाई देने वाली (यह शब्द कुरआन के संबंध में है), मार्गदर्शक।
308. यतीम - अनाथ
309. मिस्किन - निर्धन
310. जईफ - बूढ़े
311. वालदेन - माता - पिता
312. जोजा - पत्नी
313. अमीन - सच्चा
314. अर्द - गगन, आसमान, आकाश
315. सम्श - सूर्य
316. कमर- चांद
317. समावात - धरती, भूमि
318. हरम - माक्का में ईश्वर का घर, काबा
319. वारिस - उत्तराधिकारी
320. सालेह - सदमार्गी
321. सोम - रमजान के महीने में (रमजान का अर्थ - गर्म दिन) रोजा, इंद्रिय निग्रह (सूर्योदय से सूर्यास्त के समय तक मुंह, आंख, कान,नाक और त्वचा से शरीर में कोई वस्तु/पदार्थ ग्रहण नहीं करना,और इस अवधि में ब्रह्मचर्य का पालन करना
322. मुनाफिक - दोगला, समय और परिस्थिति के अनुसार पलटने वाला, अविश्वासी, किसी भी स्थिति में विश्वास योग्य नहीं, ईमान और कुफ्र के मध्य
323. ईमान - विश्वास
324. मुसलमान - ईमान (विश्वास) पर टिके रहने वाला।
325. तोक - सांकल, जंजीर (कैद करने के बाद कैदी के हाथ पैर और गले में डाला जाने वाला लोहे का सरिया।
326. अब्द - अजर - अमर
327. इद्दत - पति की मृत्यु/विवाह विच्छेद के बाद 130 दिवस तक स्त्री का पिता,भाई,पुत्र और मेहरम (जिन से निकाह हराम(वर्जित) है के अलावा किसी अन्य व्यक्ति से (गैर महरम) से नहीं मिलना। इससे यदि गर्भ में बच्चा है तो आकार ले लेगा और असली पिता की पहचान की जा सकेगी।
329. हुस्ना - नेकी - भलाई
330. बदी - बुराई
331. जेहाद - धर्म युद्ध
332. शहीद - सत्य के मार्ग में संघर्ष करते हुए मृत्यु को प्राप्त हो जाना
333. नास - मानव,इंसान (मिट्टी से बने)
334. जिन्न - देव (आग से बने) जो किसी भी व्यक्ति का रूप ले सकता है। इबलिश इसी वर्ग का देव है जो आदम से पूर्व धरती और स्वर्ग में रहता था। इबलिश ने सभी आसमानों और भूमियों के प्रत्येक इंच पर ईश्वर का सजदा किया था।
335. मगफिरत - मुक्ति,मोक्ष
336. तकवा - आचरण के नियमों के अनुसार चलना
337. सजदा - ईश्वर के घर (काबे) की और मुंह कर माथा,हाथ पैर की अंगुलियाँ ओर नाक धरती पर टिका कर झुकना
338. रुकूअ - ईश्वर के घर (काबे) की और मुंह कर आधे झुकने (दोनो हथेलियां पैरों के घुटनों पर) की क्रिया
339. नज्म - सितारों से सजा आकाश , इसकी गणना कर भविष्यवाणी (जो वर्जित/हराम है) करने वाले को नजूमी कहते हैं
340. कयामत - प्रलय , अंत का दिन
85. मोमिन - दृढ़ विश्वासी (ईश्वर और उसकी पुस्तक,दूत,यमदूत,भाग्य,प्रलय के दिन, मृत्यु के पश्चात जीवन और हिसाब पर भरोसा)
341. कल्ब - हृदय
342. बनी इजरायल - इसराइल की संतान
343. हनीफ - ईमानदार (हजरत इब्राहिम के बारे में)
344. तस्बीह - ईश्वर की बड़ाई का स्मरण
345. इबाद - पूजा, अराधना, साधना
346. उम्मी - अनपढ़ (हजरत मोहम्मद स0 के बारे में)
347. सीरात - मार्ग, रास्ता
348. मुस्तकिम - सद्मार्ग
349. किताब - ईश्वरीय अवतरण (चार पुस्तके तोरात - मूसा (कालीमुल्लाह), इंजील दाऊद (स.) और जुबूर (ईशा अ.) पहले की अवतरित पुस्तके अंतिम पुस्तक कुरआन (हजरत मोहम्मद स.)
350. जिब्राइल - एक फरिश्ते का नाम जो ईश्वर के संदेश वाहकों तक ईश्वर के संदेश पहुंचाते हैं)
391. इसराफिल - प्रलय हेतु ध्वनि के लिए पाबंद एक फरिश्ते का नाम
392. इसराइल - मौत हेतु नियत एक फरिश्ते का नाम
98. बाब - दरवाजा इसका बहुवचन अबवाब
393. जिदनी - बढ़ावा
394. इल्मी - ज्ञान
395. रहमत - कृपा
396. रुकुअ - ठहराव
397. नुसरत - मार्गदर्शन
शमशेर भालू खां
9587243963
No comments:
Post a Comment