संयोजक मोबाइल 958724396
शमशेर भालू खां पता - 296 सदफ आशियाना कायमखानी बस्ती सहजूसर चूरू 331001
क्रमांक - दिनांक -
सेवा में,
श्रीमान ...............
...................
राजस्थान सरकार, जयपुर।
विषय - संविदाकर्मी नियमितीकरण बाबत।
संदर्भ - संविदा सेवा नियम 2022 (20)
महोदय जी,
उपर्युक्त विषयांतर्गत सादर निवेदन है कि राजस्थान सरकार ने वर्ष 2022 में राजस्थान के सभी संविदाकर्मियों को नियमित करने हेतु संविदा सेवा नियम 2022 लागू किए। इन नियमों के अनुसार जिन संविदाकर्मियों को पांच वर्ष या उस से अधिक संविदा कार्य करते हुए हो गए हों उन्हें संबंधित ग्रेड पे पर नियमित किया जाना प्रस्तावित है। राज्य सरकार ने इस हेतु आईएस पैटर्न के अनुसार पूर्व की सेवा गणना प्रति तीन वर्ष का एक वर्ष मानते हुए करने का निर्णय भी ले लिया साथ ही आईएस पैटर्न में दो वर्ष की शिथिलता देते हुए जिन संविदा कार्मिकों का पूर्व अनुभव तीन वर्ष हो, उन्हें नियमितीकरण हेतु पात्र मानते हुए उक्त नियम के बिंदु 20 के अनुसार संबंधित ग्रेड पे पर नियमित करने का निर्णय लिया।
श्रीमान जी,
वर्तमान में सभी संविदाकर्मी उक्त छूट के दायरे में आ रहे हैं, परन्तु विभागों में फाइलों के लंबित होने, बार - बार फाइलों के आवागम के कारण कार्य अटका हुआ है। आपकी सरकार ने उक्तानुसार बजट घोषणा में गत सरकार के निर्णयों को यथावत रखा है और छूट का प्रस्ताव भी यथावत रखा है।
वित्त मंत्री महोदया द्वारा विभागीय कार्यवाही सुचारू करने हेतु SOP जारी की गई जो समय पर पूरी नहीं हो सकी। अब नई SOP (दिशा निर्देश जारी कर कार्य समयबद्ध करवाने एवं सभी विभागों द्वारा वित्त एवं कार्मिक विभाग के निर्देशों की अनुपालना अपेक्षित है।
अल्पसंख्यक मामलात विभाग के अधीन मदरसा बोर्ड में माननीय चेयरमैन महोदय एवं श्रीमान सचिव महोदय के बीच आपसी रंजिश एवं खींचतान के कारण कार्य अटका हुआ है।
अतः आप से प्रार्थना है कि संविदाकर्मी नियमितीकरण कार्य चार्ट बनवाकर पूर्ण करवाने का श्रम करावे।
धन्यवाद।
संयोजक
इस पत्र की एक प्रति श्रीमान मुख्य सचिव एवं एसीएस डीओपी केके पाठक साहब को भी व्यक्तिश दी गई।
शमशेर भालू खां
9587243963
#संविदाकर्मी_नियमितीकरण
नमस्कार/सलाम/सत श्री अकाल - साथियों,
व्हाट्सएप एवं अन्य माध्यम से प्राप्त व्यक्तिगत संदेशों/सुझावों के आधार पर आंदोलन का प्रथम चरण ब्लॉक स्तर से प्रारंभ किया जाना उचित होगा।
साथियों से प्राप्त मत के अनुसार -
कार्यक्रम समयबद्ध होगा जिसमें सात दिन के लिए ब्लॉक स्तर पर, पांच दिन के लिए जिला स्तर पर और इसके बाद प्रदेश स्तर हेतु सभी उपस्थित साथियों से विचार के बाद आगे का कार्यक्रम तय किया जाएगा।
1. एक दिन का आंदोलन - एक दिन के आंदोलन से काम नहीं चलने वाला।
2. तब और अब की बदलती परिस्थितियां - संविदा कर्मीयों की पूर्व की और वर्तमान परिस्थितियों में बदलाव आया है। शख्त निगरानी एवं गहन पड़ताल के कारण जिस बात के लिए हम लड़ रहे हैं उसी से बाहर होने पर लड़ाई बेमानी हो जाती है। खेल मैदान के भीतर रह कर ही खेल सकते हैं, मैदान से बाहर नहीं।
3. अवकाश - संविदाकर्मी को 12 आकस्मिक अवकाश मिलते हैं, आंदोलन में बिना किसी अवकाश के उपस्थित होना संभव नहीं। जयपुर आने जाने के लिए औसत 3 अवकाश की आवश्यकता होती है। यदि दो दिन ठहर गए तो पांच दिन हो गए। हमें घरेलू जीवन में अवकाश की आवश्यकता पड़ती रहती है। मेडिकल अवकाश ले कर धरने में शामिल नहीं हो सकते। अवैतनिक अवकाश सात दिन से अधिक लेने पर संविदा सेवा पर प्रतिकूल असर पड़ता है।
4. आर्थिक भार - संविदा कर्मी को लगभग 20 हज़ार रुपए औसत मासिक मानदेय मिलता है। हम जानते हैं आज के समय में इतने कम वेतन में घर चलाना कठिन ही नहीं दुष्कर है। हमारी अन्य कोई आमदनी नहीं है। जयपुर आने - जाने पर लगभग तीन हज़ार रुपए औसत खर्च होते हैं (इसमें खाना,चाय, नाश्ता, ठहरना शामिल नहीं है) दो दिन रुकने के न्यूनतम दो हज़ार रुपए खर्च होते हैं। यदि महीने में दो बार बुला लिया गया तो दस हज़ार रुपए खर्च होंगे। यह बड़ा खर्च है। सभी की परिवार और सामाजिक जिम्मेदारियां बढ़ गई हैं।
अतः उक्त सभी परिस्थितियों को मद ए नजर रखते हुए आंदोलन -
1. सात दिन के लिए ब्लॉक स्तर पर होगा।
2. सात दिन बाद आठवें दिन सामूहिक रूप से पांच दिन के लिए जिला स्तर पर होगा।
3. चाय, छोलदारी, दरी व अन्य खर्च न्यूनतम होंगे जो सामूहिक रूप से बांट लिए जाएंगे।
4. यह नहीं सोचना कि धरने में भीड़ नहीं है। धरना एक आदमी का वही है और सौ का भी वहीं।
5. धरने में शाम को चार बजे एक साथ सभी ब्लॉक से ज्ञापन नियमित रूप से दिए जाएंगे।
6. धरना स्थल पर एक रजिस्टर जिसमें उपस्थिति, समर्थन एवं कार्यवाही रजिस्टर रखा जाएगा।
7. रविवार के दिन धरना पूरे दिन सुबह दस बजे से छः बजे तक एवं अन्य दिन विद्यालय समय के बाद से शाम छः बजे तक रहेगा।
8. किसी प्रकार की हिंसा वर्जित है।
9. इसमें सभी संविदा वर्ग सम्मिलित हैं।
10. अन्य संगठनों से संपर्क कर धरने हेतु समर्थन के प्रयास सभी करें।
11. जो साथी आगे आ कर जिम्मेदारी लेना चाहें वो शारीरिक एवं मानसिक पीड़ा उठाने हेतु तैयार रहें।
12. आगे चर्चा के बाद रणनीति में बदलाव किया जा सकता है, इस हेतु मंच सदैव खुला है।
संयोजक
संयुक्त संविदा मुक्ति मोर्चा , राजस्थान
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